सौजन्य- मनोहर कहानियां
जिस तरह सुरंग खोद कर डा. सुनीत सोनी के तहखाने से 540 किलोग्राम चांदी की 18 सिल्लियां चुराई गईं, वह हैरतंगेज था. लेकिन इस से भी हैरतंगेज बात यह थी कि यह काम डा. सुनीत के उसी दोस्त शेखर ने कराया था, जिस ने इतनी चांदी खरीदवाई और बक्सों में भर कर डाक्टर के क्लीनिक के फर्श में दबवाई. कैसे हुआ यह सब…
इसी साल फरवरी के महीने में जब चांदी के भावों में भारी उतारचढ़ाव चल रहा था, तो डा. सुनीत सोनी ने अपने घर में रखी चांदी की सिल्लियों को बेचने
का मन बनाया. बेचने के लिए पहले किसी सुनार या ज्वैलर्स को चांदी की सिल्ली या उस का छोटा टुकड़ा दिखाना जरूरी था ताकि खरीदार इस बात से संतुष्ट हो जाए कि चांदी में कोई खोट नहीं है.
चांदी बेचने का विचार मन में आने पर डा. सोनी ने भरोसे के लोगों से अपने मकान के बेसमेंट के फर्श को खुदवाया. क्योंकि चांदी जमीन खोद कर दबाए गए 2 बक्सों में सुरक्षित थी. फर्श खुदने पर डा. सोनी के होश उड़ गए. फर्श के नीचे दबाए गए दोनों बक्से कटे हुए थे और उन में रखी चांदी की सिल्लियां लापता थीं.
डाक्टर सोनी समझ नहीं पाए कि जमीन में गड़े बक्सों में से चांदी की सिल्लियां कहां गायब हो गईं. उन सिल्लियों को जमीन निगल गई या लोहे के बक्से खा गए. चांदी भी कोई कम नहीं 5 क्विंटल 40 किलो थी. पूरी 18 सिल्लियों में बंटी हुई.
डा. सोनी ने कटे हुए लोहे के बक्से निकलवाए तो देखा, वहां बड़े सुराखनुमा सुरंग बनी हुई थी. वह समझ गए कि इसी सुरंग के रास्ते से चांदी निकाली गई है. इसीलिए बाकायदा सुरंग बनाई गई थी. उन्होंने अपने एक कर्मचारी को टौर्च दे कर उस सुरंग में उतारा. वह कर्मचारी रेंगता हुआ सुरंग के अंदर घुसा. 5-7 फुट के बाद वह सुरंग बंद थी. यानी चांदी की चोरी के बाद सुरंग बंद कर दी गई थी.
डा. सुनीत सोनी राजस्थान की राजधानी जयपुर में रहते हैं. वैशाली नगर के आम्रपाली सर्किल के डी ब्लौक में उन का आलीशान मकान है. इसी मकान में उन्होंने मेडिस्पा नाम से अपना हौस्पिटल खोल रखा है. सोनी जयपुर के नामी हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन हैं.
कटे हुए और खाली बक्से देख कर डा. सोनी समझ गए कि किसी ने बहुत शातिराना अंदाज में चांदी की सिल्लियां चुराई हैं. यह किसी एक आदमी का काम नहीं था. चोर आगेपीछे या ऊपर से नहीं आए, बल्कि जमीन के नीचे सुरंग के रास्ते आए थे.
ये भी पढ़ें- Crime Story- अवैध ख्वाहिश का नतीजा- भाग 1
डाक्टर ने बेसमेंट सहित पांच मंजिला मकान में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर रखे थे. मकान के भूतल से ऊपर की मंजिल तक लोहे का मजबूत जाल लगा हुआ था. अच्छी गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरे लगे थे.
मकान में नीचे की मंजिल पर उन का क्लीनिक था और ऊपर की मंजिल पर परिवार रहता था. मकान में आनेजाने वाले हरेक आदमी का नाम, पता रजिस्टर में लिखा जाता था.
डा. सोनी के मकान के बेसमेंट की जमीन में गाड़ कर रखी गई चांदी की सिल्लियों की जानकारी केवल 6 लोगों को थी. इन लोगों में डा. सोनी और उन की पत्नी के अलावा परिवार से बाहर के केवल 4 लोगों को यह राज पता था कि डाक्टर साहब ने सुरक्षा के लिहाज से अपने मकान में फर्श के नीचे 2 बक्सों में चांदी की सिल्लियां रख कर गड़वाई थीं.
इस का मतलब चांदी की चोरी उन लोगों में से किसी ने की थी, या फिर उन चारों में से किसी ने कभी यह राज किसी पांचवें आदमी को बता दिया था और उस आदमी ने इस वारदात को अंजाम दिया था.
सुरंग के रहस्य का पता लगाने के लिए उन्होंने खुद आसपास के मकानों पर जा कर अपने तरीके से देखा, लेकिन कहीं भी ऐसी कोई बात नजर नहीं आई जिस से यह पता चले कि सुरंग वहां से बनाई गई थी.
डा. सोनी के मकान के पीछे वाले प्लौट में एक महीने से जरूर कुछ काम चल रहा था. उस प्लौट के चारों ओर लोहे की चादरें और हरे रंग का नेट लगा रखा था. डा. सोनी उस प्लौट पर भी गए, लेकिन उन्हें ऐसा कुछ दिखाई नहीं दिया, जिस से पता चलता कि सुरंग उस प्लौट में से खोदी गई थी.
चोरी हुई चांदी की कीमत करोड़ों रुपए थी. डाक्टर सोनी ने चांदी निवेश के लिहाज से खरीदी थी. इस में कुछ चांदी उन के पुरखों की भी थी. सुरक्षा के लिहाज से उन्होंने चांदी की सिल्लियां जमीन में गाड़ कर उस पर फर्श बनवा कर टाइल्स लगवा दी थीं.
डा. सोनी समझ नहीं पा रहे थे कि जमीन में दबी चांदी की बात बाहर कैसे निकली? यह तय था कि जिस ने भी चांदी चोरी की योजना बनाई, वह बहुत शातिर था.
काफी सोचविचार के बाद डा. सोनी ने पुलिस को सूचना देने का फैसला किया. उन्होंने 24 फरवरी, 2021 को वैशाली नगर थाने में चांदी चोरी की रिपोर्ट दर्ज करा दी.
रिपोर्ट में उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने मकान के बेसमेंट के फर्श में सुरक्षा के लिए चांदी की सिल्लियां रखी हुई थीं. जरूरत पड़ने पर फर्श तुड़वा कर देखा, तो लोहे के 2 बक्सों में रखी चांदी गायब मिली.
दोनों बक्से बाहर निकाल कर देखे, तो उन्हें कटर से काटा गया था. मकान की उत्तर दिशा में एक सुरंग भी बनी हुई है. सोनी ने रिपोर्ट में केवल चांदी चोरी होने की बात बताई थी. चांदी की कीमत या वजन वगैरह बाद में बताने की बात कही. बहरहाल, पुलिस ने धारा 457 और 380 में मामला दर्ज कर लिया.
पुलिस अफसरों ने मौके के हालात देखे, तो हैरान रह गए. चांदी चोरी की वारदात करने के लिए पीछे के प्लौट से डा. सोनी के मकान के बेसमेंट तक सुरंग खोदी गई थी. इसी सुरंग के रास्ते चांदी की चोरी की गई.
डा. सोनी ने हालांकि पुलिस रिपोर्ट में चांदी की कीमत या वजन नहीं बताया था, लेकिन चांदी रखने के लिए बनवाए लोहे के बक्सों को देख कर पुलिस अधिकारियों को यह अंदाज हो गया कि चोरी गई चांदी करोड़ों रुपए की रही होगी.
ये भी पढ़ें- Crime Story: मोहब्बत की खौफनाक साजिश- भाग 1
एडिशनल पुलिस कमिश्नर अजयपाल लांबा के निर्देशन में एसीपी रायसिंह बेनीवाल, वैशाली नगर थानाप्रभारी अनिल जैमिनी और डीएसटी (पश्चिम) इंसपेक्टर नरेंद्र खींचड़ के नेतृत्व में चांदी चोरी की जांचपड़ताल शुरू की गई. फोरैंसिक टीम ने भी मौके पर पहुंच कर जांच की और साक्ष्य जुटाए.
सब से पहले डा. सोनी के पड़ोस का प्लौट खरीदने वाले का पता लगाया गया. 20 साल से खाली पड़ा यह प्लौट इसी 4 जनवरी को 97 लाख रुपए में बनवारी लाल जांगिड़ ने खरीदा था. इस प्लौट में केवल एक कमरा बना हुआ था.
बनवारी जयपुर जिले के जमवा रामगढ़ थाना इलाके के गांव टोडा मीणा का रहने वाला था. पेशे से कारपेंटर बनवारी आजकल जयपुर में बालाजी विहार फूलवाड़ी आमेर कुंडा में रहता था.
मौके की हालत देखने से पता चला कि इस प्लौट में बने कमरे का फर्श खोद कर डा. सोनी के मकान के बेसमेंट तक सुरंग बनाई गई थी. चांदी चोरी के बाद गड्ढे में मिट्टी डलवा कर सुरंग को बंद कर दिया गया था और फर्श पर टाइल्स लगवा दी गई थीं.
पुलिस ने मजदूरों को बुला कर वह बंद सुरंग खुदवाई. इस काम में 2 दिन लग गए. बाद में पुलिस अधिकारियों और एफएसएल टीम ने सुरंग की नापतौल की. सुरंग 26 फुट लंबी, 10 फुट गहरी और 3 फुट चौड़ी थी. इस बीच पुलिस जांचपड़ताल कर लोगों से पूछताछ करती रही.
प्लौट खरीदार बनवारी लाल जांगिड़ को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. पूछताछ में उस ने बताया कि प्लौट बेशक उस के नाम से खरीदा गया है, लेकिन सारे पैसे शेखर अग्रवाल ने दिए थे. शेखर अग्रवाल के डा. सोनी से घनिष्ठ पारिवारिक और व्यावसायिक संबंध थे.
बड़ा खिलाड़ी निकला शेखर
जयपुर में राम मार्ग श्याम नगर में रहने वाले शेखर की बड़ी चौपड़ पर एन.जे. बुलियन और नारायण लाल जग्गीलाल सर्राफ और सिटी पल्स में बोरला के नाम से सोनेचांदी के आभूषणों के शोरूम हैं. पुलिस ने शेखर की तलाश की, लेकिन वह कहीं नहीं मिला.
पुलिस ने एक मार्च को बनवारी लाल जांगिड़ के अलावा कालूराम सैनी, केदार जाट और रामकरण जांगिड़ को चांदी चोरी के मामले में गिरफ्तार कर लिया.
बनवारी जांगिड़ ने कुछ साल पहले शेखर के मकान पर फरनीचर का काम किया था. इस बीच वह शेखर का इतना विश्वासपात्र बन गया था कि उस ने उस के नाम से 97 लाख रुपए का प्लौट खरीद दिया था.
कालूराम जयपुर के कानोता थाना इलाके के पुराना बगराना माली की कोठी आगरा रोड का रहने वाला था. वह कई साल से शेखर अग्रवाल की बड़ी चौपड़ स्थित फर्म एन.जे. बुलियन और नारायण दास जग्गीलाल सर्राफ शोरूम पर काम करता था.
ये भी पढ़ें- Crime: दोस्ती, अश्लील फोटो वाला ब्लैक मेलिंग!
केदार जाट मूलरूप से टोंक जिले में निवाई के गांव लुहारा का रहने वाला था. वह शेखर अग्रवाल का ड्राइवर था. वह रहता भी शेखर के घर पर ही था. रामकरण जांगिड़ जयपुर में बालाजी विहार (प्रथम) फूलबाड़ी पीली तलाई आमेर का रहने वाला था. वह भी पेशे से कारपेंटर था.
बाद में पुलिस ने 3 मार्च को इस मामले में मनराज मीणा, दिलखुश मीणा और मोहम्मद नईमुद्दीन को गिरफ्तार किया. इन में मनराज और दिलखुश सगे भाई थे.
टोंक जिले के दत्तवास थाना इलाके के गांव तुकिया के रहने वाले दोनों भाई मजदूरी और हलवाई का काम करते थे. कुछ समय पहले दोनों ने शेखर के कहने पर डा. सोनी के फार्महाउस पर तारबंदी का काम किया था. मोहम्मद नईमुद्दीन सवाई माधोपुर जिले के मलारना डूंगर थाना इलाके के गांव पीलवा नदी का रहने वाला था. वह जयपुर में रहता था. वह पहले इस मामले में एक मार्च को गिरफ्तार रामकरण जांगिड़ के पास कारपेंटर का काम करता था.
चांदी चोरी के मामले में ही बाद में पुलिस ने 3 आरोपियों को और गिरफ्तार किया. इस तरह 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.
पुलिस की पूछताछ में चांदी चोरी की जो कहानी उभर कर सामने आई, वह फिल्मी कहानियों से भी एक कदम आगे थी.
डा. सुनीत सोनी जयपुर के नामी हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन हैं. उन की पत्नी अनुपमा सोनी भी डाक्टर हैं. डा. अनुपमा सोनी मिसेज एशिया इंटरनैशनल-2018 रह चुकी थीं. डाक्टर दंपति का अच्छा कामकाज होने से आमदनी भी अच्छी थी.
डा. सोनी को 3-4 साल पहले एक युवती ने अपने प्यार के जाल में फंसा लिया था. वह युवती उन्हें ब्लैकमेल कर लाखों रुपए मांग रही थी. उस ने डाक्टर के खिलाफ पुलिस में भी मामला दर्ज करा दिया था. बाद में डा. सोनी ने उस युवती के ही खिलाफ हनीट्रैप का मामला दर्ज कराया था. इस मामले में वह युवती और उस के गिरोह की कई अन्य युवतियों को जयपुर पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था.
डाक्टर सोनी के शेखर से कई सालों से घनिष्ठ संबंध थे. दोनों का एकदूसरे के घर आनाजाना था. डाक्टर साहब शेखर से घरपरिवार और दुखसुख की बात करते थे. जिस के पास पैसा होता है, वह अपने पैसों को बढ़ाने की सोचता है. इसीलिए कभीकभार डा. सोनी शेखर से पैसों के निवेश के बारे में भी सलाह ले लेते थे.
कुछ महीने पहले जब चांदी के भाव घट रहे थे, तब शेखर ने डा. सोनी को आयकर के छापों का डर दिखा कर चांदी में पैसा लगाने की सलाह दी.
अगले भाग में पढ़ें- डा. सोनी को पसंद आया आइडिया क्यों पसंद आया