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सौजन्य- मनोहर कहानियां

कोरोना की दूसरी लहर के बीच देश के अधिकांश हिस्सों में लौकडाउन और कर्फ्यू के कारण तमाम तरह की गतिविधियां लगभग बंद पड़ी थीं. इस दौरान पुलिस अपराध नियंत्रण की जगह या तो लोगों की मदद करने में जुटी थी या लौकडाउन का पालन कराने और लोगों को कोरोना संक्रमण से जागरुक करने में.

लेकिन इस दरम्यान कुछ ऐसा हुआ कि 30 मई, 2021 को दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पुलिस मुख्यालय में एक खास मकसद से एक आपात बैठक बुलानी पड़ी. इस बैठक में चुनिंदा पुलिस अधिकारी मौजूद थे. इस आपात बैठक में पुलिस कमिश्नर एस.एन. श्रीवास्तव के सामने क्राइम ब्रांच के विशेष आयुक्त प्रवीर रंजन के साथ साइबर क्राइम सेल के संयुक्त आयुक्त प्रेमनाथ तथा इसी सेल के डीसीपी अनेष राय मौजूद थे. पुलिस कमिश्नर के सामने एक मोटी फाइल  रखी थी.

‘‘प्रवीर क्या तुम्हारी यूनिट को खबर है कि इन दिनों औनलाइन फ्रौड का कौन सा नया ट्रेंड सब से तेजी से अपना काम कर रहा है?’’ कमिश्नर एस.एन. श्रीवास्तव ने क्राइम ब्रांच के विशेष आयुक्त प्रवीर रंजन से मुखातिब होते हुए पूछा.

‘‘औनलाइन फ्रौड के तो दरजनों तरीके हैं सर और साइबर क्रिमिनल इन सब के जरिए ही क्राइम कर रहे हैं. जब से कोरोना महामारी फैली है और लोग लौकडाउन के कारण घरों में बंद हैं, तब से तो आए दिन एक नया औनलाइन फ्रौड सामने आ रहा है. सौरी सर, लेकिन आप किस नए ट्रेंड की बातें कर रहे हैं?’’ प्रवीर रंजन पुलिस कमिश्नर की बात को स्पष्ट रूप से समझ नहीं सके तो उन्होंने संकोच करते हुए उन से साफतौर से बताने का आग्रह किया.

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