सीसीटीवी कैमरा आज आम आदमी को बौना बना रहे हैं और उन को ज्यादा फर्क पड़ने लगा है जिन के पास अगर कुछ है तो थोड़ी सी इज्जत है. देश के गरीब किसानों, मजदूरों, कारीगरों के पास आज बस थोड़ी सी इज्जत होती है, रुपयापैसा नहीं. उन की इस इज्जत की खुली नीलामी होने लगे तो इस से बुरा कुछ न होगा.
मद्रास हाईकोर्ट के एक सिंगल जज ने कहा कि राज्य के हर ब्यूटी पार्लर और मसाज स्पा में सीसीटीवी होना चाहिए ताकि वहां कोई अनैतिक काम न हो. यह हुक्म असल में उस हुक्म की तरह है कि दलित औरतें अपनी छातियों को न ढकें जो कभी केरल में जबरन लागू किया जाता था और बाकी जगह अपनेआप लागू हो जाता था क्योंकि गरीब औरतों के पास 2 जोड़ी तक कपड़े होते ही नहीं थे और नहाते या कपड़े धोते समय उन्हें अपना बदन सब की आंखों के सामने खोलना पड़ता. अंगरेजी में बनी फिल्म ‘गांधी’ में एक सीन यह बड़ी अच्छी तरह दिखाया गया है जब नदी में नहाती एक बिना कपड़ों के गरीब लड़की को गांधी अपनी धोती दे देते हैं.
हाईकोर्ट के फैसले का मतलब है कि इन ब्यूटी पार्लरों और मसाज स्पाओं में काम करने वाली लड़कियां असल में देह बेचती हैं और ऊंची जातियों के लोग खरीदते हैं. वे न ब्यूटी ट्रीटमैंट कराते हैं, न मालिश. यह पूरी जमात को बदनाम करने वाला फैसला है. ब्यूटी पार्लरों व मसाज स्पाओं में काम करने वाली ज्यादातर लड़कियां निचली जातियों की होती हैं. फाइवस्टार होटलों को भी धर्म के हिसाब से ऊंची कही जाने वाली लड़कियां इन कामों के लिए कम मिलती हैं.
ये लड़कियां अगर देह व्यापार में हैं तो भी क्या? यह उन का हक है. वे मेहनत की कमाई करती हैं. ऊंचे हाईकोर्ट में बैठे जज कमाऊ लड़की की आमदनी को रोकने या उस की इज्जत को खराब करने का हक नहीं रखते. देह व्यापार से जुड़ा सारा कानून असल में देश की दलित व ओबीसी लड़कियों के खिलाफ साजिश है जिस में ग्राहकों को तो बरी कर दिया जाता है पर लड़कियों, उन को घर में रखने वालियों, दलालों, सहायकों पर मुकदमे चलाए जाते हैं जो सब निचली जातियों के होते हैं. हां, ऊंची जातियों के पुलिस वाले, फाइनैंसर, नेता, मकान मालिक, म्यूनिसिपल कमेटी के इंस्पैक्टर वगैरह इन से अच्छी कमाई करते हैं.
गनीमत है कि सिंगल जज के फैसले को 2 जजों की बैंच ने जल्दी ही उलट दिया. 2 जजों ने जाति का मसला तो नहीं लिया, पर उन की चिंता थी ऊंची जातियों के ग्राहकों की, जिन की सीसीटीवी फुटेज ब्लैकमेल के लिए इस्तेमाल हो सकती हैं और जो निजता के हक का हनन करती हैं. उन्हें भी उन लड़कियों की चिंता नहीं थी जो ब्यूटी ट्रीटमैंट दे रही थीं या मसाज कर रही थीं और सीसीटीवी में आ जातीं.
चाहे ये लड़कियां ज्यादातर दलित और पिछड़ी क्यों न हों, इन को इज्जत से रहने का हक है, पूरा हक है. इन की फोटो ब्यूटी पार्लर या स्पा मालिक या पुलिस वालों के पास नहीं हो सकती. तमिलनाडु सरकार का आदेश कि ब्यूटी पार्लर या मसाज स्पा में घुसने के रास्ते पर सीसीटीवी लगा हो जजों ने बहाल किया है पर वह भी गलत है क्योंकि वह फुटेज वहां काम कर रही लड़कियों की इज्जत को तारतार करती है.    

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