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वैसे तो चंचल और और प्रिया के बीच सप्ताह में एकदो बार फोन पर बातचीत हो ही जाती थी लेकिन इस बार उसे सप्ताह भर तक बात करने का मौका नहीं मिला. उस ने 30 मार्च को जब प्रिया से बात करने की कोशिश की तो प्रिया का फोन बंद मिला.

अगले दिन उस ने फिर प्रिया से बात करने के लिए फोन मिलाया तो तब भी फोन बंद मिला. जब कई दिन तक ऐसा होता रहा तो चंचल ने शमशाद को फोन कर के पूछा कि प्रिया का फोन बंद क्यों है. उस की तबियत तो ठीक है.

शमशाद ने चंचल को बताया कि हां उस की तबीयत तो ठीक है लेकिन उस का फोन खराब हो गया था. वह अपने किसी रिश्तेदार के घर गई हुई है. चंचल को ये जानकर हैरानी हुई कि आखिर ऐसा कौन सा रिश्तेदार है, जिस के बारे में प्रिया ने उसे नहीं बताया.

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इधर प्रिया का फोन नहीं मिल रहा था, दूसरी ओर वह जब भी शमशाद से प्रिया के बारे में पूछती तो वह इधरउधर की बातें कर के टरका देता था. चंचल समझ गई कि प्रिया के साथ कोई ऐसी अनहोनी हो गई है, जिस की वजह से शमशाद उसे सच नहीं बता रहा है. दिक्कत यह थी कि लौकडाउन के कारण घर से बाहर जा कर भी प्रिया की तलाश नहीं की जा सकती थी.

अचानक अप्रैल महीने में परतापुर थाने का एक दरोगा वीर सिंह चंचल के घर पहुंच गया. उस ने बताया कि शमशाद ने उस के खिलाफ शिकायत दी है कि उस की बीवी प्रिया का चचंल ने बहलाफुसला कर अपहरण कर लिया है. उस ने प्रिया और उस की बेटी की हत्या की आशंका भी जताई है.

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