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सौजन्य- मनोहर कहानियां

विनोद कुमार ने सीसीटीवी कैमरे की ओर हाथ उठाते हुए आगे कहा, ‘‘तुम लोगों के कारनामे का मेरे पास पूरा सबूत है. तुम्हारे घर के आसपास की पूरी वीडियो रिकौर्डिंग है. तुम लोगों ने किसकिस से फोन पर क्या बातें कीं, उस की भी हमारे पास रिकौर्डिंग का आ चुकी है.’’

उस के बाद थानाप्रभारी ने तीनों युवकों के चेहरों से गमछा हटाते हुए कहा, ‘‘... और सब से बड़े सबूत के तौर पर हम ने आज ही इन शातिरों को पकड़ा है, जिसे तुम लोगों ने चोरी का बच्चा बेचा था. गलती यह हुई कि उसे लड़की दे दी, जबकि उस की मांग लड़के की थी. इसी बात को ले कर ही तीनों का तुम से झगड़ा हुआ था.’’

इस खुलासे के बाद बच्चा चोरी की वारदातों के ले कर जो बातें सामने आईं, वह काफी चौंकाने वाली निकलीं—

हफ्तों तक राजा और रेखा पतिपत्नी बन बच्चा चोरी की शिकायत के साथ थाने का चक्कर लगाते रहे. यहां तक कि उन्होंने एसएसपी से मिल कर भी अपना बच्चा चोरी होने की जानकारी दी. एसएसपी कलानिधि नैथानी ने दोनों को तसल्ली दी और बच्चा बरामदगी का पूरा यकीन दिलाया. उस के 2 दिन बाद क्राइम मीटिंग में भी एसएसपी नैथानी ने बच्चा चोरी के मामले की चर्चा की. पता चला कि 2 बच्चे इसी तर्ज पर और चोरी हुए हैं, जो बहुत ही गरीब बंजारों के हैं.

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बच्चा चोरी के मामले के खुलासे के लिए एक टीम गठित कर दी गई. इस में एसआई धर्मेंद्र कुमार के साथ सर्विलांस टीम और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को भी जोड़ दिया गया. इन के कोऔर्डिनेशन व समीक्षा के लिए एसपी (सिटी) कुलदीप गुनावत व सीओ (तृतीय) श्रेताभ पांडेय को जिम्मेदारी सौंपी गई.

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