रात के 2 बजे थे. उस समय लोग गहरी नींद सो रहे थे, पर अनीता की आंखों से नींद कोसों दूर थी.वह उतनी रात को पड़ोस में रहने वाले जेठ कुलवंत सिंह का दरवाजा पीट रही थी. कुलवंत सिंह परिवार के साथ छत पर सोए हुए थे. गहरी नींद में होने की वजह से उन्हें अनीता की आवाज सुनाई नहीं दे रही थी.
कुलवंत सिंह के बगल में भूरे का मकान है. अनीता की आवाज पर भूरे की आंखें खुल गईं तो उस ने कुलवंत को जगा कर कहा, ‘‘तुम्हारे छोटे भाई की पत्नी अनीता तुम्हें कितनी देर से आवाज दे रही है और तुम जैसे घोड़े बेच कर सो रहे हो.’’
इतनी रात को अनीता बुला रही है तो कोई इमरजेंसी होगी, यह सोच कर कुलवंत छत से नीचे आया तो अनीता उसे दरवाजे पर घबराई हुई मिली. कुलवंत ने उस से आवाज लगाने की वजह पूछी तो उस ने कहा, ‘‘तुम्हारे भैया बैड पर बेहोश पड़े हैं. उन्हें पता नहीं क्या हो गया है?’’
आवाज सुन कर कुलवंत की मां भी जाग गईं. वह भी दरवाजे पर आ गईं. दोनों अनीता के साथ उस के घर गए, जहां अनीता का पति रेबरन सिंह बैड पर था. मांबेटों ने रेबरन की नब्ज देखी, वह गायब थी. उस की सांसें थम चुकी थीं. यह देख कर मां चीख पड़ीं.सास को रोता देख अनीता भी रोने लगी. सभी इस बात से हैरान थे कि रेबरन ठीकठाक खाना खा कर सोया था. इस बीच उसे ऐसा क्या हो गया कि उस की मौत हो गई. यह बात 7-8 सितंबर, 2017 की रात की है.