डिजिटल तकनीक के इस दौर में हर काम औनलाइन करने का चलन बढ़ रहा है. शादीब्याह जैसे कामों के लिए बाकायदा कई मैरिज ब्यूरो और इंटरनैट पर मैट्रिमोनियल वैबसाइट हैं, जिन पर वरवधू के प्रोफाइल आसानी से मिल जाते हैं. इन वैबसाइटों पर दी गई जानकारी को सच मान कर बिना जांचपड़ताल किए रिश्ते तय करने का खमियाजा भी लोगों को उठाना पड़ रहा है.
मैट्रिमोनियल वैबसाइट पर ठगी का शिकार अकेली लड़कियां ही नहीं होतीं, बल्कि लड़के भी होते हैं. अगस्त, 2020 में मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में एक जवान लड़की से जीवनसाथी डौटकौम पर फर्जी प्रोफाइल बना कर एक लाख, 92 हजार रुपए ऐंठने का एक ऐसा ही मामला सामने आया.
फर्राटेदार इंगलिश बोलने वाले और खुद को एनआरआई डाक्टर बता कर जवान लड़कियों को शादी के झांसे में फंसा कर पैसे ऐंठने वाले एक 46 साल के शातिर ठग को स्टेट साइबर सैल ने गिरफ्तार किया.
स्टेट साइबर सैल के एसपी अंकित शुक्ला ने बताया कि पुणे की एक नामचीन कंपनी में काम कर रही जबलपुर की रहने वाली एक लड़की ने मामले की शिकायत कर बताया था कि जीवनसाथी डौटकौम पर डाक्टर ब्रुशाल कर्वे नाम से एक जालसाज ने खुद का प्रोफाइल बना रखा है. इस्तांबुल, तुर्की में डाक्टर होने का हवाला दे कर उस ने पीडि़त लड़की को भारत में मिलने की इच्छा जताई और फिर कस्टम में फंसने का झांसा दिया और अपने अकाउंट में औनलाइन एक लाख, 92 हजार रुपए ट्रांसफर करवा लिए.
पीडि़त लड़की की शिकायत पर जिस आरोपी को जबलपुर स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया गया, वह मुंबई का रहने वाला वैभव सतीश कपले है.
वैभव मूल रूप से नागपुर का रहने वाला है. उस के मांबाप की बचपन में ही मौत हो चुकी है. मुंबई में होस्टल में रह कर पढ़ाई कर के वह लंदन में डैंटिस्ट असिस्टैंट का डिप्लोमा कर चुका है. इस के पहले वह मुंबई में डाटा एंट्री औपरेटर का काम करता था. इस वजह से वह फर्राटेदार इंगलिश, मराठी और हिंदी बोलता है.
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खुद की शादी के लिए उस ने मैरिज ब्यूरो साइट पर अपना फर्जी प्रोफाइल बनाया. एक लड़की ने उसे 5,000 रुपए की मदद कर दी, तभी से उसे ठगी का आइडिया आया और उस ने अलगअलग मैरिज ब्यूरो पर अलगअलग नाम, फोटो और देश से प्रोफाइल बना कर जवान लड़कियों को शादी के झांसे फंसाने का काम शुरू कर दिया.
जबलपुर की लड़की को ठगने के लिए ने वैभव ने खुद को महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी औफ हैल्थ साइंस, नासिक का ग्रेजुएट बताया. लंदन में सर्जन के काम का अनुभव होने के साथ ही उस ने बताया कि उस की सालाना आमदनी डेढ़ लाख डौलर है. इस से पहले वह मुंबई, पुणे, जलगांव, खंडवा, इंदौर व देवास में रह कर ठगी की वारदातों को अंजाम दे चुका है. पुलिस को इन जगहों पर उस के बैंक खाते भी मिले हैं.
मैट्रिमोनियल साइट्स के जरीए ठगी का यह अकेला मामला नहीं है. इसी तरह के एक और मामले में पंजाब की मोगाअकालसर रोड की रहने वाली केवल कौर ने 13 अक्तूबर, 2017 को पुलिस को शिकायत में बताया कि उस की शादी 12 मार्च, 2015 को चूड़चक्क के मूल बाशिंदे और वर्तमान में कनाडा में रह रहे कमलदीप सिंह के साथ हुई थी.
शादी से पहले दोनों परिवारों के बीच 33 लाख रुपए में शादी की डील हुई थी, जिस के मुताबिक शादी के समय 29 लाख रुपए नकद दिए गए थे और 4 लाख रुपए शादी में खर्च किए गए थे.
केवल कौर ट्रिपल एमए थी और उस की 5 बहनें थीं. वह शादी कर विदेश जाने के चक्कर में ठगी की शिकार हुई थी. शादी के 2 महीनों के बाद पति कमलदीप अपने परिवार के साथ विदेश लौट गए. उस के बाद न तो वे वापस लौटे और न ही उसे विदेश बुलाया.
पहले तो कुछ दिन तक पति व उस के घर वालों के फोन आते रहे, फिर धीरेधीरे फोन आने बंद हो गए.
केवल कौर ने बताया कि उसे उम्मीद थी कि शायद विदेश से वीजा व दूसरे दस्तावेज पूरे करने में समय लग रहा होगा, मगर समय बीतने के बाद उसे अहसास हो गया कि वह शादी के नाम पर ठगी की शिकार हुई है.
एक तीसरे मामले की बात करें, तो छत्तीसगढ़ के रायपुर में रहने वाले शख्स मुकेश ने मैट्रिमोनियल साइट्स पर शादी के लिए अपना अकाउंट बनाया और एक लड़की अस्मिता से मेलजोल किया. अस्मिता ने खुद को विदेश में रहना बताया. इस दौरान दोनों के बीच शादी की बातें भी होने लगीं.
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बातचीत के दौरान मुकेश ने अस्मिता को विदेश से कुछ उपहार भेजने की बात कही, इस के बाद मुकेश अस्मिता द्वारा तैयार किए जा रहे चक्रव्यूह में फंस गया.
मुकेश के पास कई बार विदेश से खुद को सरकारी अफसर बता कर और फिर कभी खुद को पार्सल औफिस से बता कर कई लोगों ने फोन कर के कहा कि आप का उपहार काफी महंगा है, इसे भेजने के लिए आप को पैसे देने होंगे. ऐसा करते हुए मुकेश से साढ़े 9 लाख रुपए जमा करवा लिए.
जब अस्मिता की मुकेश से लगातार पैसों की मांग जारी रही, तो मुकेश और उस के परिवार वालों को सम झ आया कि वे ठगी के शिकार हो गए हैं और उन्होंने क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई.
ये तीनों ही मामले बताते हैं कि किस तरह शादी के नाम पर ठगी के नएनए तरीके ईजाद किए जा रहे हैं. ऐसे में जरूरी है कि केवल वैबसाइट पर प्रोफाइल में दर्ज जानकारी को सच मान कर शादी के फेर में न पड़ कर सामने वाले के बारे में सही जानकारी हासिल कर ली जाए.
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सावधानी है जरूरी
* आंख बंद कर किसी भी वैबसाइट पर रजिस्ट्रेशन न करें. पहले तो वैबसाइट के बारे में पूरी जानकारी ले कर उस के जरीए तय हुए रिश्तों के रिव्यू देखें. रजिस्ट्रेशन करते समय नई ईमेल आईडी का इस्तेमाल कर डाटा की सेंधमारी से बच सकते हैं.
* मैट्रिमोनियल साइट के जरीए रिश्ते तय करते समय संबंधित लड़केलड़की के प्रोफाइल में बताई गई जानकारी के अलावा सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स की जानकारी जरूर हासिल कर लें. इस के साथ ही पारिवारिक बैकग्राउंड, पढ़ाईलिखाई और नौकरी की जांच के लिए उन के रिश्तेदारों या उन के पड़ोसियों से संपर्क कर हकीकत जानना बेहद जरूरी है. दोस्तों से भी जानकारी निकाली जा सकती है.
* शादी तय करते समय अगर पैसों की मांग की जा रही है, तो सावधान हो जाएं. मैट्रिमोनियल साइट्स के जरीए पैसों की मांग होने पर तुरंत साइबर पुलिस को इस की सूचना दे कर ठगी से बच सकते हैं.
* शादी से पहले अपने बैंक खाते की जानकारी सा झा न करें.
* शादी से पहले किसी भी तरह के पारिवारिक या खुद के फोटो व वीडियो सा झा न करें.
* मैट्रिमोनियल साइट्स पर संपर्क में आए शख्स से किसी भी तरह का उपहार व पैसे स्वीकार न करें, क्योंकि पहले ये आप को उपहार या तोहफा दे कर विश्वास हासिल करते हैं, बाद में परेशानियों का जिक्र कर पैसों की मांग कर के ठगी करते हैं.
* विदेशों में रह रहे लोगों से वैवाहिक रिश्ते बनाने से पहले सावधानी बरतना जरूरी है. केवल वैबसाइट की जानकारी पर भरोसा न करें. उस देश में रह रहे किसी दूसरे शख्स से संबंधित के बारे में जानकारी जुटा लें और वीजा, पासपोर्ट की प्रक्रिया शादी के पहले ही निबटा लें.
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नाईजीरियन ने मैट्रिमोनियल साइट बनाई
शादी के न्योते की फर्जी साइट बना कर सोशल मीडिया के जरीए देशभर की लड़कियों और उन के परिवार वालों के लाखों रुपए ठगने का काम बड़े ही शातिराना अंदाज में जारी था. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, जांजगीर, सरगुजा जैसे अनेक शहरों में तमाम लड़कियां इस जाल में फंस कर ठगी की शिकार हो गईं.
ऐसे ही एक नाईजीरियन नौजवान ने बड़ी ही चालाकी और शातिराना अंदाज का परिचय देते हुए एक मैट्रिमोनियल साइट बनाई और लड़कियों को विदेशों में बसे अमीर लड़कों के फोटो और सपने दिखा कर ब्याह कराने का झूठ फैला कर उन्हें ठगना और भारी रकम लेना शुरू कर दिया.
पुलिस ने बताया कि फर्जी नाम से प्रोफाइल बना कर देश के कई हिस्सों में लड़कियों को शादी का झांसा दे कर लाखों रुपए की ठगी करने वाले एक विदेशी नौजवान को छत्तीसगढ़ की कोरिया पुलिस ने गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल कर ली.
ठगी के इस मामले का खुलासा करते हुए कोरिया पुलिस अधीक्षक चंद्र मोहन सिंह ने बताया कि तलवापारा बैकुंठपुर के सुदामा प्रसाद साहू के बेटे उपेंद्र साहू की लिखित शिकायत पर थाना बैकुंठपुर में मुकदमा कायम किया गया.
उपेंद्र साहू ने अपनी शिकायत में बताया कि जनवरी, 2020 को उस की छोटी बहन के साथ उक्त आरोपी ने रोहन मिश्रा के नाम से फर्जी वैबसाइट बनाई और शादी करने का झांसा दे कर व भारत में सैटल होने के नाम पर पीडि़ता से 24,07,500 रुपए की ठगी की है.
मामला दर्ज कर अज्ञात आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस महानिरीक्षक रतन लाल डांगी, सरगुजा रेंज के मार्गदर्शन में पुलिस अधीक्षक कोरिया चंद्र मोहन सिंह की अगुआई में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डाक्टर पंकज शुक्ला व उपपुलिस अधीक्षक धीरेंद्र पटेल के साथ साइबर टीम कोरिया द्वारा मामले की जांचपड़ताल की जाने लगी.
नाईजीरियन आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने जब जांच शुरू की, तो पता चला कि तथाकथित आरोपी द्वारा ह्वाट्सएप का इस्तेमाल किया गया. साइबर टीम द्वारा मामले के सभी पहलुओं की जांच की, तो आरोपी की पहचान करने में कामयाबी मिल गई.
30 साल के आरोपी का नाम एजिडे पीटर चिनाका है. उस के पिता का नाम एजिडे ओबिना है. वैसे तो एजिडे पीटर चिनाका नाईजीरिया का है, पर फिलहाल वह उत्तर प्रदेश के नोएडा में रहता था. वह रोहन मिश्रा, अरुण राय जैसे कई नाम से धोखाधड़ी किया करता था.
इस अपराध की विवेचना के दौरान विशेष टीम को दिल्ली और नोएडा रवाना किया गया था. टीम द्वारा आरोपी के ठिकाने पर दबिश दे कर उसे गिरफ्तार कर पूछताछ की गई. आरोपी द्वारा तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में भी खुद को डाक्टर, इंजीनियर, कारोबारी बताते हुए लाखों रुपए की ठगी की गई.
उस के पास से 2 पासपोर्ट, 2 नाईजीरियन डैबिट कार्ड, एक एसबीआई डैबिट कार्ड, 4 मोबाइल फोन, 14 सिमकार्ड, एक वाईफाई डिवाइस, एक लैपटौप जब्त किया गया. आरोपी के पासपोर्ट और वीजा की मीआद खत्म हो चुकी है.
यहां यह भी अहम बात है कि सोशल मीडिया द्वारा ठगी किए जाने के चलते ज्यादातर मामलों में आरोपी पुलिस के शिकंजे से बच जाते हैं. ऐसे में यह पहली जरूरत होनी चाहिए कि हम ठगों के फरेब में न फंसें.