आमतौर पर हमने स्वयं को एक ऐसा लालची, लोभी और आलसी बना लिया है कि जरा भी लाभ हमें कहीं दिखाई देता है तो हम फिसल जाते हैं. हम यह भूल जाते हैं कि बिना श्रम और अथक परिश्रम के कुछ भी नहीं मिलता. और अगर मिलता है तो वह ठगी के मायाजाल के अलावा कुछ नहीं.

शायद यही कारण है कि आए दिन लोगों को लोग लालच देकर कुछ चतुर सुजान लोग सामने वाले की जमा पूंजी और तिजोरी खाली कर देते हैं. ऐसा ही एक बड़ा अपराध छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य जिला रायगढ़ में घटित हुआ जहां बड़े ही शातिर तरीके से छह वर्ष में तीन गुना राशि मिलने के लालच में किसान 12 लाख रुपए के ठगी का शिकार बनाया गया. यही नहीं जाने कितने ग्रामीण और किसान लालच और फंदे बाजी के शिकार हो गए.

एडीवी के्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड में जमा राशि की जानकारी लेने के लिए किसान जब तीन साल बाद पहुंचा तो पता चला कि कंपनी में ताला लगा हुआ है. जिसकी शिकायत कलेक्टर व एसपी से करते हुए इस मामले में जांच कर जमा राशि वापस दिलाने की मांग की गई .

सहदेवपाली रायगढ़ निवासी भोकलो निषाद ने जिलाधीश तक अपनी फरियाद पहुंचाई बताया कि स्वयं की करीब 3 एकड़ जमीन को करीब 4 साल पहले विक्रय किया था जिसके एवज में उसको १२ लाख रुपए मिला था जिसे वह आंध्रा बैंक में जमा कर रखा था लेकिन इसी बीच डभरा के ससुराल के कुंजबिहारी पटेल डोमनपुर वाले आए और 6 साल में तीन गुना राशि दिलाने का प्रलोभन दे मुझे आंध्रा बैंक ले जाकर जमा राशि का आहरण करा लिए.

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