उस महिला की शक्ल देख कर ही उत्तर प्रदेश के जिला इलाहाबाद के थाना झूंसी के थानाप्रभारी विजय प्रताप सिंह को लगा कि यह किसी भारी मुसीबत में है. उन्होंने उसे बैठा कर उस की परेशानी पूछी तो उस ने रोते हुए कहा, ‘‘साहब, कल रात से मेरे पति का कुछ पता नहीं है.’’

‘‘क्या नाम है तुम्हारा, तुम रहती कहां हो?’’ विजय प्रताप सिंह ने पूछा तो महिला ने रोते हुए कहा, ‘‘साहब, मेरा नाम आरती है और मैं यहीं पड़ोस में शिवगंगा विहार कालोनी में रहती हूं.’’

‘‘अपने पति के बारे में पूरी बात बताओ. वह कब घर से गए, कहां गए और कब तक रोज घर आते थे? वह करते क्या हैं, उन का नाम क्या है?’’

‘‘साहब, उन का नाम विजयशंकर पांडेय है. वह कल दोपहर बाद घर से निकले थे. शाम तक घर नहीं आए तो मैं ने उन के मोबाइल पर फोन किया. लेकिन बात नहीं हो सकी, क्योंकि उन का फोन बंद था. एक तो पानी बरस रहा था, दूसरे बात नहीं हो पा रही थी, इसलिए मुझे चिंता हो रही थी. घर के पिछले हिस्से में बाढ़ का पानी भी भरा था, ऐसे में उन का न आना परेशान कर रहा था. बरसात की वजह से मैं उन्हें कहीं खोजने भी नहीं जा सकी. जब वह सवेरे भी नहीं आए और बात भी नहीं हो सकी तो मैं थाने आ गई.’’

‘‘ठीक है, मैं तुम्हारे पति की गुमशुदगी दर्ज करा कर आगे की काररवाई करता हूं.’’ विजय प्रताप सिंह ने कहा और विजयशंकर पांडेय की गुमशुदगी दर्ज करा दी.

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