सौजन्य- मनोहर कहानियां
इशारा मिलते ही बौर्डर के दूसरी तरफ से करीब 10 फुट लंबा एक पीवीसी पाइप तारों के बीच से निकाला गया. इस पाइप में डाल कर कपड़े की माला के रूप में हेरोइन के पैकेट दूसरी तरफ से धकेले गए, जो भारतीय सीमा में निकल आए. हरमेश और रूपा इन पैकेटों को निकाल रहे थे, तभी बीएसएफ ने फायरिंग कर दी. इस पर वे तीनों हेरोइन के पैकेटों को छोड़ कर अंधेरे में अपनी जान बचाते हुए कच्चे रास्तों पर भाग निकले.
भागते हुए उन्होंने बौस को वाट्सऐप काल भी की, लेकिन उस ने काल रिसीव नहीं की. इस के बाद वे सुरक्षा एजेंसियों से बचते हुए इधरउधर भागते हुए खेतों में छिपते रहे, लेकिन सुरक्षा बलों की नजरों से बच नहीं सके और वे दोनों पकड़े गए.
काला सिंह के नहीं मिलने पर यह माना गया कि पूरे इलाके से वाकिफ होने के कारण वह फायरिंग होने पर भाग कर बौस तक पहुंच गया और दोनों गाड़ी से वहां से फरार हो गए.
दोनों तसकरों से पूछताछ के बाद बीएसएफ ने जांचपड़ताल की, तो पता चला कि 2-3 जून की रात करीब डेढ़-दो बजे बौर्डर पर पाकिस्तानी रेंजर्स ने सरकारी गाड़ी से तसकरों को बंदली पोस्ट के सामने जीरो लाइन तक पहुंचाया था. इस गाड़ी से तसकरों के साथ हेरोइन और पीवीसी पाइप लाया गया था. बाद में यह गाड़ी पाकिस्तान के वाच टावर की तरफ चली गई.
पाकिस्तानी तसकरों ने पाइप में तारबंदी के पास घनी झाडि़यों और रेत के टीलों की ओट में हेरोइन के पैकेट डाले और भारतीय सीमा से पत्थर फेंके जाने का इंतजार किया. पत्थर फेंकने पर इशारा मिलते ही पाक तसकरों ने वह पीवीसी पाइप तारबंदी के बीच से भारतीय सीमा में सरका दिया.
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बीएसएफ को मिली थी गुप्त सूचना
बीएसएफ को जांच में बंदली सीमा चौकी के सामने पाक के वाच टावर की ओर जाती गाड़ी के निशान मिले और एक गाड़ी भी टावर के पीछे खड़ी नजर आई. इस से पाकिस्तान के नापाक इरादे के सारे शक पुख्ता हो गए.
दरअसल, बीएसएफ की गुप्तचर शाखा को कई दिनों से यह सूचनाएं मिल रही थीं कि पाकिस्तानी तसकर जम्मूकश्मीर और पंजाब बौर्डर के रास्तों पर ज्यादा सख्ती होने के बाद से राजस्थान से लगी सीमाओं पर हेरोइन की तसकरी के सुरक्षित रास्ते तलाश रहे हैं. हेरोइन की तसकरी के जरिए पाकिस्तान भारत में नारको टेरेरिज्म फैलाने की साजिश रच रहा है.
इन्हीं सूचनाओं के बीच पाकिस्तान के कुख्यात तसकर मलिक चौधरी को 9 मई, 2021 के आसपास बौर्डर पर देखा गया था. माना जा रहा है कि वह अपने विश्वस्त सहयोगियों के साथ भारत में हेरोइन तसकरी के लिए सुरक्षित पौइंट की जगह तलाश कर रहा था.
बीएसएफ इंटेलिजेंस को मलिक की आवाजाही की भनक लग गई थी. इस के बाद बीएसएफ ने बौर्डर पर खाजूवाला की 114 बटालियन और सतराना की 127 बटालियन के इलाके में चौकसी कड़ी कर दी थी.
इसी के साथ फ्रंटियर के आईजी पंकज गूमर और डीआईजी (इंटेलिजेंस) मधुकर से सूचनाएं साझा की गईं. डीआईजी पुष्पेंद्र सिंह और बटालियन कमांडेंट अमिताभ पंवार ने सर्च औपरेशन प्लान किया. जी ब्रांच के डिप्टी कमांडेंट दीपेंद्र सिंह शेखावत के नेतृत्व में टीम बनाई गई. इस टीम ने खाजूवाला से सतराना तक सर्च औपरेशन कर दिया.
इसी दौरान सूचनाएं मिलती रहीं कि तसकर खराब मौसम का फायदा उठा कर हेरोइन डिलीवर कर सकते हैं. राजस्थान के सीमाई इलाकों में जून का महीना खराब मौसम में गिना जाता है. इस दौरान लू और आंधी चलती है. आंधी चलने से हवा में बहुतायत से रेत उड़ती है.
इस से पहले भी फरवरी 2021 में बीकानेर के खाजूवाला की संग्रामपुरा और कोडेवाला सीमा चौकी के बीच हेरोइन तसकरी की कोशिश की गई थी. इस मामले में खाजूवाला थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी, लेकिन पुलिस किसी को नहीं पकड़ सकी.
तसकरों से की गई गहन पूछताछ
इस मामले में तब तारबंदी के दोनों तरफ 2-2 तसकरों के पैरों के निशान (फुट प्रिंट) मिले थे. जांच में सामने आया था कि भारतीय सीमा में 2 तसकर सड़क पर बाइक छोड़ कर पैदल ही तारबंदी तक गए थे. 2 अन्य तसकर सड़क पर ही रहे थे. मौके पर 2 बाइकों के टायरों के निशान, चाकू, कपड़ा, पानी की बोतल आदि चीजें मिली थीं.
3 जून, 2021 की रात पकड़ी गई 283 करोड़ रुपए की हेरोइन के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए 2 तसकर रूपा और हरमेश से पूछताछ में पता चला कि अफगानिस्तान की यह हेरोइन पंजाब पहुंचाई जानी थी. लौकडाउन और तसकरी के दूसरे रास्ते बंद होने के कारण वहां सब से ज्यादा डिमांड हो रही थी.
राजस्थान फ्रंटियर पर अब तक की सब से बड़ी हेरोइन तसकरी पकड़े जाने और दोनों गिरफ्तार तसकरों से कुछ सुराग मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियां हरकत में आ गईं. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने दोनों आरोपियों को अदालत में पेश कर 7 दिनों के रिमांड पर लिया.
बाद में उन्हें बीएसएफ के 127 बटालियन हैडक्वार्टर पर ले जा कर पूछताछ की गई. एनसीबी के डीडीजी ज्ञानेश्वर सिंह ने भी वहां पहुंच कर दोनों तसकरों से पूछताछ की.
इन से पता चला कि पंजाब का कुख्यात तसकर काला सिंह इस इलाके से पूरी तरह वाकिफ था. वह कई बार इस इलाके में आ कर रैकी कर चुका था.
बौर्डर पर सभी सीमा चौकियों तक पक्की सड़कें बनी हुई हैं. इसलिए वहां तक वाहनों की आवाजाही आसान है. काला सिंह ही उन्हें कैंपर गाड़ी से बौर्डर पर ले कर आया था.
खास बात यह पता चली कि पंजाब का रहने वाला काला सिंह उर्फ हरमेश केवल 20 साल का है. उस के खिलाफ कई संगीन मुकदमे दर्ज हैं. वह करीब 4 साल से हेरोइन की तसकरी में लिप्त है. यानी वह बालिग होने से पहले से ही 15-16 साल की उम्र में इस धंधे में उतर आया था.
वह 2019 में अमृतसर में हेरोइन और अवैध हथियार के साथ पकड़ा गया था. जमानत पर छूटने के बाद उस ने पंजाब के फिरोजपुर में एक मर्डर कर दिया था, जिस का मुकदमा फिरोजपुर सिटी थाने में दर्ज है. पंजाब पुलिस इस मामले में उस की तलाश कर रही थी.
अगले भाग में पढ़ें- कैसे नारको टेरेरिज्म फैलाने की साजिश की गई?