एक तरफ काफी संख्या में महानगरों में लाखों मजदूर दाने दाने के लिए मुँहताज हैं. किसी हाल में वे घर आना चाहते हैं. उसे सरकार किसी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं करा रही है. जिन नौजवानों के खून पसीने से देश भर की फैक्ट्रियाँ गुलजार रहती है. उनके हाँथों से बनाये गए उत्पादों का उपभोग सारी दुनिया के अमीर गरीब,राजा से लेकर रंक तक करते हैं.फैक्ट्रियों के मालिक इनके बल पर गुलछर्रे उड़ाते हैं.आज वे ही दाने दाने के लिए मौत के करीब पहुँच गये हैं.इन मजदूरों द्वारा जारी फोटो और वीडियो देखकर किसी भी संवेदनशील ब्यक्ति का दिल दहल जाएगा.

सरकार का ध्यान इन भूखे लाचार लोगों की तरफ नहीं है.इन मजदूरों की आवाज दिल्ली में राज कर रहे प्रधानसेवक और उनके लगुवे भगुवे तक नहीं पहुँच पा रही है.दूसरी तरफ तीर्थयात्रियों को धार्मिक स्थलों से लॉक डाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का अवहेलना करते हुवे उनके घरों तक लग्जरी गाड़ियों से पहुँचाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- #Coronavirus : ‘जान भी जहां भी’ की तर्ज पर काम तो कीजिए, कैसे पर…?

गुजरात के लोग किसी धार्मिक अनुष्ठान के लिए हरिद्वार गए थे.इसी बीच लॉक डाउन हो गया.जो जहाँ थे वहीं फँस गए लेकिन गृह मंत्री के निजी हस्तक्षेप के बाद इन यात्रियों को अपने घरों तक पहुँचाया गया.

दूसरी घटना है.काशी बनारस की जहाँ से हमारे प्रधानमंत्री जी सांसद हैं.इनके आवाज पर पूरे देश में लॉक डाउन है. लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं.जो जहाँ हैं वहीं रहें.लेकिन वाराणसी में महाराष्ट और उड़ीसा से आये एक हजार तीर्थ यात्री यहाँ फँस हुवे थे.तमिलनाडु,तेलंगाना,आंध्र प्रदेश,महाराष्ट और उड़ीसा के एक हजार से अधिक यात्रियों को 25 बसों और चार क्रूजर से सुरक्षाकर्मियों संग सभी लोगों को पहुँचाया गया.

पैंतालीस सीटों पर पैंतालीस यात्री.प्रधानमंत्री जी किस सोशल डिस्टेंसिंग का पालन आप करवा रहे हैं.

इन तीर्थ यात्रियों की आवाजें लोगों के कानों तक तुरन्त पहुँच गयी.जबकि ये लोग होटल और धर्मशाला में थे.जिला प्रशासन इन लोगों को खाने पीने के साथ सारी सुविधाओं का ख्याल रखे हुवे थी.जबकि मजदूर कई राज्यों में भूख से बेहाल हैं.

इन घटनाओं से स्पष्ट हो गया कि यह सरकार मेहनतकशों के लिए नहीं.तोंद फुलाये टिका लगाये जो परजीवी हैं. उनके ही हितों की बात सोंचती है.

ये भी पढ़ें- Lockdown में देश बनता चाइल्ड पोर्नोग्राफी का होटस्पोट

भाकपा माले के राष्ट्रीय नेता एवं पूर्व विधायक राजाराम सिंह ने कहा कि इस देश के मेहनतकश और श्रमिक वर्ग के लोगों अगर बात समझ में नहीं आयी तो अंग्रजों के गुलामी से भी बुरा हाल होने वाला है. इस कोरोना की वजह से गरीब,बेबस और लाचार लोग बेमौत मारे जायेंगे. यह सरकार पूंजीपतियों और धार्मिक ढकोसलेबाज लोगों को ही हर चीजों में प्राथमिकता देगी.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...