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सौजन्य- मनोहर कहानियां

इस बार सुप्रीम कोर्ट ने उन की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इस तरह वह जेल चले गए. जेल में रहते हुए भी वह जो चाहते वही करते थे. इस दौरान वह जेल में बीमारी का बहाना बना कर सरकारी अस्पताल के कैदी वार्ड में डेरा जमाए रहते और अपने समर्थकों को वहां बुला कर पार्टी करते रहते थे. वहां उन का दरबार भी लगता था.

पप्पू यादव भले ही सलाखों के पीछे थे, लेकिन जेल में भी उन का रुतबा कायम था. 26 सितंबर को उन्होंने जेल में ही अपने 50 साथियों के साथ पार्टी मनाई. पप्पू यादव द्वारा जेल में पार्टी करने की बात जब बाहर के लोगों को मालूम हुई तो सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सख्ती करते हुए जेल वार्डन और 2 संतरियों को सस्पेंड कर दिया.

इस के करीब 3 महीने बाद सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाइकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिस में पप्पू यादव को जमानत हो गई थी. सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि पप्पू यादव जेल से बाहर रह कर अजीत सरकार हत्याकांड के गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, जिस से न्याय प्रक्रिया में बाधा आ सकती है.

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बेउर जेल से भेजा तिहाड़

पटना के बेउर जेल में रहने के दौरान उन के पास मोबाइल बरामद हुआ था. साथ ही यह भी पता चला था पप्पू यादव ने कई महत्त्वपूर्ण लोगों से बातें की थीं. सीबीआई को शक था कि पप्पू यादव यहां रहते हुए केस को प्रभावित कर सकते हैं अत: सीबीआई ने अदालत से अपील की कि पप्पू यादव की असंवैधानिक गतिविधियों को देखते हुए उन्हें बेउर जेल से हटा कर किसी अन्य जेल में भेजा जाए.

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