• रेटिंगः पांच में से दो स्टार
  • निर्माताः अजीत अंधारे, अमृतपालसिंह बिंद्रा व आनंद तिवारी
  • लेखकः सुमित सक्सेना और अरूणाभ कुमार
  • निर्देषकः सुमित सक्सेना
  • कलाकारः विजय वर्मा,ष्वेता त्रिपाठी षर्मा,सुदेव नायर,सीमा विष्वास, यषपाल षर्मा,गोपाल दत्त,सुजाना मुखर्जी,अषोक सेठ,हीबा कमर,एनब खिजरा, नीता मोहिंद्रा,षषिभू-ुनवजयाण,अमन ब्रम्ह षर्मा,ज्योति वर्मा,रोषन वर्मा व अन्य.
  • अवधिः पांच घंटे ,35 से पचास मिनअ के आठ एपीसोड
  • ओटीटी प्लेटफार्म : जियो सिनेमा

समाज में तेजी से बदलाव हो रहे हैं.इसके बावजूद महिलाओं के प्रति अपराधों की संख्या ब-सजय़ती जा रही है.तो दूसरी तरफ युवा लड़के परिवार के दबाव में न चाहते हुए भी ऐसी लड़की से विवाह के लिए हामी भर देते हैं,जो कि किसी न किसी बीमारी की षिकार है.इन दोनों मुद्दों पर आधारित वेब सीरीज ‘‘कालकूट’’ लेकर आए हैं,मगर फिल्मकार ने दूसरे कई मुद्दे जबरन ठॅूंस कर दोनों मूल मुद्दों के साथ न्याय करने में पूरी तरह से न सिर्फ विफल रहे हैं,बल्कि कहानी का भी बंटाधार कर डाला.इसे ओटीटी प्लेटफार्म ‘जियो सिनेमा’ पर मुफ्त में देखा जा सकता है.

कहानीः

वेब सीरीज ‘‘कालकूट’’ की कहानी षुरू होती है पुलिस सब इंस्पेक्टर रवि-रु39यांकर त्रिपाठी के नौकरी से त्याग पत्र लिखने से.जिसमें वह लिखते है कि वह सरसी पुलिस स्टे-रु39यान और उनकी वर्दी का सम्मान करते हैं,लेकिन यह देखते हुए कि पुलिस स्टे-रु39यान में सभी लोग कैसे काम करते हैं, वह काम करना जारी नहीं रखना चाहते हैं.’रवि की त्यागपत्र की भा-ुनवजया पर एतराज जताकर उनका त्याग पत्र अस्वीकार कर उन्हें पारूल चतुर्वेदी पर हुए एसिड अटैक की जांच की जिम्मेदारी सौंप दी जाती है.पता चलता है कि पारुल वही लड़की है,जिसका रिष्ता मृदु भा-ुनवजया सब इंस्पेक्टर रवि के लिए आया था.उधर रवि की मां (सीमा बिस्वास) अपने बेटे के लिए रि-रु39यता -सजयूं-सजयने के बारे में एकनि-ुनवजयठ है.खैर,जांच षुरू होते ही रवि के बॉस जगदीष सहाय इस केस को जल्द खत्म करने के मकसद से अपराधी को -सजयूं-सजयने से ज्यादा लड़की के चरित्र पर ध्यान देने के लिए कह देते हैं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 महीना)
USD2
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...