मूलतः बंगलौर निवासी और पिछले 15 वर्षों से ‘वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर के रूप में कार्यरत  अमोघवर्ष जे एस अब तक अनगिनत पुरस्कार हासिल कर चुके हैं. वह ‘‘नेशनल जियोग्राफी’’ (National Jiography) और ‘‘बीबीसी’’ (BBC) चैनल के लिए भी कार्य कर चुके हैं. उनके कार्यों के बारे में 2015 में पेरिस में आयोजित ‘‘युनाइटेड नेशन के क्लायमेट चेंज कौंफ्रेंस’’ में भी दिखाया गया था.इतना नही जनवरी 2020 में उन्होने क्लायमेट चेंज पर ‘युनाइटेड नेशन’ के मुख्यालय में अपनी बात भी रखी थी, जब ‘युनाइटेड नेशन’ (United Nation) में उनके भारत के कर्नाटक राज्य के जंगलों और इन जंगलों में विचरण कर रहे पशुओं के जीवन पर उनके द्वारा बनाए गए वृत्त चित्र ‘‘वाइल्ड कर्नाटका’’ का प्रदर्शन किया गया था.

कर्नाटक के 20.19 प्रतिशत भूभाग में है जंगल

विश्व प्रसिद्ध जंगलों में से कुछ जंगल और जंगली जानवर अब भी कर्नाटक में हैं. जी हॉ! भारत में जंगलों की कमी नही है. भारत के लगभग हर राज्य के कुछ हिस्से में जंगल विद्यमान हैं. कर्नाटक तो भारत का 6ठा सबसे बड़ा राज्य है, जिसके 38720 किमी का क्षेत्र वन क्षेत्र यानी कि जंगल क्षेत्र है. जो कि राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 20.19 प्रतिशत है. यह जंगल क्षेत्र पश्चिमी घाट के सदाबहार हरे भरे जंगलों से लेकर मैसूर जिले के पर्णपाती जंगलों तक, रामनगर और दारोजी के जंगल नदी और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र तक फैले हुए हैं. कर्नाटक के इस जंगल में पूरे भारत में मौजूद हाथियो के 25 प्रतिशत हाथी, बाघो की आबादी के बीस प्रतिशत बाघ मौजूद हैं. कहा जाता है कि पूरे एशिया में सबसे अधिक हाथी व बाघ कर्नाटक के ही जंगलों में हैं. इस फिल्म के जरिए उनका चित्रण कर दुनियाभर को इस राज्य की तरफ आकर्षित करने की कोशिश है.

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