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सौजन्य : सत्यकथा

सोशल मीडिया पर इंद्रकांत का वीडियो वायरल हुआ तो एसपी मणिलाल पाटीदार का पारा चढ़ गया, उन्होंने आननफानन में प्रैसवार्ता की और बताया कि इंद्रकांत त्रिपाठी जुआ व सट्टे का बड़ा व्यापारी है.

उस का नाम ग्राम रिवई में पकड़े गए जुए में आया था. काररवाई से बचने के लिए वीडियो वायरल कर अनर्गल आरोप लगा रहा है. इसी के साथ उन्होंने जिले के थानेदारों को इंद्रकांत की खोज में लगा दिया.

इंद्रकांत त्रिपाठी को भय था कि पुलिस कप्तान कुछ भी करा सकते हैं. अत: वह बांदा की ओर निकल गए. दूसरे दिन सुबह उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट लिखी, जिस में उन्होंने लिखा, ‘प्रिय पत्रकार बंधुओं, मैं कल यानी 9 सितंबर को एक प्रैसवार्ता करने जा रहा हूं, जिस का स्थान मेरा क्रशर यानी आरजेएस ग्रेनाइट होगा.

समय सुबह 11 बजे. कप्तान मणिलाल पाटीदार, कबरई थाना इंचार्ज देवेंद्र शुक्ला, खन्ना थाना इंचार्ज राकेश कुमार सरोज, खरेला इंसपेक्टर राजू सिंह तथा सिपाही अरुण कुमार के भ्रष्टाचार के एकएक सबूत दिए जाएंगे.’

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दोपहर बाद इंद्रकांत त्रिपाठी अपनी औडी कार से बांदा से कबरई के लिए रवाना हुए. जब वह बधवाखेड़ा गांव के पास पहुंचे, तभी उन्हें गोली मार दी गई. गोली उन के गले में लगी, जिस से उन की गाड़ी एक पत्थर से टकरा कर झाडि़यों में पलट गई. घायल अवस्था में ही उन्होंने मोबाइल फोन पर यह सूचना अपने मित्र सत्यम को दी.

सूचना पाते ही सत्यम अपने पिता अर्जुन के साथ अपनी कार से बंधवाखेड़ा गांव पहुंचा और खून से लथपथ इंद्रकांत को महोबा के जिला अस्पताल पहुंचाया. इस के बाद सत्यम ने यहसूचना इंद्रकांत के घर वालों को दी.

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