अलवर जिले में निमराणा की एक खास पहचान है. उस के अंतरगत कस्बाई इलाका ततारपुर में 16
मार्च, 2022 को थानाप्रभारी विजय चंदेल बोरी में लाश की सूचना पा कर चौंक गए थे. वह सोचने लगे आखिर कौन है, जिस ने इलाके की शांति भंग करने की कोशिश की. सूचना देने वाला कोई अज्ञात राहगीर था, जिस ने फोन पर शास्त्री कालोनी में पुलिया के नीचे एक प्लास्टिक की बोरी में लाश होने की जानकारी दी थी. उस से बदबू आने की भी बात कही थी.

सूचना पाते ही थानाप्रभारी चंदेल तुरंत अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए थे. तब तक वहां लोगों की भीड़ जुट गई थी. सभी नाकमुंह बंद किए हुए सड़क पर से ही पुलिया के नीचे प्लास्टिक की बोरी को देख रहे थे. उन की नजरें बोरी पर टिकी थीं. 2 पुलिसकर्मी बोरे के पास गए. उस में से आ रही बदबू से लाश के 2-3 दिन पुरानी होने का अंदाजा लगाया. सावधानी से बोरी के बंधे मुंह को खोला.
बोरी में लाश ठूंस कर कसी गई थी. ऊपर मुड़े हुए पैर थे, जिसे देख कर किसी महिला की लाश होने की पहचान हुई. लाश को बोरी से बाहर निकाला गया, जो एक सुंदर युवती की थी. चंदेल ने लाश का मुआयना किया.

अंदाज से उस की उम्र 30 के करीब आंकी गई. पहनावे, बालों व चेहरे के बनाव शृंगार से वह शहरी और किसी साधनसंपन्न घराने की लग रही थी. उसे बोरी में भर कर फेंकने का मतलब साफ था कि उस की किसी ने हत्या कर ठिकाने लगाने की कोशिश की थी. पुलिस ने लाश की पहचान आसपास खड़े लोगों के जरिए कराने की कोशिश की, किंतु अधिकतर ने बताया कि वह ततारपुर इलाके की नहीं है.

उस की शिनाख्त नहीं होने पर थानाप्रभारी ने अधिकारियों के निर्देश पर लाश का पंचनामा बनाया और लाश पोस्टमार्टम के लिए भेज दी. चंदेल ने थाने लौट कर एक अज्ञात युवती की लाश बरामदगी की प्राथमिकी दर्ज कर ली. जल्द ही लाश की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ गई. रिपोर्ट में युवती की गला घोट कर मौत होने की बात कही गई थी. उस के बाद पुलिस के सामने 2 उलझनें थीं. पहली, लाश की जल्द से जल्द सही पहचान हो जाए. दूसरी, उस के हत्यारे को दबोच लिया जाए. इस के लिए ततारपुर थानाप्रभारी ने कुछ तरीके अपनाए. मुखबिरों को अलर्ट करने के साथसाथ शास्त्री कालोनी और घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरे के बीते हफ्ते भर की फुटेज निकलवाई.

मुखबिरों से मालूम हुआ कि ततारपुर के कुछ लोगों ने घटनास्थल पर 14 मार्च की शाम करीब 7 बजे एक सफेद कार देखी थी. इस का सुराग लगते ही भिवाड़ी एसपी शांतनु कुमार सिंह के निर्देश पर थानाप्रभारी विजय चंदेल की अगुवाई में एक पुलिस टीम बनाई गई. टीम में एएसआई सुरेंद्र कुमार, कांस्टेबल अमर सिंह, महिला कांस्टेबल बलकेश, कांस्टेबल अनिल कुमार आदि शामिल किए गए.
पुलिस टीम ने सीसीटीवी कैमरे से निकाले गए फुटेज की जांच की. उन्हें सफेद कार दिखी, जिस का नंबर डीएल10 सीएन 9908 था. यह संदिग्ध कार 14 मार्च, 2022 को बहरोड़ से ततारपुर के घटनास्थल पर आ कर रुकी थी और कुछ देर बाद उसी रास्ते से वापस लौटती दिखाई दी थी.

दिल्ली के रजिस्ट्रैशन वाली यह कार पुलिस की निगाह में चढ़ गई. उस की डिटेल से कार मालिक का नाम और पता मालूम हो गया. कार का मालिक कपिल गुप्ता (39 वर्ष) आनंद विहार में कड़कड़डूमा में दयानंद विहार का रहने वाला था. पुलिस को उस तक पहुंचने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी. दिल्ली पहुंच कर राजस्थान पुलिस ने कपिल को दबोच लिया. हालांकि पकड़े जाने पर कपिल अड़ गया. नाराजगी दिखाते हुए बोल पड़ा, ‘‘ऐसे क्यों पकड़ा है मुझे? मैं एक इज्जतदार बिजनैसमैन हूं, कोई ऐरागैरा नहीं जो…’’

‘‘तुम्हें अभी बताता हूं कि तू कौन है. और सुन, ज्यादा तावतेवर दिखाने की जरूरत नहीं है. यह फोटो देख और बता इस बोरी को पहचानता है? अच्छा छोड़, इसे देख कर बता, इस कार को तो पहचानता ही होगा?’’ जांच करने वाले पुलिस अधिकारी ने एक झापड़ मारते हुए कहा. ‘‘कार तो मेरी है, लेकिन बोरी को नहीं पहचानता हूं.’’ कपिल हकलाता हुआ बोला.

‘‘तू अभी सब कुछ पहचान लेगा. पहले ये बता तुम्हारी कार 14 मार्च को दिल्ली से निमराणा में ततारपुर क्यों गई थी?’’ पुलिस ने कड़कती आवाज में पूछा.‘‘मैं तो एक महीने से दिल्ली के दूसरे इलाके में भी नहीं गया और आप राजस्थान की बात कर रहे हैं.’’ कपिल ने सफाई दी. लेकिन तुरंत उस के गाल पर एक और झन्नाटेदार झापड़ लगा.

‘‘इस वीडियो में देखो, गाड़ी कौन चला रहा है? और तुम्हारी बगल में बैठी औरत कौन है?’’
‘‘जी…जी…यह तो मैं ही हूं, बगल में मेरी पत्नी है. लेकिन यह वीडियो दिल्ली की है,’’ कपिल बोला.
‘‘दिल्ली की है? लगता है तुम पुलिस का डंडा खाए बगैर सच नहीं बताओगे… वीडियो में समय और तारीख क्या दिख रहा है 14 मार्च 2022. समय है 18:52 यानी शाम के 6 बज कर 52 मिनट. अब यहीं पूरी बात बताएगा या दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच में ले चलूं. मैं ने वहां की परमिशन ले रखी है.’’
‘‘बताता हूं, यहीं बताता हूं. सब सच बताऊंगा. मैं ने वह सब तंग आ कर किया. बहुत परेशान हो गया था साहब. मेरे पास और कोई रास्ता नहीं था. मैं अपनी ही गलतियों के कारण ब्लैकमेल हो रहा था.’’ बोलतेबोलते कपिल भावुक हो गया.

उस की आवाज भर्रा गई. आंखों से आंसू निकल आए. यह देख कर पुलिस ने उसे अपना रूमाल निकाल कर दे दिया. एक गिलास पानी मंगवाया.कपिल गटागट आधा गिलास पानी एक सांस में ही पी गया. नम आंखें साफ कीं. फिर उस ने जो कुछ बताया, वह काफी चौंकाने वाली जानकारी थी.सब से पहले तो उस ने स्वीकार कर लिया कि वह 14 मार्च को अपनी गाड़ी से ततारपुर के इलाके में गया था. उस के साथ पत्नी सुनैना के अलावा 2 नौकर भी थे. वहां जाने का कारण थी प्रियंका बंसल खत्री.

वह उस के बच्चों को पिछले 9 सालों से ट्यूशन पढ़ा रही थी, लेकिन बीते 2 सालों से उसे ब्लैकमेल भी कर रही थी. पैसे ऐंठ रही थी. 6-7 महीने से तो 50 लाख रुपए मांग रही थी. नहीं देने पर मुझे बलात्कार के जुर्म में जेल भेजने की धमकी दे रही थी. पुलिस बड़े ध्यान से कपिल की बातें सुन रही थी. उस के बयान की रिकौर्डिंग भी की जा रही थी. पुलिस ने बीच में ही कपिल को टोका, ‘‘तुम ने प्रियंका के खिलाफ पुलिस में शिकायत क्यों नहीं की?’’

‘‘उस की क्या शिकायत करता साहब, किस मुंह से करता. मैं ही उस के रूपजाल और जवानी में फंसा हुआ था. उस के साथ मेरा सालों से अवैध रिश्ता बना था.‘‘वह चाहती थी कि मैं अपनी पत्नी को छोड़ कर उस से शादी कर लूं. जब मैं ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता है, तब उस ने पत्नी की हत्या करवाने की भी बात की. वह मुझे बारबार जेल भेजने की धमकी देती थी. सो एक दिन मैं ने ही उसे खत्म करवा दिया.’’
‘‘खत्म करवा दिया मतलब?’’
‘‘मैं ने अपनी पत्नी से कह कर नौकरों के द्वारा उस की हत्या करवा दी. उस के बाद लाश को ठिकाने लगाने के लिए ततारपुर गया था. वहीं हम ने बोरी में रखी प्रियंका की लाश को सुनसान इलाके में फेंक दिया. उसी रात 11 बजे वापस दिल्ली भी आ गए.’’ कपिल ने बात पूरी की.
‘‘प्रियंका की हत्या किस ने की? उसे कैसे मारा?’’ पुलिस ने पूछा.

‘‘वह भी बताऊंगा साहब, सब कुछ बताऊंगा. मैं ने उसे नहीं मारा और न ही उस की लाश तक को हाथ लगाया. पहले थोड़ा पानी पी लेता हूं.’’ कपिल शांति से बोला. ‘ठीक है, ठीक है. …और पानी मंगवाऊं क्या? कहो तो चाय या कौफी मंगवाता हूं.’’‘‘नहीं, नहीं. करीब 29 साल की छरहरी देह वाली प्रियंका को हमारे 2 नौकरों, राजकिशोर यादव और सचिन देवल ने झांसे में लेने के बाद गला दबा कर मार दिया था.’’

‘‘प्रियंका के बारे में भी बताओ. वह कौन थी? कैसे तुम्हारी जिंदगी में आई, उस के परिवार वाले मातापिता, भाईबहन पति या कोई और प्रेमी आदि…’’ पुलिस ने कहा.‘प्रियंका पास के ही चांद मोहल्ला गांधी नगर में अपने परिवार के साथ रहती थी. मेरी जानपहचान तब से है, जब वह मात्र 20 साल की थी. उन दिनों मेरी उम्र भी 30 साल थी. मेरी शादी हो चुकी थी और 2 बच्चे स्कूल जाने लगे थे. उन की घर पर ट्यूशन के लिए मैं ने प्रियंका को लगा दिया था…’’

इस पूछताछ के बाद उसी वक्त पुलिस की एक टीम प्रियंका के घर पर भी गई. घर पर प्रियंका की मां मिलीं. उन से प्रियंका के बारे में पूछा. इस पर उस की मां ने बताया कि वह 14 मार्च को बैंक से पैसे लाने को कह कर निकली थी, उस के बाद से वापस नहीं लौटी है.पुलिस ने प्रियंका के मांबाप से 3 दिनों तक जवान बेटी के घर नहीं लौटने पर भी उस की किसी तरह की खोजखबर नहीं लेने का कारण पूछा. इस पर उन्होंने बेरुखी से जवाब दिया, ‘‘साहब, वह अपने मनमरजी की मालिक थी. बेफिक्र रहती थी. पहले भी 3-4 दिनों तक बगैर बताए चली जाती थी. लौटने पर बताती थी कि जिस बिजनैसमैन के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती है, उस के काम के सिलसिले में टूर पर अचानक जाना पड़ता है. अपने जरूरी सामान का एक बैग वहीं पैक रखती थी.’’

‘‘अभी तुम्हारी बेटी किस हाल में है नहीं देखना चाहोगी?’’ पुलिस ने कहा.‘‘किस हाल में है का क्या मतलब साहब! क्या हुआ उसे?’’ प्रियंका की मां बोली.‘‘यह जानने के लिए तुम्हें मेरे साथ निमराणा चलना होगा. वहीं सब कुछ मालूम पड़ जाएगा.’’इस तरह राजस्थान पुलिस को लावारिस लाश के बारे में करीबकरीब तमाम आवश्यक जानकारियां मिल चुकी थीं. हत्यारे के बारे में भी मालूम हो गया था. वे हिरासत में भी ले लिए गए थे.

लाश की पहचान होते ही मामले की सिलसिलेवार रिपोर्ट तैयार करनी रह गई थी. अगले रोज सभी के साथ जांच टीम ततारपुर थाने में थी.सब से पहले लाश की पहचान करवाई गई, जिस की शिनाख्त उस के मांबाप ने प्रियंका के रूप कर ली. अपनी बेटी को अचानक मृत पा कर वे वहीं रोनेपीटने लगे. खुद को कोसने लगे और अपने भविष्य को ले कर मातम मनाने लगे. कारण वही घर का खर्च उठाए हुए थी.
अलवर के ततारपुर थाने में कपिल गुप्ता, सुनैना गुप्ता, राजकिशोर यादव और सचिन देवल को प्रियंका की हत्या का आरोपी बना कर मुकदमा दर्ज कर लिया गया. प्रियंका की लाश उस के मातापिता को सौंप दी गई, जिस का ततारपुर में ही अंतिम संस्कार करवा दिया गया.

प्रियंका हत्याकांड का विस्तार से खुलासा करने के लिए सभी आरोपियों से बारीबारी पूछताछ की गई. मुख्य आरोपी के रूप में कपिल गुप्ता के दोनों नौकरों का नाम सामने आया, जबकि कपिल और सुनैना का नाम हत्या की योजना बनाने और लाश को ठिकाने लगाने में आया.हालांकि इस पूरे हत्याकांड का इकलौता जिम्मेदार कपिल गुप्ता ही था, जिस की प्रेम कहानी और अवैध संबंध का अंजाम था. उस के बाद हत्याकांड की जो कहानी उभर कर सामने आई, वह इस प्रकार थी—

पूर्वी दिल्ली के आनंद विहार स्थित दयानंद विहार, कड़कड़डूमा में रेडीमेड गारमेंट्स के व्यापारी कपिल गुप्ता परिवार समेत रहते थे. परिवार में पत्नी सुनैना और 2 बच्चों का खुशहाल परिवार था. उन का अच्छाखासा करोड़ों के टर्नओवर का बिजनैस था.बात साल 2014 की है. कपिल ने अपने बच्चों का अच्छे पब्लिक स्कूल में नाम लिखवा दिया था. उन के होमवर्क आदि के लिए प्रियंका को ट्यूशन पर रख लिया था. वह कुछ समय के लिए घर आ कर हर रोज बच्चों को पढ़ा दिया करती थी.
दरअसल, मध्यमवर्गीय परिवार की प्रियंका बंसल भी उन दिनों दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रैजुएशन कर टीचर की नौकरी की तलाश में थी. टीचर ट्रेनिंग का कोर्स भी करना चाहती थी.

वैसे प्रियंका बहुत ही सुंदर थी. मौडल की तरह फिगर था. सिनेमा और सीरियल जैसी हीरोइन जैसा चेहरा मासूमियत से दमकता रहता था. बगैर मेकअप के भी वह गजब की खूबसूरत दिखती थी. फिर भी बनठन कर रहती थी. उस की सुंदरता ऐसी थी कि जो कोई उसे एक नजर में देख लेता, बारबार निहारे बगैर नहीं रहता था.महत्त्वाकांक्षी भी कम नहीं थी प्रियंका. अपनी हर इच्छा पूरी करने की कोशिश करती थी. स्वभाव से जिद्दी. वह चाहती थी कि हमेशा सुंदर दिखती रहे. इस के लिए अपने खानपान से ले कर सेहतमंद बने रहने के लिए दूसरे तरीके भी अपनाती थी.

यहां तक कि हर्बल टैबलेट्स और स्किन ग्लो करने के लिए दवाइयां तक खाती थी. अपनी आमदनी की अच्छी रकम अपने शरीर की देखभाल और नए ड्रैस पर किया करती थी. मौजमस्ती की जिंदगी की लालसा थी.कपिल के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने के दरम्यान उस की मुलाकात कपिल और सुनैना से होती रहती थी. अपने मिलनसार स्वभाव के कारण जल्द ही वह सभी की प्रिय बन गई. उस की पढ़ाई से बच्चे भी संतुष्ट रहते थे. उन का रिजल्ट अच्छा आने लगा था. इसे देखते हुए कपिल उस की तारीफ करने लगा था.

2 सालों में प्रियंका एक घर की सदस्य की तरह बन गई थी. बेरोकटोक घर में आनेजाने लगी थी. इसी बीच प्रियंका ने महसूस किया कि कपिल उस से अकेले में मिलने और बातें करने के बहाने ढूंढने लगा है. कई बार उस के ड्रैस की तारीफ भी कर चुका था. बाल बनाने के स्टाइल के बारे में पूछते हुए कहा था कि सुनैना को भी वह स्टाइल सिखा दे.संयोग से एक बार कपिल को उसे गाड़ी में ले जाने का मौका मिल गया था. दरअसल, मौका मिला नहीं था, बल्कि उस ने जनबूझ कर ऐसा किया था, ताकि उस से अकेले में बातें कर सके.

उस दिन कपिल ने अपने प्रेम का इजहार प्रियंका को एक गिफ्ट दे कर किया. गुदगुदी तो प्रियंका के दिल में भी काफी समय से हो रही थी. उस ने भी थैंक्स कहने के बजाय सीधे गले गई थी. कपिल के लिए यह अनोखा अनुभव था. वह हतप्रभ हो गया था. खुश था, बोल पड़ा, ‘‘बड़ी अच्छी परफ्यूम लगाई है, कौन सी है?’’‘‘आप भी तो हमेशा अच्छी परफ्यूम लगाते हो. भीनीभीनी हो कर भी प्यारी लगती है.’’ प्रियंका हंसती हुई बोली.

इस के जवाब में कपिल सिर्फ मुसकरा कर रह गए. प्रियंका भी ‘बाय’ बोलती हुई जाने लगी.
कपिल उसे जाते हुए तब तक देखता रहा, जब तक वह सड़क पार नहीं कर गई. कपिल को उस का लचकती कमर मटकाते हुए चलने का अंदाज अच्छा लग रहा था. उस ने प्रियंका को जींस में पीछे से सैक्स अपील का अनुभव किया था.अगले ही रोज कपिल ने प्रियंका को एक जींस गिफ्ट करते हुए कहा, ‘‘यह मेरी फैक्ट्री का नया आइटम है.’’

प्रियंका अचकचाती हुई बोली, ‘‘कल ही तो आप ने महंगा सलवारसूट का गिफ्ट दिया था. तो आज फिर क्यों?’’‘‘यूं ही रख लो, मुझे तुम कल जींसटौप में बहुत ही हौट लगी थी, इसीलिए मैं ने सोचा…’’ कपिल की बात पूरी होने से पहले ही प्रियंका चहकती हुई बोल पड़ी, ‘‘हांहां, मेरी फ्रैंड्स भी कहती हैं कि मैं जींस में हौट और सैक्सी दिखती हूं.’’‘दिखती क्या हो, तुम तो हो ही ऐसी. किसी हीरोइन से कम दिखती हो क्या. तुम्हारा फिगर अच्छेअच्छों को भी नसीब नहीं होता है. तुम खुशनसीब हो.’’
प्रियंका अपनी तारीफ सुन कर शरमाने लगी, लेकिन कपिल के इस बदले रूप को उस ने पहली बार देखा था. थैंक्स बोली. कपिल ने भी जवाब में कहा कि उसे जब भी कुछ जरूरी हो बेझिझक उस से कह सकती है.

इस तरह दोनों के बीच दिलों की दूरियां कम होती चली गईं. दोनों कभी एकदूसरे की तारीफ करते तो कभी साथ समय गुजारने का मौका निकाल लेते.कुछ समय में ही प्रियंका ने महसूस किया कि कपिल की नजर उस पर अपनी पत्नी सुनैना से अधिक रहती है. इस का फायदा उठाते हुए वह जबतब पैसे की मदद भी लेने लगी थी. प्रियंका के लिए कपिल एक मालदार व्यक्ति था, जिस के दिल में उस ने जगह बना ली थी.दूसरी तरफ कपिल के लिए प्रियंका पैसे खर्च कर दिल बहलाने वाली खूबसूरत लड़की थी. वह उस की देह पर भी नजर गड़ाए हुए था.

एक दिन उसे मौका मिल गया. प्रियंका कपिल की आंखों में इस चाहत को अच्छी तरह से भांप चुकी थी. मन ही मन में उस की पत्नी बनने का सपना देखने लगी थी. आग दोनों तरफ से लग चुकी थी और फिर उन्होंने शारीरिक संबंध भी कायम कर लिए.यहीं से दोनों की जिंदगी में बदलाव आने की शुरुआत हो गई. प्रियंका कपिल से और अधिक खुल गई. कपिल उसे घुमाने के लिए दिल्ली से बाहर हिल स्टेशनों पर ले जाने लगा. दोनों खुल कर मौजमस्ती करने लगे. उन के अवैध संबंध की भनक कई सालों तक किसी को नहीं लगी.

इस बीच प्रियंका के मातापिता ने उस की शादी के कई रिश्ते देखे, लेकिन प्रियंका कोई न कोई बहाना बना कर टाल देती थी. उस की उम्र बढ़ती जा रही थी, लेकिन उस ने तो कपिल की बीवी बनने की ठान ली थी.2 साल पहले कोरोना काल का दौर आ गया. उन दिनों कपिल का बिजनैस बंद हो गया. कपिल और प्रियंका के प्रेम संबंध पर भी इस का असर हुआ. हिल स्टेशनों पर घूमने जाना तो दूर, राजधानी में ही उन के मिलनजुलने की समस्या आ गई.

बीते साल महामारी के बाद स्थिति सामान्य होने पर प्रियंका ने एक बार फिर कपिल के करीब आने की कोशिश की. प्रियंका ने कपिल से सीधे लहजे में बात की और शादी करने के लिए दबाव बनाया.
कपिल बोला कि पहली पत्नी के रहते हुए वह ऐसा कैसे कर सकता है. ऊपर से वह उस के बच्चों को राखी बांधती है, लोगबाग क्या कहेंगे? इसे ले कर एक बार घर में ही तीखी बहस हो गई. संयोग से बच्चे घर पर नहीं थे, लेकिन सुनैना दूसरे कमरे में थी.

हाल में उन के बीच बहस हो रही थी.भागीभागी हाल में आ कर सुनैना ने उन से पूछा कि क्या बात है प्रियंका इतनी नाराज क्यों है? सुनैना के आते ही प्रियंका आंखें दिखाती हुई बोली, ‘‘देख लेना, मैं ने जो कहा है उसे हलके में मत लेना. मैं कमजोर नहीं पड़ने वाली हूं.’’ उस के बाद प्रियंका तेजी से मेन गेट से बाहर चली गई.कपिल समझ गया था कि उस के छिपे अनैतिक कर्मों की पोल खुलने वाली है. प्रियंका के साथ उस के संबंध लोगों को मालूम होने वाला है. वह और शोर मचाए और घरपरिवार में लोगों को इस की जानकारी हो जाए, इस से पहले कुछ करना होगा. लेकिन क्या करे, समझ नहीं पा रहा था. अपना सिर पकड़ कर वहीं सोफे पर बैठ गया.

वहीं खड़ी सुनैना ने अपने पति को इस तरह से असहाय पहले कभी नहीं देखा था. उसे परेशान देख कर चिंता जताते हुए पूछा, ‘‘क्या बात हो गई? प्रियंका इतने गुस्से में क्यों थी?’’‘‘बात तो बड़ी है, मुझे ही उस का समाधान निकालना पड़ेगा,’’ कपिल बोला.‘‘सामाधान निकालना पड़ेगा? क्या समस्या है? मुझे बताओ, शायद मैं तुम्हारी कुछ मदद कर सकूं,’’ सुनैना बोली.

‘‘तुम उस में कुछ नहीं कर पाओगी, वह मुझे ब्लैकमेल कर रही है.’’ कपिल निराशा से बोला.
‘‘ब्लैकमेल! किस बात के लिए?’’ सुनैना चौंक गई.
‘‘अरे हां भई, हां. पिछले कई महीने से 50 लाख रुपए की डिमांड कर रही है. अगर नहीं दिया तो मुझे तिहाड़ जेल भिजवा देगी.’’ कपिल के मुंह से अचानक यह बात निकल गई.
‘‘तिहाड़ जेल क्यों? तुम ने क्या किया है?’’ सुनैना बोली.

यह सुनते ही कपिल फफक पड़ा, उस की आंखों से आंसू निकल आए. सुनैना ने उसे पकड़ कर उठाया. दुपट्टे से आंसू पोछे. बोली, ‘‘पूरी बात साफसाफ बताओ, मैं देखती हूं कि उस पिद्दी सी प्रियंका की इतनी औकात जो तुम्हें कुछ कहे. आने दो उसे, मैं सबक सिखाती हूं.’’
सुनैना की बातों से कपिल को बल मिला. सामान्य हो कर उस ने पूरी बात विस्तार से बता दी. अपने संबंधों को ले कर उस से माफी मांगी. सुनैना बोली, ‘‘तुम सुबह के भूले की तरह लौट आए, यही मेरे लिए बहुत है. अब तुम देखते जाओ मैं तुम्हारे लिए क्या करती हूं.’’

पत्नी की बदौलत कपिल में भी हिम्मत आ गई. उस के मन पर से एक बड़ा बोझ उतर चुका था. सुनैना की बातों से महसूस हुआ कि आगे भी सब कुछ सामान्य होने वाला है. उस रोज वह अपने काम में लग गए. उस के ठीक एक सप्ताह बाद सुनैना ने 14 मार्च को सुबहसुबह प्रियंका को फोन कर बुलाया. उसे बताया कि उस के लिए कपिल ने कुछ पैसे रखे हैं, आ कर ले जाए.

प्रियंका यह सुन कर भागीभागी आई. आ कर सुनैना के गले लग गई. बीते दिनों कपिल से गुस्से में बात करने के लिए माफी मांगी. सुनैना ने कहा, ‘‘कोई बात नहीं है. कपिल बोल रहे थे कि तुम्हें मकान खरीदने के लिए कुछ पैसों की जरूरत है. उस का उन्होंने इंतजाम कर दिया है. कुछ कैश इस पैकेट में है और कुछ बैंक से निकालने होंगे. तुम हमारे दोनों स्टाफ राजकिशोर और सचिन के साथ चली जाओ. वहीं कपिल मिल जाएंगे.’’
इस की जानकारी प्रियंका ने फोन से अपनी मां को दे दी और कपिल के दोनों स्टाफ के साथ गाड़ी में बैठ कर चली गई. जैसा कि सुनैना ने बताया था कपिल बैंक में ही मिल गया. प्रियंका पैसा निकाल कर कपिल के साथ गाड़ी में आगे बैठ गई.

कपिल उस के साथ इधरउधर की बातें करने लगा. उस की शादी तय होने की बातें करते हुए गाड़ी सुनसान लंबे हाईवे पर ले आया.
‘‘अरे यह क्या मुझे तो पहले ही मुड़ना था, अब कट यहां से ढाई किलोमीटर दूर आएगा.’’ प्रियंका हंसती हुई बोली, ‘‘कोई बात नहीं, कभीकभी ऐसी मिस्टेक हो जाती है. वैसे भी तुम बातें करने में लगे हुए थे. तुम्हारा ध्यान मुझ पर अधिक था.’’

तभी पीछे बैठे राजकिशोर और सचिन ने प्रियंका के गले में रस्सी डाल कर खींच ली. प्रियंका इस अचानक हुए हमले के लिए तैयार नहीं थी. कुछ समय में ही उस की गला घुटने से मौत हो गई.
कपिल ने गाड़ी किनारे रोक दी. राजकिशोर और सचिन तुरंत आगे आए और प्रियंका को बोरी में बंद कर दिया. बोरी को पीछे डिक्की में डाल कर वीडियो काल कर दिया, ‘‘मैडम, आप प्लाईओवर खत्म होने के बाद मौल के सामने मिल जाइए, काम हो गया है. यह देखिए हम लोग अभी इस जगह से चलने वाले हैं.’’

कपिल फिर अपनी ड्राइविंग सीट पर आ गया. थोड़ी देर में ही सुनैना मौल के सामने खड़ी मिल गई. वह कपिल के साथ वाली सीट पर बैठ गई. पीछे मुड़ कर दोनों स्टाफ को थैंक्स बोला और अपने पर्स से एकएक पैकेट निकाल कर दोनों को दे दिया. उस में पैसे थे. बाकी का काम पूरा होने पर और पैसे देने का आश्वासन दिया.

अब कपिल की गाड़ी राजस्थान के अलवर जाने वाले रास्ते पर थी. वे शाम के 7 बजे के करबी ततारपुर इलाके में पहुंच गए थे. वहीं मौका पा कर उन के स्टाफ ने बोरी में रखी प्रियंका की लाश को एक पुलिया के नीचे गिरा दी और रात के 11 बजे तक सभी वापस दिल्ली आ गए.

पूरी कहानी सुनने के बाद ततारपुर थानाप्रभारी ने चारों अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर अगले रोज मजिस्ट्रैट के सामने पेश कर दिया. वहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

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