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सौजन्य- मनोहर कहानियां

रेखा ने घटना के बारे में आगे बताया,  ‘‘उन्होंने मेरी एक नहीं सुनी. तीनों मेरे पति को पकड़ कर ले जाने लगे. मैं रोती रही, विनती करती रही. नहीं माने, तब चीखपुकार करने लगी. राह चलते लोगों ने रुक कर मेरे पति को उन के चंगुल से छुड़ाया. फिर वे धमकी देते हुए अपनी कार से चले गए.’’

रेखा की बातों पर हुआ शक

इस के साथ ही रेखा ने थानाप्रभारी को बच्चे के गायब होने की भी कहानी सुनाई, ‘‘बाबूजी, इलाके में बच्चा चोरी की घटना पहले भी हुई है. इसलिए मैं वैसी ही अनहोनी की आशंका से डरी हुई थी. नींद आंखों से कोसों दूर थी. परिवार के सभी लोग सो गए थे. मुझे याद है कि अजान की आवाज आई. उस समय तक मैं जाग रही थी.

‘‘सुबह के 4 बजे होंगे. उस के कुछ देर बाद ही मेरी आंख लग गई. सुबह करीब 6 बजे आंख खुली तब मेरी बगल में सो रही 2 साल शिवानी गायब थी. यह देख कर मेरे होश उड़ गए.’’

‘‘फिर क्या हुआ?’’ थानाप्रभारी ने पूछा.

‘‘फिर क्या साहब, मैं ने झटपट पति को जगाया. वहीं जेठ लीलाधर और परिवार के दूसरे लोगों को आवाज दी. सभी बच्चे की खोज में जुट गए. घंटों तलाश करने के बाद भी बच्ची का कोई सुराग नहीं लगा. उसी दिन मैं अपने मरद के साथ आप के पास शिकायत लिखवाने आई थी. आप ने बच्चा खोजने का भरोसा दिया था और मैं अपने काम पर लग गई.’’ रेखा ने बताया.

साथ ही उस ने सवाल किया कि यदि मेरे लापता बच्चे के बारे में कोई जानकारी मिली हो तो बताइए साहब.

‘‘तुम्हारा चोरी बच्चा लड़का था या लड़की?’’ विनोद कुमार ने अचानक बात बदलते हुए पूछ दिया.

‘‘लड़का था साहब.’’ रेखा तपाक से बोल पड़ी.

यह सुन कर विनोद कुमार मुसकराते हुए बोले, ‘‘…लेकिन अभी थोड़ी देर पहले तुम ने बताया कि गायब बच्चा शिवानी है. वह लड़का है या लड़की?’’

यह सुनते ही रेखा सकपका गई. एकदम चुप हो गई. मुंह से कोई आवाज नहीं निकल रही थी.

‘‘अच्छा छोड़ो इस बात को, ये बताओ कि जिन से तुम्हारे पति का झगड़ा हुआ, उन्हें पहले से तुम जानती थी या राजा उसे जानता था?’’ थानाप्रभारी ने फिर बात बदल दी.

‘‘रेखा इस सवाल का भी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाई. कभी उस ने कहा कि उन्हें उस ने पहली बार देखा था. कभी उस ने कहा कि वे राजा के पास पहले भी कई बार आ चुके थे.’’

थानाप्रभारी के सवालों और बातों में उलझी रेखा ने जो भी बताया अकबकाहट में कहा. उस की बातों से साफ पता नहीं चल पाया कि उस रोज आखिर तीनों युवकों का राजा के साथ झगड़ा किस बात को ले कर हुआ था. वे सभी राजा पर इतने आक्रामक क्यों बन गए थे. थानाप्रभारी विनोद कुमार को इतना जरूर अंदाजा लग गया कि रेखा बहुत कुछ छिपा रही है या फिर उस की जानकारी आधीअधूरी है. उन्होंने सहज भाव से कहा, ‘‘रेखा, देखो, घबराने की कोई बात नहीं है. तुम्हारा बच्चा जल्द मिल जाएगा. उसे चुराने वाले का पता चल चुका है.  कल अपने पति राजा के साथ दिन में ठीक 11 बजे आ जाना.’’

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इसी के साथ थानाप्रभारी ने चेतावनी भी दी कि वह अपने घर से कहीं न जाए. अगर उस ने ऐसा किया तो उस की खैर नहीं है, क्योंकि उस पर पुलिस के आदमी सादे कपड़ों में नजर रखे हुए हैं.

अगले दिन 26 जुलाई, 2021 को पुलिस द्वारा तय समय पर रेखा और राजा थाने में आ गए. संयोग से तब तक थानाप्रभारी विनोद नहीं आए थे. दोनों को एक सिपाही ने वहीं इंतजार करने को कहा.

थानाप्रभारी विनोद कुमार के आने में डेढ़ घंटे की देरी हो गई थी. पुलिस पेट्रोलिंग गाड़ी से थानाप्रभारी विनोद उतरे. उन के साथ 2 कांस्टेबल 3 युवकों को पकड़े हुए थे. उन की कमर में रस्सियां एक साथ बंधी हुई थी.

दोनों कांस्टेबल रस्सी के दोनों छोर को मजबूती से हाथ में लपेटे हुए थे. युवकों के चेहरे गमछे से बंधे हुए थे. उन्हें खींच कर थाने के भीतर लाया गया. यह सब रेखा और राजा गौर से देख रहे थे.रेखा पर जैसे ही थानाप्रभारी की नजर पड़ी उस ने हाथ जोड़ कर नमस्ते किया. साथसाथ राजा ने भी वैसा ही किया. थानाप्रभारी कोई जवाब दिए बगैर अपने केबिन में चले गए. उन के पीछेपीछे कांस्टेबल रस्सी में बंधे तीनों युवकों को भी खींचते हुए ले गया.

एक थप्पड़ ने खोला राज थोड़ी देर में विनोद कुमार ने रेखा को बुलाया. राजा को बाहर ही रुकने को कहा. थानाप्रभारी ने रेखा की ओर गुस्से से देखते हुए कहा, ‘‘राजा तुम्हारा कौन है?’’

‘‘क्या पूछ रहे हैं साब, राजा मेरा मरद है.’’ रेखा का यह बोलना था कि वहीं पास खड़ी एक लेडी कांस्टेबल ने रेखा के गाल पर जोरदार थप्पड़ मारा. थप्पड़ खाते ही वह गिर पड़ी, उठते ही उस महिला सिपाही को गुर्रा कर देखा. तभी विनोद कुमार बोल पड़े, ‘‘उसे मत देखो, वह हमारी पुलिस है और मेडल जीतने वाली महिला पहलवान भी है. तुम सचसच बताती हो या और थप्पड़ खाने हैं.’’

‘‘क्या सच बताऊं साहब, राजा ही तो मेरा मरद है. मैं ने अपने बच्चा चोरी की शिकायत लिखाई है.’’ रेखा बिफरती हुई बोली.

इतना कहना था कि विनोद ने पास खड़े एक युवक के चेहरे पर लिपटा गमछा एक झटके में हटा दिया. चीखते हुए बोले, ‘‘तो फिर ये कौन है?’’

युवक का चेहरा देखते ही रेखा के चेहरे का रंग फीका पड़ गया. विनोद बोले, ‘‘बच्चा चोरी की घटना के दिन राजा के साथ झगड़ा इसी के साथ हुआ था न.’’

रेखा को काटो तो खून नहीं. वह हां…ना कुछ बोल नहीं पा रही थी. विनोद ने बाहर बैठे राजा को बुलवाया. उस से पूछा, ‘‘तुम्हारा चोरी हुआ बच्चा लड़का था या लड़की?’’

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‘‘लड़का, उस दिन शिकायत में लिखवाया तो था.’’ राजा बोला.

‘‘लेकिन, रेखा तो कहती है तुम्हारे घर से शिवानी गायब हुई थी,’’ विनोद बोले.

‘‘उसे क्या पता साहब,’’ राजा का यह कहना था कि थानाप्रभारी ने उसे भी एक थप्पड़ मारते हुए कहा, ‘‘उसे कैसे मालूम होगा, वह तुम्हारी बीवी जो नहीं है.’’

थानाप्रभारी विनोद कुमार राजा और रेखा से मुखातिब हुए. उन्होंने कहा, ‘‘तुम लोग अब आंखों में धूल झोंकना बंद करो. न तो तुम्हारा कोई बच्चा गायब हुआ है और न ही तुम दोनों पतिपत्नी हो. उलटे तुम लोगों ने बच्चा चुरा कर कहीं और बेचने की कोशिश की है.’’

अगले भाग में पढ़ें-  सभी आरोपी धर दबोचे

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