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सौजन्य- मनोहर कहानियां

करीब 20 सालों से फरार रंगदारी, हत्या समेत लगभग 200 मामलों में वांटेड फिल्मी हस्तियों, बिल्डरों, नेताओं और बिजनैसमैनों को धमकी दे कर पैसे की उगाही करने वाला कुख्यात गैंगस्टर रवि पुजारी आखिर पकड़ा ही गया. कर्नाटक पुलिस उसे पश्चिमी अफ्रीकी देश सेनेगल से भारत ले तो आई, पर क्या उस का अंजाम भी छोटा राजन जैसा ही...

अंडरवर्ल्ड डौन रवि पुजारी करीब 2 साल के अथक प्रयास के बाद आखिर पश्चिमी अफ्रीकी देश

सेनेगल की राजधानी डकार से नाटकीय ढंग से एक नाई की दुकान से पुलिस के हाथ लग ही गया. डौन रवि पुजारी 90 के दशक का मुंबई का सक्रिय अपराधी रह चुका था.

उस के खिलाफ ही नहीं, उस की पत्नी के खिलाफ भी इंटरपोल का रेड कार्नर नोटिस जारी था. लेकिन वह लंबे समय से फरार चल रहा था. वह बहुत ही चालाक अपराधी था, इसलिए उसे पकड़ने के लिए काफी सतर्कता बरती गई थी.

रवि पुजारी कई बार पुलिस के हाथों से निकल चुका था. उसे पकड़ने के लिए सेनेगल पुलिस 3 बसों में भर कर पहुंची थी और उसे चारों तरफ से घेर लिया था.

रवि पुजारी की कहानी भी वैसी ही है, जैसी आम बदमाशोें या अंडरवर्ल्ड डौन की होती है. मूलरूप से वह मंगलुरु का रहने वाला था. मंगलुरु में एक जगह है माल्पे, जहां वह 1968 में पैदा हुआ था.

उस के पिता शिपिंग फर्म में काम करते थे. रवि पढ़ाई में काफी कमजोर था. लगातार फेल होने की वजह से उसे स्कूल से निकाल दिया गया. बचपन से ही उसे फिल्मों का बहुत शौक था. स्कूल से निकाले जाने के बाद अपने इसी शौक की वजह से रवि मुंबई आ गया था. मुंबई में रोजीरोटी के लिए यह अंधेरी में एक चाय की दुकान पर काम करने लगा, जहां वह लोगों को चाय सर्व करता था.

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