फिल्म ‘दबंग’ से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाली सोनाक्षी सिन्हा शत्रुघ्न सिन्हा और पूनम सिन्हा की बेटी हैं. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने फैशन डिजाइनिंग का कोर्स किया. कुछ फिल्मों में उन्होंने कौस्ट्यूम डिजाइनर का भी काम किया. उन्हें लगा नहीं था कि वे कभी हीरोइन बन पाएंगी. लेकिन सलमान खान ने उन्हें फिल्मों में आने के लिए बढ़ावा दिया और उन का नाम आज की टौप हीरोइनों में जुड़ चुका है. फिल्मों के अलावा सोनाक्षी सिन्हा को छोटे परदे पर भी काम करना पसंद है. इन दिनों वे ‘स्टार प्लस’ के एक रिऐलिटी शो ‘नच बलिए 8’ में जज बनी हैं. पेश हैं, उन से की गई बातचीत के खास अंश:

इस शो से कैसे जुड़ना हुआ?

 इस शो से जुड़ना इत्तिफाक नहीं था. इस से पहले भी मैं ने एक रिऐलिटी शो किया था. उस के खत्म होने के बाद यह मिला.

मुझे टैलीविजन पर काम करना बहुत पसंद है, क्योंकि इस की पहुंच हर घर में होती है. यह एक डांस शो है और मुझे भी डांस बहुत पसंद है.

क्या इस शो के दौरान आप भी कुछ नया डांस सीख रही हैं?

मैं हर फिल्म के साथ एक नए तरह का डांस सीखती हूं. अभी मेरी फिल्म ‘नूर’ आई है. उस में मुझे नया डांस ‘हिपहौप’ सीखने को मिला. मुझे कसरत करना जरा भी पसंद नहीं है, लेकिन डांस पसंद है, इसलिए मैं डांस क्लास में जाना पसंद करती हूं, क्योंकि फिट रहने का यह भी एक अच्छा जरीया है.

आप अपने मातापिता से कितनी प्रभावित हैं?

मैं उन्हें आदर्श जोड़ा मानती हूं. दोनों ने अपनी जिंदगी के तकरीबन 36 साल हर मोड़ पर, उतारचढ़ाव में एकदूसरे का साथ दिया है. मैं ने बचपन से देखा है कि पिता के साथ मां का संबंध बहुत गहरा है. पतिपत्नी के रिश्ते को उन्होंने बहुत जिम्मेदारी के साथ निभाया है.

आप ने डांसिंग, सिंगिंग और ऐक्टिंग सबकुछ कर लिया है. अब आगे नया क्या करना चाहती हैं?

 मैं एक क्रिएटिव लड़की हूं और हमेशा कुछ न कुछ नया करने की सोचती हूं. अभी मैं एक ऐसे मुकाम पर भी पहुंच चुकी हूं, जहां से मैं अपने सपने को पूरा कर सकती हूं. ऐसे में मेरे पास अगर कुछ भी नया करने का मौका होगा, तो मैं जरूर करना चाहूंगी.

आजकल रिश्तों के माने बदल गए हैं. हर कोई अपनी तरह से रिश्तों को निभाता है. इस में बहुत कम जोड़े ऐसे होते हैं, जो सालोंसाल साथ निभाते हैं. कहां समस्या है? इसे कैसे ठीक किया जा सकता है?

 मेरे हिसाब से मैं ने एक रिलेशनशिप, जिसे अपने बारे में सोचा है, वह है लव, अफैक्शन, केयरिंग, शेयरिंग, सपोर्ट जो हर काम में होना चाहिए. इन में से कुछ भी कम हो जाए, तो रिश्तों का रूप बदल जाता है.

क्या आप टैलीविजन पर ऐक्टिंग करना चाहती हैं?

 टैलीविजन एक बड़ा जरीया है और करोड़ों लोग इस को देखते हैं. ऐसे में कोई अच्छा काम मिलेगा, तो मैं जरूर करना चाहूंगी.

तनाव में आप क्या करती हैं?

 तनाव से छुटकारा पाने के लिए मैं डांस करना ही बेहतर समझती हूं.

आप ने नई फिल्म ‘नूर’ में एक पत्रकार का किरदार निभाया है. क्या आप को लगता है कि पत्रकार के लिए भी कुछ बंदिशें होनी चाहिए?

 सभी काम के लिए एक हद जरूर होनी चाहिए, फिर चाहे वह डाक्टर, लेखक, पत्रकार, ऐक्टर वगैरह कोई भी हो. अगर आप किसी बात से बुरा मानते हैं, तो वह बात आप को किसी और के लिए भी नहीं कहनी चाहिए.

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