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6जुलाई की रात कोई 8-सवा 8 बजे का वक्त था, जब दक्षिणपूर्वी दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके में एक डीटीसी बस के ड्राइवर संजीव कुमार की गोली मार कर हत्या कर दी गई. जिस समय हत्या हुई, उस समय 55 वर्षीय संजीव अपनी 28 वर्षीय पत्नी गीता उर्फ नजमा और अपने 10 साल के बेटे गौरव के साथ मोटरसाइकिल से कहीं जा रहा था.

दीपालय स्कूल के पास संजीव पहुंचा ही था कि उस की चलती बाइक के बगल से एक अन्य बाइक पर 2 सवार निकले और उन्होंने संजीव की बाइक ओवरटेक करते हुए उसे गोली मार दी. गोली लगते ही संजीव एक ओर को गिर पड़ा और उसी के साथ बाइक पर बैठी उस की पत्नी और बेटा भी गिर गए.

गीता बाइक से गिरते बेहोश हो गई थी. जब उसे होश आया तो उस ने देखा कि उस का पति घायल अवस्था में एक ओर पड़ा है और उन के चारों तरफ भारी भीड़ जुटी है.
लोगों की मदद से वह अपने पति को ले कर पास के मजीदिया अस्पताल गई, जहां उस ने डाक्टरों को बताया कि उन का एक्सीडेंट हो गया है. डाक्टरों ने संजीव का चैकअप किया और उसे मृत घोषित करते हुए पुलिस को फोन कर दिया. क्योंकि मामला एक्सीडेंट का नहीं, बल्कि गोली लगने का था.

सूचना मिलने के बाद गोविंदपुरी के थानाप्रभारी जगदीश यादव टीम के साथ मजीदिया अस्पताल पहुंच गए. उन्होंने जब गीता से घटना की जानकारी लेनी चाही तो वह पुलिस को अलगअलग बयान दे कर गुमराह करने लगी. कभी कहती कि एक्सीडेंट हुआ है, तो कभी कहती कि उसे कुछ पता नहीं, वह तो बेहोश हो गई थी और कभी कहती कि कालकाजी बस डिपो के कुछ लोगों से संजीव की दुश्मनी थी, उन्होंने उसे गोली मारी है.

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