सौजन्य- सत्यकथा
लड़कियां किसी मामले में लड़कों से कम नहीं होतीं. पत्नी की बातें सुन शंभू के दिल को थोड़ा सुकून मिलता था. फिर भी उसे कभीकभी अपने बुढ़ापे के सहारे की जरूरत महसूस होती थी.
शंभु की एक साली थी खुशबू. वह अपने जीजा शंभू के दिल की बात को शिद्दत से महसूस करती थी. कभीकभी वह उस की दुखती रग पर अपने प्यार का मरहम भी लगा देती थी.
दरअसल, खुशबू का ज्यादातर समय बहन की ससुराल में ही बीतता था. रूबी के छोटेछोटे बच्चे थे. बच्चे संभालने में उसे दिक्कत होती थी. हाथ बंटाने के लिए उस ने बहन को अपने पास ही रख लिया था. खुशबू के पास रहने से उसे काफी राहत मिलती थी.
खुशबू जवान और खूबसूरत थी, ऊपर से चंचल, सो अलग. उस की खूबसूरती में शंभू कब डूब गया था, उसे पता ही नहीं चला. उसे एहसास तब होता था, जब साली कभी अपने घर लोहानीपुर भिखना चली जाती थी.
जीजा और साली के बीच मजाक का रिश्ता होता है. मजाकमजाक में शंभू खुशबू से ऐसेऐसे मजाक करता था जो उसे नहीं करने चाहिए थे. जीजा की रसीली बातें सुन कर खुशबू शरम से गुलाबी हो जाती थी. फिर अपना चेहरा दोनों हथेलियों में छिपा कर दूसरे कमरे में भाग जाती और वहां खिलखिला कर हंसती थी. खुशबू की यही अदा शंभू को भा गई थी.
खुशबू जब कभी लोहानीपुर चली जाती थी तो शंभू को अपना घर खालीखाली लगता था. फिर वह जल्द ही उसे बुला लाता था.
शंभू साली खुशबू के प्यार में डूब चुका था, खुशबू भी उसे बहुत चाहती थी. साली और जीजा का प्यार पत्नी की नाक के नीचे परवान चढ़ रहा था. रूबी को इस की भनक तक नहीं थी. उसे क्या पता था उस की अपनी ही बहन उस के सिंदूर पर डाका डाल रही है.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
- 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
- 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
- चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
- 24 प्रिंट मैगजीन
डिजिटल
सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
- 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
- 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
- चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप