देशदुनिया में लगभग 6-7 करोङ लोगों द्वारा बोली जाने वाली मैथिली भाषा पर बनी फिल्म 'लव यू दुल्हिन' प्रदर्शन से पहले ही चर्चा में है. देश के कई मल्टीप्लैक्स में एकसाथ रिलीज होने वाली यह फिल्म दिल्ली के पीवीआर में भी प्रदर्शित होगी और आश्चर्य की बात यह है कि इस की प्रीमियम शो के टिकटों की बुकिंग के लिए दर्शकों में होङ है.
वैसे, भोजपुरी फिल्मों की वजह से पिटी मैथिली भाषा पर बनी फिल्में शायद ही कभी बौक्स औफिस पर कमाल दिखा पाई हो.
अलबत्ता, 1965 में इस भाषा पर बनी पहली फिल्म 'कन्यादान' ने दर्शकों पर छाप जरूर छोङी थी पर सिनेमाघरों में कुछ खास नहीं दिखा पाई.
1982 में इसी भाषा पर बनी एक और फिल्म 'ममता गाबय गीत' ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया था और बिहार, यूपी, झारखंड (पहले बिहार) के साथसाथ उत्तर प्रदेश और नेपाल में खूब चली थी. राज्य सरकार द्वारा तब इसे टैक्स फ्री भी किया गया था.
मगर भोजपुरी सिनेमा और गीतों की वजह से मैथिली सिनेमा को धीरेधीरे या कहें एक तरह से लोगों ने भूला ही दिया. हालांकि बाद में भी कुछ फिल्में 'राखी के लाज', 'पिया संग प्रीत हम कोना करब', 'सेनुरक लाज', 'मुखिया जी' आदि जरूर रीलिज हुईं पर ठीक से चल भी नहीं पाईं.
सोशल मीडिया पर कैंपेन
अब एकबार फिर से 'लव यू दुल्हिन' प्रदर्शन को तैयार है और इस फिल्म को अब देखने की अपील की जा रही है.