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सौजन्य- सत्यकथा

लेखक- सुनील वर्मा  सोनू

सीमा आंटी ने करीब एक साल तक जबरन प्रीति से जिस्मफरोशी का धंधा कराने के बाद उसे एक दिन साउथ दिल्ली में रहने वाली सोनू पंजाबन के सुपुर्द कर दिया.

सोनू ने सीमा को कितने नोट दिए ये तो नहीं पता, लेकिन सोनू पंजाबन ने 3 महीने तक प्रीति को अपने कई ग्राहकों के पास भेजा और उस की मोटी कीमत वसूली. लेकिन 3 महीने बाद वह उसे अपने साथ लखनऊ ले गई. यहां उस ने लाला नाम के एक कालगर्ल सरगना के हवाले कर दिया.

लाला ने 2 साल तक न जाने कितने लोगों से उस के जिस्म का सौदा किया. लाला ने इस के बाद प्रीति को दिल्ली में रहने वाली मधु आंटी को बेच दिया.

वहीं पर प्रीति की मुलाकात हरियाणा के रहने वाले सतपाल व राजपाल हुई दोनों रिश्ते में सगे भाई थे. लेकिन दोनों ही जिस्मफरोशी के धंधे के दलाल थे.

एक दिन राजपाल उसे मधु आंटी के चंगुल से मुक्त कराने का झांसा दे कर अपने साथ अपने गांव पानीपत ले गया, जहां 60 साल के राजपाल ने उस से जबरन शादी कर के अपनी बीवी के रूप में घर में रख लिया.

राजपाल पहले से शादीशुदा था. परिवार में 3 बेटियां और 2 बेटे थे. एक बेटे और 2 बेटियों की शादी हो चुकी थी. इस बीच प्रीति गर्भवती हो गई तो राजपाल ने शहर ले जा कर उस का जबरन गर्भपात करवा दिया. अपने गर्भपात के बाद प्रीति के मन में राजपाल के लिए भी खटास भर गई.

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