27 फरवरी, 2022 को सुबह ही भाई सोनू कुमार का नंबर देखते ही सोनिया चहक उठी. उस ने फोन उठाया तो सोनू ने कहा, ‘‘आज रात मैं ने नीशू और उस की मां जयंती की हत्या कर दी. उन दोनों की लाशें घर में पड़ी हुई हैं. मैं बच्चों को साथ ले कर तेरे पास आ रहा हूं.’’

भाई का फोन रिसीव करते ही उस की खुशियां काफूर हो गईं. इस से पहले कि सोनिया उस से कुछ बात कर पाती, सोनू ने फोन काट दिया.

भाई की बात सुनते ही उस का माथा घूम गया. उसे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उस का भाई जो कह रहा था, वह सच था या वह मजाक कर रहा था.

भाई की बात सुनते ही सोनिया सदमे में पहुंच गई. उस ने उस के बाद कई बार भाई के मोबाइल पर काल लगाने की कोशिश की, लेकिन उस ने रिसीव नहीं की. उस के बाद सच्चाई जानने के लिए उस ने अपने ममेरे भाई रामपाल को फोन कर भाई सोनू के घर की स्थिति जानने के लिए भेजा.

ममेरा भाई रामपाल उस के घर पहुंचा तो घर पर बाहर से ताला लगा हुआ था. उस ने उस के पड़ोसियों से सोनू के बारे में जानकारी लेनी चाही तो किसी से भी कुछ जानकारी नहीं मिल पाई. उस के बाद रामपाल सिंह सीधे जसपुर कोतवाली पहुंचा.

कोतवाली पहुंचते ही उस ने कोतवाल जे.एस. देऊपा के सामने सारी हकीकत रख दी.

एक घर में दोहरे हत्याकांड की बात सुनते ही कोतवाल देऊपा पुलिस टीम के साथ जसपुर कस्बे में मोहल्ला नत्था सिंह पंडों वाले कुएं के पास स्थित सोनू के घर पहुंचे और उन्होंने उस के बंद घर का ताला तुड़वाया.

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