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सौजन्य- मनोहर कहानियां

जेल से छूटने के बाद वह कपिल को ठिकाने लगाने की सोचने लगा. लेकिन उस ने कपिल के साथ मिलनाजुलना, बातें करना पहले की तरह ही चालू रखा. जिस से कपिल को उस पर शक न हो.
लौकडाउन के दौरान उस ने कपिल की हत्या करने की सोची लेकिन फिर यह सोच कर रह गया कि इस लौकडाउन में वह शहर से बाहर भाग कर कहीं नहीं जा सकेगा.

लेकिन उस ने लौकडाउन खुलने के बाद किसी भी तरीके से कपिल की हत्या करने की ठान ली. इस के लिए उस ने हत्या के बाद अपने बचाव की भी तैयारी करनी शुरू कर दी.

फिरोजाबाद के एक लूट के मामले में वह कई तारीखों पर कोर्ट नहीं गया तो उस के खिलाफ वारंट जारी हो गया. कपिल और शिमला के बीच विवाद किस हद तक पहुंच गया है, यह भी जीतू बखूबी जानता था.

घटना से 10 दिन पहले संपत्ति विवाद के चलते दोनों की पंचायत हुई. इस में कपिल की तरफ से जीतू और उस के दोस्त थे. शिमला ने अपने घर के लोगों को बुला लिया जोकि बागपत जिले में रहते थे.

पंचायत में कोई नतीजा नहीं निकला. लेकिन जीतू ने भांप लिया कि कपिल की सास शिमला संपत्ति के लिए किसी भी हद तक जा सकती है. इस के लिए उस ने शिमला से बात करने की सोच ली. जीतू ने शिमला से पहले से ही काफी मेलजोल बढ़ा रखा था. जीतू कपिल के उठाए गए कदमों की जानकारी शिमला को देता रहता था. इसलिए शिमला उस पर विश्वास करने लगी थी.

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