जब देश में महंगाई की डायन का साया चारों तरफ फैल रहा हो, बेरोजगारी बेतहाशा बढ़ रही हो, कानूनों की मनमानी के खिलाफ देश के कितने हिस्सों में जनता उबाल पर हो, राजपाट करने वाले या तो प्रवचन करने में लगे हैं या धर्म का डंका बजा कर राज्य सरकारों को गिराने में लगे हैं.

पश्चिम बंगाल के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने जय श्रीराम का नारा लगा रखा है और खरीदफरोख्त कर के अब पुडुचेरी की कांग्रेस सरकार गिरा दी. राज करने वालों को या तो पौराणिक धर्म को बचाने की चिंता है या फिर उस के सहारे अपनी गलतियों को छिपाने की.

देश की जनता की मूल परेशानियों के बारे में भाजपा की सोच गायब सी हो गई है. जितने मंत्री हैं, सांसद हैं, राज्य सरकारों के मुख्यमंत्री हैं अगर भारतीय जनता पार्टी के हैं तो राम मंदिर के लिए चंदा जुटाने में लगे हैं या जनता को बहकाने में कि इसी से उन का कल्याण होगा, इस जन्म में नहीं तो अगले जन्म में पक्का. जो दूसरे दलों की सरकारें हैं वे सम झ नहीं पा रहीं कि वे जनता के हितों में काम करें या अपनी धोती में भाजपा की लगाई गई आग को बुझाने में.

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नुकसान जनता का है. जनता को जो मिलना चाहिए वह नहीं मिल रहा. हां 1940-45 की तरह बंगाल में आए अकाल की तरह देश की सड़कों पर भूखों की कतारें नहीं लग रहीं और गरीब और किसान भी जो कैमरों की लपेटों में आ रहे हैं, खातेपीते दिख रहे हैं, पर यह कमाल इस सरकार का नहीं, यह बिजली, पानी, कपड़ा, मकान की नई तकनीकों का है.

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