रोजाना की तरह 25 सितंबर, 2017 की सुबह भी मानव और शिवम की मां रजनी ने दोनों को तैयार कर के स्कूल भेजा था. स्कूल साढ़े 8 बजे शुरू होता था, इसलिए दोनों भाई 8 बज कर 10 मिनट पर घर से निकले थे. स्कूल से आ कर दोनों बच्चे खाना खाते थे और थोड़ी देर खेल कर सो जाते थे.
रजनी का पति अशोक अपना लंच बौक्स साथ ले जाता था. वह भवनों की मरम्मत के छोटेमोटे ठेके लिया करता था. सुबह का निकला अशोक दिन ढले ही घर लौटता था.
बच्चों के जाने के बाद रजनी ने घर के काम निपटाए, फिर बच्चों के लिए दोपहर का खाना तैयार किया. दोपहर को जब उन के आने का समय हो गया तो वह दरवाजे पर खड़ी हो कर उन का इंतजार करने लगी. जब बच्चे अपने आने के समय से भी आधा घंटा बाद तक नहीं आए तो रजनी को चिंता हुई.
परेशान हाल रजनी घर में ताला लगा कर बच्चों के स्कूल जा पहुंची. वहां मालूम पड़ा कि उस रोज मानव और शिवम स्कूल आए ही नहीं थे. यह सुन कर रजनी ठगी सी रह गई.
सुबह घर से स्कूल के लिए निकले बच्चे, वहां नहीं पहुंचे तो कहां चले गए. निस्संदेह यह चिंता की बात थी. उस का पति काम पर गया हुआ था, उस का फोन भी नहीं लग रहा था. रजनी अपने कुछ परिचितों के साथ बच्चों की तलाश के लिए निकली भी. लेकिन काफी कोशिशों के बाद भी बच्चों का कहीं कोई पता नहीं चला. आखिर थकहार कर उस ने थाने में उन के गुम होने की रिपोर्ट लिखा दी.
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