लेखक- वेणीशंकर पटेल ‘ब्रज’

मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में एक तहसील है गोटेगांव. गोटेगांव के रेलवे स्टेशन का नाम
श्रीधाम है. इस नाम के महत्त्व का अंदाजा इस से लगाया जा सकता है कि रेलवे द्वारा जबलपुर से नई दिल्ली तक चलने वाली ट्रेन का नाम श्रीधाम एक्सप्रेस रखा है.
श्रीधाम का संपूर्ण इलाका शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज की तपोस्थली के रूप में जाना जाता है. 2 पीठों के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने गोटेगांव से 16 किलोमीटर दूर झोतेश्वर में त्रिपुर सुंदरी का भव्य मंदिर बनवाया है. सन 1984 में जब इस मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी तो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी खुद वहां गई थीं.
नरसिंहपुर जबलपुर स्टेट हाइवे पर गोटेगांव से महज 5 किलोमीटर दूर एक छोटा सा गांव है कंजई. यहां के श्रीराम जानकी मंदिर में करीब 300 साल पुरानी श्रीराम, लक्ष्मण, सीता के साथ लड्डू गोपाल की प्रतिमाएं स्थापित हैं. 2 से 3 फीट ऊंची इन प्रतिमाओं का वजन 10-12 किलोग्राम है. इन प्राचीन मूर्तियों के कारण कंजई का यह मंदिर आसपास के इलाके में लोगों की धार्मिक आस्था का केंद्र है.
13 जनवरी, 2019 की सुबह मंदिर के पुजारी पं. उमाशंकर दूबे ने रोजाना की तरह पूजन के लिए मंदिर में प्रवेश किया तो मंदिर के गर्भगृह के दरवाजे को ताले से बंद करने वाली चैन कटी हुई मिली. यह देख कर उन का मन आशंका से कांप उठा. जब वह गर्भगृह के अंदर गए तो पुजारी के होश उड़ गए. वहां रखी हुई पांचों मूर्तियां गायब थीं.
कड़कड़ाती ठंड में पसीनापसीना हो रहे पुजारी ने आसपास के लोगों को बुला कर इस की जानकारी दी. देखतेदेखते गांव के मंदिर में हुई चोरी की खबर पूरे क्षेत्र में फैल गई.
खबर पा कर गांव के सरपंच रविशंकर पाराशर और मंदिर के ट्रस्टी पं. विष्णु दूबे के अलावा गांव के प्रमुख लोगों की खासी भीड़ मंदिर परिसर में जमा हो गई. उसी समय पुजारी पं. उमाशंकर दूबे ने मोबाइल से मंदिर से मूर्तियां चोरी होने की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दे दी.

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