कानपुर का एक कस्बा है सिकंदरा. उसी से सटा एक गांव है सहजपुर. जिस में श्याम सिंह का परिवार रहता था. उन के परिवार में पत्नी बेगवती के अलावा 2 बेटियां कमला, विमला और एक बेटा निर्मल था. श्याम सिंह खेती करते थे. उसी की आय से ही परिवार का भरणपोषण होता था. श्याम सिंह खुद पढ़ेलिखे इंसान थे, इसलिए बच्चों को भी पढ़ायालिखाया था. कमला की शादी उन्होंने औरेया जिले के फरीदपुर गांव में नाथू सिंह के साथ की थी तो विमला की शादी कानपुर (देहात) के थाना सिकंदरा के जाटियापुर गांव के शिवनाथ सिंह के साथ, बेटा पढ़लिख कर फौज में भरती हो गया था.

श्याम सिंह की मौत हो गई तो घरपरिवार की जिम्मेदारी बेगवती ने संभाल ली थी. विमला के 3 बच्चों में अनुपम सब से छोटी थी. दसवीं पास कर के उस ने पढ़ाई छोड़ दी थी. उस की मौसी का बेटा गौरव इंटरमीडिएट पास कर चुका था. वह अध्यापक बनना चाहता था. इसलिए सीमित आय के बावजूद पिता उसे किसी चीज की कमी नहीं होने दे रहे थे.

गौरव अकसर मौसी के घर आता रहता था. 17 साल की अनुपम से गौरव की खूब पटती थी. लेकिन गौरव को अनुपम की खूबसूरती कुछ अलग ही नजरिए से सुहाती थी. वह उसे चाहत भरी ललचाई नजरों से देखता था. लेकिन रिश्ते की याद आते ही वह अनुपम पर से नजरें हटा लेता था. जबकि उस का दिल ऐसा करने की इजाजत नहीं देता था. गौरव ने बहुत कोशिश की कि वह रिश्ते की मर्यादा बनाए रखे, लेकिन दिल के मामले में उस का वश नहीं चला.

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