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सौजन्य- सत्यकथा

9जुलाई, 2020 को शंभू रजक पत्नी रूबी को ससुराल से विदा करा कर लाया था और अपने गांव
झाईंचक लौट रहा था. दोनों बाइक पर थे. समय रहा होगा सुबह के 9 बजे का.

नैशनल हाइवे की चौड़ी और शानदार सड़क होने के बावजूद शंभू की बाइक की स्पीड 35-40 किमी प्रति घंटे की थी. वजह यह कि उस की पत्नी रूबी 4 माह के गर्भ से थी. रूबी तीसरी बार गर्भवती हुई थी. पहले भी उस की 2 बेटियां थीं.

शंभू लोहानीपुर भिवानी मोड़ से कुछ आगे निकल कर जगनपुरा मोड़ पर पहुंचा तो उस ने बाइक सड़क किनारे रोक दी. कुछ देर रुक कर वह बाइक ले कर चल दिया. जब वह थोड़ा आगे ब्रह्मपुर मोड़ पहुंचा, तो उस ने देखा मोड़ पर 2 युवक नीले रंग की बाइक लिए सड़क किनारे खड़े थे और आपस में बातचीत कर रहे थे. शंभु बाइक चलाते हुए आगे बढ़ गया. तभी वे दोनों पीछे से आए और शंभु को ओवरटेक कर के उस की बाइक से अपनी बाइक लगभग सटा कर चलने लगे.

शंभू बाइक से गिरतेगिरते बचा. युवकों की इस हरकत पर उसे गुस्सा आ गया. रूबी को बाइक से नीचे उतार कर वह उन दोनों से भिड़ गया. रूबी पति को मना कर रही थी कि जो हो गया, हो गया, अब बस भी करो, घर चलो, बदतमीजों के मुंह क्यों लगते हो, लेकिन शंभू ने पत्नी की एक न सुनी

आव देखा न ताव, वह युवकों से 2-2 हाथ करने के लिए उतावला हो गया. देखतेदेखते तीनों के बीच विवाद गहरा गया. तभी उन में से एक युवक ने अंटी में रखी देशी पिस्टल निकाली और शंभू पर गोली चला दी.

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