फिल्म रिव्यू: केसरी

डायरेक्टर:  अनुराग सिंह

कलाकार: अक्षय कुमार, परिणीति चोपड़ा, एडवर्ड सोनेनब्लिक, मीर सरवार

रेटिंग : चार स्टार

12 सितंबर 1897 को सारागढ़ी किले को बचाने के लिए हवलदार ईश्वर सिंह के नेतृत्व में 21 सिख सैनिको ने दस हजार अफगान सैनिकों के साथ युद्ध किया था. उस वीरता की कहानी को बयां करने वाली फिल्म है ‘‘केसरी’’. आत्मसम्मान और गौरव के लिए लड़ी गई इस लड़ाई ने ऐसी छाप छोड़ी थी कि सदियो बाद भी इस युद्ध को याद किया जाता है. ब्रिटेन में तो हर साल 12 सितंबर को ‘सारागढ़ी दिन’ मनाया जाता है.

क्या है कहानी....

फिल्म ‘‘केसरी’’ की कहानी की शुरू होती है गुलिस्तान किले पर तैनात हवलदार ईश्वर सिंह (अक्षय कुमार) से, जो कि अपने ब्रिटिश मेजर के आदेश का उल्लंघन करते हुए अफगान सरगना मसूद खान के हाथों एक अफगानी विवाहित महिला का कत्ल होने से बचाता है. तब अंग्रेज मेजर, ईश्वर सिंह को सजा के तौर पर गुलिस्तान किले से हटाकर सारागढ़ी किले पर भिजवा देता है, जहां पर कभी कोई हमला नहीं होता. इस दौरान अंग्रेज मेजर ईश्वर सिंह से कहता है- ‘‘तुम हिंदुस्तानी कायर हो, इसीलिए हमारे गुलाम हो.’ ’सारागढ़ी पहुंचने पर ईश्वर सिंह पाता है कि वहां मौजूद सैनिकों में अनुशासन की कमी है. तो सबसे पहले ईश्वर सिंह उन 21 सिपाहियों को अनुशासन का पाठ पढ़ाचा है. इसके बाद उनके अंदर बहादुरी का जज्बा भरता है. जब ईश्वर सिंह अकेला होता है, तो वह ख्यालों में अपनी पत्नी जीवनी कौर (परिणीति चोपड़ा) से बातें करता है. दूसरे सिपाही भी अपने-अपने परिवार से जुड़े लोगों को याद करते हैं.

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