रेटिंग: साढ़े तीन स्टार

निर्माताः आनंद शुक्ला

निर्देशकः अनंत नारायण महादेवन

कलाकारः जैकी श्राफ,रजित कपूर,सुनीता सेनगुप्ता , दर्शन जरीवाला , मोहन कपूर और सानंद वर्मा व अन्य.

अवधिः एक घंटा चालिस मिनट

कोरोना महामारी के दौरान लोगो ने बहुत अवसाद झेला है.कइयों ने अपनो को खोया है.अपनों को खोने के बाद कईयों को अपनी जिंदगी ही निरर्थक व बोझ लगने लगी.लोग अभी भी अपने घावों से उभरने के प्रयास में लगे हुए हैं.ऐसे ही दौर में निर्माता आनंद षुक्ला और निर्देशक अनंत नारायण महादेवन फिल्म ‘‘लाइफ इज गुड’’ लेकर आए हैं,जो कि इंसान को हर मुसीबत व संकट के वक्त जिंदगी जीने की सीख देती है.

यह फिल्म कहती है कि किसी अपने को खोकर अपनी जिंदगी को खत्म मत कीजिए,बल्कि अपने आस पास के लोगों से प्यार कीजिए,जिंदगी के हर छोटे लमहे का आनंद लीजिए.यॅूं तो यह फिल्म कुछ वर्ष पहले प्रदर्षित होने वाली थी,मगर ऐन वक्त पर इसका प्रदर्षन टल गया था.फिर भी यह फिल्म सही समय पर आयी है.यह फिल्म लोगों को जिंदगी के असल मायने और रिष्तों की अहमियत समझाती है.

कहानीः

फिल्म ‘लाइफ इज गुड‘ की कहानी उत्त्र भारत की सुरम्य पहाड़ियो में बसे षांत प्रकृति वाली जगह में पोस्ट आफिस में कार्यरत रामेश्वर (जैकी श्राफ) की है, जो अपनी मां की मौत के बाद अकेला हो जाता है.वह अपनी मां से बहुत प्यार करता था.इसलिए अब उसे लगता है कि उसकी जिंदगी में कुछ नही बचा.किसी काम में मन नहीं लगता.नौकरी भी ठीक से नही करता. और एक दिन वह अपनी जीवन लीला समाप्त करने का प्रयास करता है.पर ऐन वक्त पर एक छह साल की बच्ची मिस्टी (अनन्या) की गेंद से रामेश्वर के मकान का कांच टूट जाता है,और वह जिन दवाओं को खाकर अपनी जिंदगी खत्म करना चाह रहा था,वह जमीन पर गिर जाती हैं.

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