अपराध के सारे दरवाजों की चाबियां भले ही अपराधियों के पास हों, लेकिन मुख्य चाबी पुलिस के पास होती है, जिस से पुलिस उन तक पहुंच ही जाती है. कुछ ऐसा ही 32 सालों से फरार चल रहे हत्या के शातिर अपराधी मौलाना करीम उर्फ आफताब उर्फ नाटे के साथ भी हुआ. इस अपराधी ने कानून के रखवालों को न जाने किसकिस घाट का पानी पिलाया था.

लेकिन क्राइम ब्रांच के तेजतर्रार इंसपेक्टर अनिरुद्ध सिंह ने फिल्मी स्टाइल में उसे कानून के शिकंजे में जकड़ ही लिया. दरअसल, हाईकोर्ट में दायर एक याचिका के आधार पर हाईकोर्ट ने पिछले महीने इलाहाबाद कोतवाली पुलिस को दायराशाह अजमल के रहने वाले हत्या के मामले में सजायाफ्ता फरार आरोपी आफताब उर्फ नाटे को अदालत में पेश करने के आदेश दिए थे.

नाटे को पकड़ने के लिए कोतवाली पुलिस ने काफी प्रयास किए थे, लेकिन उस तक पहुंच नहीं सकी. पुलिस ने नाटे के घर वालों से उस के बारे में पूछा तो पता चला कि पत्नी और बेटे पर भी तेजाब फेंक कर उस ने उन की हत्या करने की कोशिश की थी. इस घटना का भी मुकदमा दर्ज था. इस के बाद से वह घर से भागा तो लौट कर नहीं आया.

सीजेएम और जिला अदालत से भी उस की गिरफ्तारी के आदेश जारी हुए थे. पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई तो उसे वांटेड और भगोड़ा घोषित कर दिया गया था. 60 साल से अधिक उम्र होने की वजह से पुलिस को जरा भी उम्मीद नहीं थी कि नाटे पकड़ा भी जा सकता है. इस के बावजूद पुलिस ने उस का पीछा नहीं छोड़ा था.

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