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सौजन्य- सत्यकथा

उस की लिखित शिकायत पर पुलिस ने शेख बिलाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. शेख बिलाल ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उस की ही पत्नी उस के साथ ऐसा कर सकती है. उस के इस दुस्साहस से बिलाल नफरत से बिलबिला उठा और उस ने सुफिया को सजा देने की ठान ली.

इधर सुफिया पति को जेल भिजवाने के बावजूद उसी के घर में सीना ताने डटी रही, तनिक भी डरी नहीं. उस के डर से सौतन शब्बो खातून और नाबालिग बेटे की घिग्घी बंध गई थी. मांबेटे दोनों घर में डरडर कर रहते रहे और शब्बो पति की जमानत की तैयारी में जुट गई थी.

महीना भर जेल में रहने के बाद शेख बिलाल जमानत पर छूट कर घर आया तो सुफिया को देख कर उस का खून खौल उठा. वह उसे अपने घर में एक पल के लिए बरदाश्त नहीं कर पा रहा था. उस का चेहरा देखते ही उसे जेल की सलाखें याद आ रही थी. उस ने सोच लिया था कि उसे अब क्या करना है.

शेख बिलाल ने पहली पत्नी शब्बो खातून के साथ मिल कर एक खतरनाक योजना बनाई. योजना सुफिया को रास्ते से हटाने की थी. पति का साथ देने के लिए वह तैयार हो गई. पहले उसे रास्ते से हटाने के लिए गोली मार कर हत्या करने की योजना बनाई. इस के लिए उस ने एक कट्टा भी खरीद लिया था लेकिन बाद में उस ने अपनी योजना बदल दी.

वह कुछ ऐसा करना चाहता था कि न तो लाश को पुलिस पहचान सके और न ही पुलिस कभी उस तक पहुंच सके, एकदम फूलप्रूफ योजना बनाना चाहता था और ऐसी ही योजना बनाई भी.

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