आपने एक कहानी पढ़ी होगी- शिकारी “पंछी” को फसाने के लिए दाने डालता है और फिर जाने कितने पंछी उस चुग्गे के लालच में आकर के दाना चुगने लगते हैं और शिकारी उन्हें अपने जाल में फंसा लेता है.
यह कहानी बचपन में पढ़ने के बाद हम मन ही मन हंसते हैं की पंछी बेचारे कितने अनजान होते हैं. और हम जिंदगी में कभी भी ऐसी कोई भूल नहीं करेंगे. इस कहानी का यही संदेश भी है.

मगर बचपन की कहानी जब हम बड़े हो जाते हैं तो शायद भोले भाले इंसान से  एक लालची, लोधी व्यक्ति के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं, जो कहीं थोड़ा भी लाभ दिखाई देता है तो उसे पाने के लिए लालायित हो जाता है. और यह भूल जाता है कि कहीं वह किसी शिकारी का शिकार तो नहीं है.

देश दुनिया में हमारे आसपास ऐसे जाने कितनी घटनाएं घटती जाती है.समाचार पत्रों में सुर्खियां बनती हैं लोग पढ़ते हैं और फिर भूल जाते हैं.

आइए आज हम आपको एक आंख खुलने वाली रिपोर्ट से रूबरू कराएं और देखें कि कैसे पढ़े लिखे लोग ठगी के जाल में फंस जाते हैं लाखों रुपए लुटा के होश आता है.

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प्रथम घटना-नोएडा की श्रीमती रमा शर्मा को फोन कॉल आया कि आपको कौन बनेगा करोड़पति में मौका मिलने वाला है और उनसे दो लाख रुपए ठग  लिए गए.

दूसरी घटना-मध्य प्रदेश के कटनी में एक इंजीनियर को सोशल मीडिया के माध्यम से लाखों रुपए की लाभ का लालच देकर कई लाख रुपए ठग लिए गए.

तीसरी घटना – महाराष्ट्र के नागपुर में एक पुलिस आरक्षक को एक कॉल आया किया की आपको जिओ से लाखों रुपए का लाभ  मिलने वाला है और उससे लाखों  रुपए ठग लिए गए.

हम आपको सावधान करते हैं

ऐसे ही जाने कितने छोटे-छोटे और बड़े-बड़े लालच देकर के लोगों को ठगा जा रहा है, लूटा जा रहा है. पुलिस और समाजिक संस्थाएं यथासंभव यह प्रयास करती हैं कि लोगों में जागरूकता आए. प्रयास जारी है मगर इसके साथ ही ठगी का या खेल और भी ज्यादा बढ़ता चला जा रहा है. अतः हम आपको सावधान करते हैं कि आप किसी शिकारी का चुग्गा फेंकने पर कदापि ना फंसे.

क्योंकि देखा जा रहा है कि  आम लोगों के अलावा भी पढ़े लिखे लोग, शासकीय पदों में बैठे हुए लोग भी छोटे से लाभ के चक्कर में फंस कर के ठगे जा रहे हैं. एक ज्वलंत उदाहरण यह है-

कम दाम में “कार” पाने की लालच में एक युवक दिल्ली के ठगों से 14 लाख रुपए की ठगी का शिकार हो गया. मामला भिलाई के सुपेला थाना क्षेत्र का है. पुलिस के मुताबिक आवेदक मोनिष लोही उम्र 22 साल सेक्टर 2 में रहता है. करीब 3 वर्ष पूर्व 20 दिसंबर 2018 को 24 शपिंग हब के स्वामी हितेश कुमार के कर्मचारी धनराज सिंह ने फोन पर बताया कि हमारे कंपनी से कार खरीदी करने के लिए ऑफर है उसने दाना फेंका-  “प्रमोशनल इवेंट चल रहे हैं, आप टाटा कंपनी की कार नेक्सन जीत सकते हैं.”

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पढ़ा लिखा और दुनिया जाहन  की जानने समझने वाला मनीष उनकी बातों से प्रभावित हो गया और कार जीतने के लालच ने उसे कंपनी के कर्मचारी के बताए अनुसार बैंक खाते में धीरे-धीरे करके 14 लाख रुपए वर्ष 2018 एवं 2019 में किस्तों में भुगतान किया. लेकिन टाटा नेक्सन कार की डिलीवरी मनीष को आज तक अप्राप्त है. इस रिपोर्ट के आधार पर पर पुलिस ने देश की राजधानी दिल्ली की एक महिला ठग सहित तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज करके कार्रवाई की है.

आज चल रही इस ठगी के तारतम्य में पुलिस अधिकारी विकास शर्मा के मुताबिक यह बहुत ही चिंता की बात है कि आम लोग तो ठगी का शिकार हो ही रहे हैं पढ़े लिखे शिक्षित लोग भी सोशल मीडिया के आने के बाद बहुत बड़ी तादाद में जालसाजी और ठगी का शिकार हो रहे हैं इसका मूल कारण सिर्फ लालच ही है.

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