बृहस्पति कुमार पांडेय

भोजपुरी सिनेमा के चर्चित हीरो दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’ और खेसारीलाल यादव के अपोजिट काम कर चुकी हीरोइन श्रुति राव इन दिनों काफी चर्चा में हैं. खेसारीलाल यादव के साथ हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘लिट्टीचोखा’ में उन की ऐक्टिंग को काफी सराहा गया है.

ये भी पढ़ें : भोजपुरी के श्रीवल्ली और पुष्पा बनकर छाए Yash Kumar

श्रुति राव ने अभी तक दर्जनों फिल्मों में बतौर हीरोइन काम किया है. इन सभी फिल्मों में वे अलगअलग लुक में नजर आई हैं. उन की ऐक्टिंग में निखरने की झलक साफ दिखाई पड़ती है. यही वजह है कि उन्हें बड़े बैनर और बड़े ऐक्टरों के साथ काम करने का औफर मिलता रहा है. उन के फिल्मी कैरियर को ले कर हुई बातचीत में उन्होंने अपने बारे में खुल कर बात की. पेश हैं, उसी के खास अंश :

आप दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’ और खेसारीलाल यादव जैसे कलाकारों के साथ काम कर चुकी हैं. दोनों कलाकारों की नेचर में क्या अंतर पाती हैं?

खेसारीलाल यादव के साथ काम कर के मुझे जो सब से बड़ी सीख मिली, वह है कि अपने काम के प्रति जुनूनी होना. उन का कैरियर के पीछे पागलपन और लक्ष्य को पाने के लिए एक कर देना मुझे सब से ज्यादा प्रभावित करने वाला लगा.

ये सारी चीजें दिनेशलाल यादव में भी हैं, लेकिन उन में जो चीज है, सब से अलग हट कर है, वे अपने सीनियर और जूनियर दोनों की इज्जत करना जानते हैं.

आप को क्या लगता है कि भोजपुरी इंडस्ट्री में लड़कियां मर्दों के बराबर हैं?

फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं का काम, सहयोग और योगदान पुरुषों से जरा भी कमतर नहीं है. यह सिर्फ सिनेमा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि देश की लड़कियां हर क्षेत्र में अपने हुनर का लोहा मनवा रही हैं. कई मामलों में तो वह पुरुषों से भी बेहतर कर पाने में सक्षम हुई हैं. लेकिन इस सब के बावजूद भोजपुरी सिनेमा में जो मेहनताना हीरो को मिलता है, उस से काफी कम हीरोइन को दिया जाता है, इसलिए इस मामले में भी बराबरी होनी ही चाहिए.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 महीना)
USD2
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...