सौजन्य- मनोहर कहानियां
अदालत में वकीलों के चैंबर से ले कर अदालत के बाहर जाने वाले रास्तों पर सादा लिबास में पुलिस की टीमों ने जाल बिछा दिया. दोपहर बाद करीब साढ़े 3 बजे जब इरफान अपने वकील से मिल कर आरडीसी कालोनी से निकल कर बसअड्डे की तरफ जाने के लिए कचहरी के गेट से बाहर निकला तो सादा लिबास में खड़ी पुलिस की टीमों ने उसे दबोच लिया और गाड़ी में डाल कर कविनगर थाने ले आई.
जिस इरफान को पकड़ने के लिए कविनगर थाने की पुलिस 2 महीनों से हाथपांव मार रही थी, उस से पूछताछ करने के लिए एसपी (सिटी) निपुण अग्रवाल और एसएसपी पवन कुमार ने खुद इरफान उर्फ उजाला उर्फ आर्यन से पूछताछ की तो उस के बारे में जान कर सभी की आंखें हैरत से फैल गईं.
शातिर चोर निकला इलाके का रौबिनहुड
क्योंकि जिस शख्स को वे महानगर का सब से बड़ा चोर मान कर पकड़ने में लगे थे, असल में अपराधी के रूप में वह एक रौबिनहुड था, जो अमीरों के घर में चोरी कर के उन से की गई कमाई को गरीबों में बांट देता था. वह गरीब परिवार की लड़कियों की शादियां कराता था.
सीतामढ़ी में उस के गांव में रहने वाला कोई गरीब अगर बीमार पड़ता या किसी ऐसी गंभीर बीमारी से पीडि़त हो जाता कि उस का इलाज करना उस की सामर्थ्य में नहीं होता तो वह ऐसे लोगों के इलाज का पूरा खर्च खुद उठाता था.
किसी गरीब की बेटी की डोली अगर पैसे के बिना न उठ रही हो तो इरफान पैसा दे कर इस नेक काम में परिवार की मदद करता.
इरफान दिल्ली के कुख्यात चोर बंटी के कारनामे से बेहद प्रभावित था और उसे वह अपना आदर्श मानता है.
मूलरूप से बिहार के सीतामढ़ी में जोगिया गाढ़ा गांव के रहने वाले इरफान (35) का परिवार पहले बहुत गरीब था. पिता खेतों में मजदूरी किया करते थे और साल 2000 में उन की मौत हो गई. छोटे से टूटेफूटे मकान में रहने वाले इरफान के परिवार में उस के 2 भाई और 2 बहनें हैं.
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इरफान के साथ उस की 65 साल की मां नसीमा खातून, बड़ा भाई फरमान भाभी गिन्नी खातून और इरफान की पत्नी गुलशन परवीन तथा उस की 2 बेटियां रहते हैं. उस की एक बड़ी विधवा बहन लाडली खातून भी अपने एक बच्चे के साथ उसी के साथ रहती थी.
पांचवीं कक्षा तक पढ़ा इरफान लिखना नहीं जानता. बस वह अपने हस्ताक्षर कर सकता है. लेकिन इस के बावजूद उस के अंदर ऐसी खासियत है कि वह जिस से भी एक बार मिल ले, वह उस का मुरीद हो कर रह जाता है.
इरफान ने 2 शादियां की थीं. उस की दोनों ही शादियां प्रेम विवाह थीं. पहली शादी उस ने सीतामढ़ी की गुलशन परवीन से की, जबकि दूसरी मुंबई में रहने वाली हिंदू भोजपुरी एक्ट्रैस से.
पहली चोरी में ही मिले थे 35 लाख रुपए
पहली पत्नी गुलशन को उस ने पहली बार अपनी बड़ी भाभी के घर जाने के दौरान देखा था. वहीं दोनों में प्यार हो गया और जल्द ही दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया. उस वक्त इरफान चोरी के धंधे में नहीं था और परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी.
दोनों की शादी के लिए उन के परिवार वाले रजामंद नहीं थे, लेकिन उन की मरजी के खिलाफ दोनों ने शादी कर ली. शादी के बाद गुलशन परवीन ने पति इरफान के साथ घर की गरीबी को दूर करने के लिए एक छोटा सा होटल खोलने से ले कर कपड़े की दुकान चलाने तक के कई छोटेबड़े काम किए. लेकिन हालात नहीं सुधरे.
इसीलिए कुछ समय बाद अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए इरफान पत्नी को गांव में छोड़ कर मुंबई से दिल्ली तक घूमा. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. तभी उस की छोटी बहन की शादी तय हो गई. लेकिन परिवार के पास इतना भी पैसा नहीं था कि उस की शादी की जा सके.
यह 11 साल पहले की बात है. तब इरफान को लगा कि सीधे रास्ते से जिदंगी में कुछ नहीं किया जा सकता. इरफान ने बहन की शादी के लिए पहली बार बिहार में ही बड़ी चोरी की थी, जिस में उसे 35 लाख रुपए मिले.
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बहन की शादी हो गई, लेकिन इस के बाद इरफान की जिदंगी बदल गई. इस के बाद इरफान ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा. उसे लगा कि अगर किसी नेक काम के लिए अमीर लोगों के घर से माल उड़ा कर जरूरतमंदों की मदद की जाए तो यह पाप नहीं, बल्कि दुनिया का सब से नेक काम है.
बस रौबिनहुड के इसी सिद्धांत को अपना कर इरफान अपराध के दलदल में उतरा तो फिर उस ने वापस मुड़ कर नहीं देखा. वह चोरी दर चोरी करता चला गया.
इरफान उर्फ उजाला 22 साल की उम्र में ही मुंबई चला गया. उस के बारे में लोगों को यही जानकारी थी कि वह मुंबई, हैदराबाद, कानपुर, दिल्ली में बैग बनाने का बिजनैस करता है.
बाद में 2012 में जब वह घर आया तो उस ने लोगों को बताया कि कि वह मुंबई में बियर बार चलाता है.
हालांकि एक जमाना था जब इरफान का परिवार मजदूरी करता था. रहने के नाम पर बस एक झोपड़ी थी. काम नहीं मिलने पर खाने को लाले पड़ जाते थे. लेकिन परिवार की माली हालत सुधारने के लिए जब उस ने चोरी करनी शुरू की तो उस का रुतबा ही बदल गया था.
गांव वालों को वह अपने काम के बारे में कुछ नहीं बताता था. गांव आते ही करीब करीब 10 साल पहले उस ने गांव में पहले जमीन खरीदी, उस के बाद जब और पैसा आया तो आलीशान घर बनवाया.
अगले भाग में पढ़ें- जगुआर से जाता था चोरी करने