सौजन्य- मनोहर कहानियां
ममता बन गई पुलिस इंसपेक्टर
अब तक ममता इंसपेक्टर के पद पर प्रोन्नत हो चुकी थी. किसी ने कपिल से ईर्ष्या कर पुलिस विभाग के अधिकारियों से शिकायत कर दी कि कपिल की पत्नी ममता आगरा में इंसपेक्टर है. पत्नी के पुलिस इंसपेक्टर होने के बलबूते पर कपिल ने कई विवादित जमीन की खरीदफरोख्त की है. इस पर पुलिस अधिकारियों ने ममता पवार का स्थानांतरण आगरा से प्रयागराज कर दिया.
ममता को अपने विभागीय अधिकारियों का आदेश तो मानना ही था, लिहाजा उसे मजबूरन प्रयागराज जाना पड़ा. प्रयागराज में तैनाती के दौरान 24 सितंबर, 2019 को ममता की तबियत खराब हुई. उस की गंभीर हालत को देखते हुए उसे पीजीआई लखनऊ में भरती कराया गया. लेकिन 27 सितंबर, 2019 को ब्रेन हैमरेज के कारण उस की मृत्यु हो गई.
ममता की मौत के बाद उस की मां शिमला कपिल से और बैर रखने लगी. अभी तक ममता के कारण वह कुछ नहीं कहती थी. लेकिन ममता की मौत के बाद शिमला का कपिल से विवाद रहने लगा. विवाद का कारण था ममता के नाम कई प्रौपर्टीज का होना
ममता के नाम मेरठ के अंसल टाउन में एक प्लौट, आगरा के जाटनी के बाग में एक फ्लैट जिस में शिमला खुद रह रही थी, आस्था सिटी सेंटर के सामने एक प्लौट और एक बेकरी की दुकान थी. बेकरी की दुकान के किराएनामे में शिमला का नाम था. कपिल ने उस का बैनामा अपने नाम करा लिया था. प्लौट भी कपिल अपने नाम कराने की कोशिश कर रहा था.
शिमला ने ममता को यह संपत्ति खरीदने के लिए अपनी जमापूंजी दी थी. अब उसे डर था कि उस का दामाद कपिल सारी संपत्ति पर कब्जा कर के उसे घर से बेदखल न कर दे. इसे ले कर उन के बीच बहुत गहरा विवाद था.
ममता की मौत के बाद कपिल के सामने उस की रखी शर्त की कोई बंदिश नहीं थी. वैसे भी कपिल अकेलापन महसूस करता था. इसलिए कपिल ने अपने परिवार से संपर्क रखना शुरू कर दिया.
हालांकि फोन पर कपिल पहले भी जबतब बात कर लेता था, लेकिन ममता की वजह से न घर वालों को घर बुला पाता था और न ही उन से मिलने घर जाता था. बंदिश हटी तो कपिल के घर वाले उस के पास आनेजाने लगे.
26 अक्तूबर, 2020 की शाम कपिल अपने फ्लैट में था. 10 दिन पहले उस ने अपनी 90 वर्षीया मां निर्मला को अपने पास रहने के लिए बुला लिया था. वह शाम को अपनी मां से प्लौट पर जाने की बात कह कर घर से निकल गया. अपनी मारुति वैगनआर कार से वह आस्था सिटी सेंटर के पास वाले प्लौट पर गया था. लेकिन पूरी रात बीत गई, वह वापस नहीं लौटा.
सुबह निर्मला ने पड़ोसियों से कहा तो उन्होंने फोन मिलाने को कहा. निर्मला फोन मिलाना नहीं जानती थी, न ही उन के पास बेटे का नंबर था. पड़ोसियों ने नीचे की मंजिल पर रह रही कपिल की सास शिमला से कहा कि वह कपिल के बारे में पता करे. इस पर शिमला कपिल के फ्लैट में आई और निर्मला पर बरस पड़ी, ‘‘ड्रामा मत करो. यहां मजाक बनेगा. वह आ जाएगा, उसे कौन ले जाएगा. तुम चुप रहो बस.’’ कह कर शिमला चली गई.
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बाद में पड़ोसियों के दबाव में 27 अक्तूबर की शाम को ही शिमला ने स्थानीय छत्ता थाना पुलिस को कपिल के लापता होने की सूचना दी. जिस के बाद छत्ता थाने के इंसपेक्टर सुनील दत्त मय टीम के कपिल के फ्लैट पर पहुंचे. वहां उन्होंने निर्मला से कपिल के संबंध में पूछताछ की. इस के बाद इंसपेक्टर दत्त ने कपिल पवार उर्फ यश की थाने में गुमशुदगी दर्ज करा दी.
कपिल की मिली लाश
बाद में कपिल का कोई सुराग न लगने पर गुमशुदगी को भादंवि की धारा 364 में तरमीम कर दिया गया. इसी बीच इंसपेक्टर सुनील दत्त को 27 अक्तूबर की शाम को इटावा जिले के भरथना थाना क्षेत्र के मल्हौली नहर में एक लाश मिलने की सूचना मिली. उन्होंने इटावा पुलिस से संपर्क कर के लाश की फोटो मंगवाई.
वह फोटो कपिल की मां और उस के दोनों भाइयों को दिखाई गई तो उन्होंने लाश की पहचान कपिल के रूप में कर दी. इस के बाद इंसपेक्टर दत्त ने दोनों भाइयों को एसआई योगेश कुमार के साथ इटावा भेज दिया. दोनों भाइयों ने लाश की शिनाख्त अपने भाई यश उर्फ कपिल के रूप में की. इटावा पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद लाश दोनों भाइयों के सुपुर्द कर दी.
इंसपेक्टर दत्त ने कपिल के फोन नंबर की काल डिटेल्स की जांच की तो उस में एक नंबर पर उन की नजर टिक गई. उस नंबर की जानकारी की गई तो वह नंबर कपिल के दोस्त जीतू उर्फ हर्ष यादव का निकला. जीतू के नंबर की लोकेशन ट्रेस की गई तो 26 अक्तूबर की शाम को कपिल के प्लौट, फिर उस के घर से होती हुई इटावा तक मिली.
इस के बाद उन्होंने अपार्टमेंट में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की तो उस में घटना की रात जीतू कपिल की कार के साथ आया दिखा. साथ में एक जाइलो कार भी थी, जिस में 2 व्यक्ति सवार थे. जीतू ने वहां कुछ देर रुक कर कपिल की सास शिमला से बात की. उस के बाद चला गया.
इस के बाद 30 अक्तूबर, 2020 को इंसपेक्टर दत्त ने कपिल की सास शिमला को हिरासत में ले कर पूछताछ की. पूछताछ में शिमला ने कपिल की हत्या जीतू और उस के 2 साथियों राहुल और अनवर से करवाने की बात स्वीकार कर ली. जिस के बाद इंसपेक्टर दत्त ने अपने मुखबिरों को राहुल और अनवर की तलाश के लिए लगा दिया.
जल्द ही एक मुखबिर ने सूचना दी कि राहुल और अनवर एत्मादपुर से मथुरा की ओर जाइलो कार नंबर यूपी75एन 0021 से जा रहे हैं. जिस के बाद इंसपेक्टर दत्त ने अपनी टीम के साथ जा कर वाटर वर्क्स पुल के ऊपर से दोनों को गिरफ्तार कर लिया. थाने ला कर जब उन से कड़ाई से पूछताछ की गई तो सारी कहानी सामने आ गई.
प्रौपर्टी के धंधे में काम करते हुए कपिल की जानपहचान जीतू उर्फ हर्ष यादव से हो गई थी, जोकि आगरा के एत्माद्दौला थाना क्षेत्र में टेढ़ी बगिया में रहता था. दोनों में दोस्ती भी हो गई.
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जीतू का कपिल के घर आनाजाना हुआ. धीरेधीरे दोस्ती इतनी गहरी हो गई कि कपिल ने उसे अपनी पत्नी ममता की सारी संपत्तियों की जानकारी उसे दे दी. उस ने यह भी बता दिया कि कई संपत्ति पत्नी ममता और सास शिमला के संयुक्त नाम से भी हैं.
जीतू कहने को कपिल का दोस्त था, लेकिन वह मन ही मन उस से जलता था. कई जमीन के सौदे करवाने में दोनों लगे होते थे लेकिन हर बार कपिल बाजी मार ले जाता था. इस से जीतू को नुकसान उठाना पड़ता था.
कपिल से जीतू मानने लगा रंजिश
करीब डेढ़ साल पहले जोंस मिल कंपाउंड में यमुना किनारे जीतू का डेढ़ हजार वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन का इकरारनामा कपिल के माध्यम से हुआ था. मगर बाद में मौरिस जौन ने जमीन का बैनामा उस के नाम न कर के दूसरे किसी कारोबारी को कर दिया.
मौरिस ने यह कदम जीतू के खिलाफ छत्ता थाने में रंगदारी का मुकदमा दर्ज होने के बाद उठाया था. इस मामले में जीतू ने कपिल से जमीन उस के नाम कराने को कहा लेकिन कपिल ने उस का इस मामले में कोई साथ नहीं दिया. लिहाजा दर्ज मुकदमे में जीतू को जेल जाना पड़ा.
इस से वह कपिल से रंजिश मानने लगा. जीतू वैसे भी आपराधिक प्रवृत्ति का था. उस पर विभिन्न धाराओं में 5 मुकदमे दर्ज हैं.