Murder : मोबाइल की घंटी लगातार बज रही थी. नीरज सहरावत नहाने में इतना मस्त था कि उस ने मोबाइल की घंटी की आवाज पर ध्यान ही नहीं दिया. नहाने के बाद तौलिया लपेट कर वह कमरे में आया तो जैसे ही वह शीशे के सामने खड़ा हुआ तो उस की नजर टेबल पर रखे मोबाइल फोन पर गई. उसे उठा कर उस ने देखा तब उसे स्क्रीन पर 4 मिस्ड काल नजर आईं. वह मिस काल्स सीमा उर्फ ङ्क्षरकू की थीं.
'अरे बाप रे!’ नीरज अपनी जगह उछल पड़ा, 'मैडम ने 4 बार मुझे काल की है, मैं ने इन्हें रिसीव नहीं किया. आज तो मैडम गुस्से से लाल हो जाएगी.’
नीरज ने सीमा का नंबर मिला दिया. एकदो बार की घंटी बजी. दूसरी तरफ सीमा जैसे मोबाइल हाथ में ले कर ही बैठी थी. उस का तमतमाया स्वर उभरा, ''कहां थे जनाब..?’’
''जानू... मैं किचन में खिचड़ी पका रहा था,’’ नीरज ने बहाना बनाया, ''खिचड़ी जल न जाए, इसलिए उस में कड़छी घुमा रहा था. मोबाइल कमरे में था, जिस की घंटी किचन में सुनाई नहीं दी मुझे.’’
''मक्कार!’’ सीमा भुनभुनाई, ''तुम्हें खिचड़ी का ही बहाना मिला. मैं जानती हूं तुम्हें गैस तक ठीक से जलानी नहीं आती.’’
''तभी तो कहता हूं जानू, तुम मेरे घर हमेशा के लिए आ जाओ, मेरी गैस जलाने वाला यहां कोई नहीं है.’’ नीरज इतनी कातर आवाज में बोला कि दूसरी तरफ सीमा खिलखिला कर हंस पड़ी, ''बस, कुछ दिन और होटल की खा लो, फिर मैं परमानेंट तुम्हारी जिंदगी में आ जाऊंगी.’’
''उस दिन मैं घी के दीए जलाऊंगा सीमा,’’ नीरज खुशी से चहका, ''बताओ, फोन किसलिए कर रही थी?’’
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