जालंधर देहात के थाना भोगपुर के अंतर्गत आने वाले गांव बढ़चूही में नाथ समुदाय के बाबा बालकनाथ का प्रसिद्ध डेरा है, जिस की बड़ी मान्यता है. जालंधर और उस के आसपास क्षेत्र के तो क्या, दूरदूर से लोग अपनी श्रद्धा के वशीभूत डेरे पर अपनी समस्याओं के समाधान के लिए आते रहते थे. दरअसल, सालों पहले महंत प्रीतम सिंह ने सरपंच और गांव वालों की मदद से इस डेरे की नींव रखी थी. बाद में देखतेदेखते इस डेरे की मान्यता दूरदूर तक फैल गई.

डेरे पर हर तरह की समस्याओं से ग्रस्त लोग समाधान के लिए आते थे. हां, निस्संतान औरतों का संतान प्राप्ति के लिए डेरे पर आनाजाना कुछ अधिक ही था. कहा जाता है कि संतान की चाह रखने वाली जरूरतमंद औरतों की मुराद यहां आ कर पूरी हो जाती थी. इस डेरे का संचालन करने वाले महंत प्रीतम सिंह के बारे में कहा जाता है कि कई साल पहले वह झारखंड से यहां आए थे.

महंत प्रीतम सिंह थाना तेरापाहा के अंतर्गत आने वाले गांव चंपवाला, जिला कुरी, झारखंड के मूल निवासी थे. लोगों का मानना था कि उन पर बाबा बालकनाथजी की कृपा थी. डेरे की सेवा का काम बाबा प्रीतम सिंह का भांजा राम करता था.

26 जून, 2016 की शाम को राम और उस का दोस्त चैंपियन शाम के समय डेरे की साफसफाई में लगे थे. उस वक्त बाबा अपने निजी कक्ष में ध्यान में बैठे थे. तभी 2 युवक डेरे का मुख्यद्वार खोल कर भीतर आए और बिना किसी से पूछे ऊपर बाबा के निजी कक्ष की ओर चले गए.

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