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कानपुर के सजारी गांव का सर्वेश राजपूत देर शाम थकाहारा घर आया तो उस का साढ़ू कमलेश
उस की पत्नी के साथ उस के ही घर में मौजूद था. दोनों हंसीठिठोली कर रहे थे. उन दोनों को इस तरह करीब देख कर सर्वेश का खून खौल उठा. कमलेश साढ़ू को आया देख कर बाहर चला गया.
उस के जाते ही सर्वेश सोनम पर बरस पड़ा, ‘‘तुम्हारे बारे में जो कुछ सुनने को मिल रहा है, उसे सुन कर अपने आप पर शर्म आती है मुझे. मेरी नहीं तो कम
से कम परिवार की इज्जत का तो
ख्याल रखो.’’

‘‘मैं ने ऐसा क्या गलत कर दिया, जो मेरे बारे में सुनने को मिल गया?’’ सोनम तुनक कर बोली.
सर्वेश ताव में बोला, ‘‘तुम्हारे और कमलेश के नाजायज रिश्तों की चर्चा अब पूरे गांव में हो रही है. लोग मुझे अजीब नजरों से देखते हैं. मेरे घर वाले भी कहते हैं कि अपनी पत्नी को संभालो. सुनसुन कर मेरा सिर शर्म से झुक जाता है. आखिर मेरी जिंदगी को तुम क्यों नरक बना रही हो.’’
‘‘नरक तो तुम ने मेरी जिंदगी बना दी है. पत्नी को जो सुख चाहिए, तुम ने कभी दिया है मुझे? तुम अपनी कमाई तो शराब में लुटाते हो और बदनाम मुझे कर रहे हो.’’ सोनम ने मन की बात उगल दी.
सोनम की बात सुन कर सर्वेश का गुस्सा सातवें आसमान पर जा पहुंचा. वह उसे पीटते हुए बोला, ‘‘साली बदजात, तेरी बहन की... एक तो गलती करती है ऊपर से मुझ से जुबान लड़ाती है.’’

सोनम चीखतीचिल्लाती रही, लेकिन सर्वेश के हाथ तभी रुके, जब पिटतेपिटते सोनम बेहाल हो गई. पत्नी की जम कर धुनाई करने के बाद सर्वेश बिस्तर पर जा लेटा.
सोनम और उस के बीच आए दिन ऐसा होता रहता था. उन के झगड़े की वजह था सर्वेश का साढ़ू कमलेश. वह अकसर उस के घर आता था और सोनम से बतियाता था. सर्वेश को शक था कि सोनम और कमलेश के बीच नाजायज संबंध हैं.

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