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शादी के बाद उस ने नजमा का नाम गीता रख दिया. दरअसल, इस के पीछे उस की एक रणनीति काम कर रही थी. सरकारी दस्तावेजों में हर जगह पहली पत्नी के नाम की जगह गीता दर्ज था. अपनी सरकारी नौकरी को संजीव दांव पर नहीं लगाना चाहता था, लिहाजा उस ने दूसरी पत्नी का नाम भी गीता रख दिया.

दफ्तर के कुछ कागजों में उस ने गीता उर्फ नजमा की फोटो भी लगाई थी. इस के अलावा उस ने कुछ प्रौपर्टी अपनी पहली पत्नी गीता के नाम पर खरीदी थी. वह प्रौपर्टी उस के हाथ से न निकल जाए.नजमा उर्फ गीता के साथ संजीव मजे में रहने लगा. कुछ दिन तो नजमा के बहुत अच्छे बीते. इतनी धनदौलत और जमीनें देख कर वह बड़ी खुश हुई, मगर जल्दी ही उस की खुशियां काफूर हो गईं. संजीव का असली रूप उस के सामने आने लगा.

वह गीता की तरह नजमा पर भी जुल्म ढाने लगा. उसे बातबात पर मारनेपीटने लगा. गंदीगंदी गालियां देता. नजमा उर्फ गीता उस का यह रूप देख कर घबरा गई. एक तो वह उस से उम्र में दोगुना था, दूसरे उस ने उसे शादी के नाम पर ठगा भी था.नजमा को भी करने लगा प्रताडि़त

इन सभी अत्याचारों के बीच नजमा उर्फ गीता प्रेग्नेंट हो गई और तय समय पर उस ने एक बेटे को जन्म दिया. बेटे को पा कर संजीव खुश था मगर नजमा पर उस का अत्याचार कम नहीं हुआ था. वहीं उसे यह शक भी होने लगा था कि नजमा का किसी और से नैनमटक्का चल रहा है.इस शक के कारण उस की हिंसा और बढ़ गई. यहां तक कि उस ने अपने घर के बाहर और अंदर कमरों में सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए ताकि उसे पता चल सके कि उस की गैरमौजूदगी में उस के पास कौनकौन आताजाता है.

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