मजारों पर लुटते लोग, क्या है यह गोरखधंधा

Society News in Hindi: उत्तर प्रदेश के शहर रामपुर के पास 4 ऐसी कब्रों की निशानदेही की गई है, जिन के बारे में कहा जा रहा है कि वे कब्रें फर्जी हैं और इस के द्वारा लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ किया जा रहा है, इसलिए लोगों को जागरूक किया जाए और उन्हें इस की सचाई बताई जाए, ताकि वे धोखा न खाएं.

यह काम कोई और नहीं, खुद बरेलवी उलेमा कर रहे हैं, जबकि ‘फायदा’ होने की खबर ने इस पूरे इलाके को गुलजार कर दिया है.

रामपुर की मजलिस फिक्र इसलामी के मुताबिक, जिला रामपुर के मिलन बिचौला नामक गांव में तकरीबन 6 महीने पहले एक शख्स ने सपने के आधार पर 4 फर्जी कब्रें बना लीं और उन्हें मजारों के तौर पर प्रचारित कर फायदे की अफवाह उड़ा दी. इस के बाद मजारों पर आने वालों का तांता लग गया.

नैनीताल हाईवे इस गांव से गुजर रहा है, जिस पर हर गुरुवार और सोमवार को रोड जाम रहता है. इस हाईवे से डेढ़ किलोमीटर की दूरी है, जिस के बाद एक किलोमीटर जंगल की ओर पोपलर के खेत में कब्रें बनाई गई हैं.

गुरुवार और सोमवार को यह पूरा डेढ़ किलोमीटर का रास्ता पैदल और दोपहिया वाहनों के लिए रहता है, जबकि चारपहिया वाहनों को पहले ही रोक दिया जाता है.

इस पूरे रास्ते में अगरबत्ती, तेल और पानी की सैकड़ों दुकानें लगी रहती हैं. किराए पर मजारों के आसपास की दुकानें नियमित रूप से लगती हैं. 2 बीघा जमीन पर साइकिल स्टैंड बना है. यहां पर 10 से 25 रुपए तक का किराया वसूला जाता है.

एक अंदाज के मुताबिक, हर गुरुवार को अकेले साइकिल स्टैंड से 20 हजार रुपए की आमदनी होती है. ये कब्रें जिस खेत में बनी हैं, वह 60 बीघे का है. इस खेत का मालिक अख्तर खां है. इसी ने सपने के आधार पर इन मजारों को बनाया था. लेकिन इस शख्स ने इन चारों मजारों का इंतजाम अपने हाथ में न ले कर 20 हजार रुपए महीने पर गांव के 3 लोगों को ठेके पर उठा दिया. उन लोगों इन कब्रों से कारोबार करना शुरू कर दिया. कुछ लोगों को फायदे की   झूठी अफवाह फैलाने के लिए किराए पर रख लिया, जो दिनभर इधरउधर घूम कर यह प्रचार करते हैं कि वहां जाने वाले की सारी मुसीबतें दूर हो जाती हैं.

साथ ही, कुछ जवान लड़कियों को भूतप्रेत का ढोंग करने और कब्रों के करीब चीखपुकार मचाने के लिए किराए पर रख लिया गया.

4 अनपढ़ मजदूर अलगअलग चारों कब्रों पर फातिहा के लिए बैठे हैं, जो हर आने वाले से कब्र के पास रखी गोलक में ज्यादा से ज्यादा रुपए डलवाते हैं. वहां 5 गोलकें रखी हुई?हैं. ठेकेदारों की इन कोशिशों का नतीजा यह हुआ कि इन कब्रों से डेढ़ से 2 लाख रुपए की आमदनी हर महीने होने लगी.

मजलिस फिक्र इसलामी के मोहम्मद नासिर रामपुरी के मुताबिक, गोलक की निगरानी करने वाले ब्रजलाल ने बताया कि शाम को पैसे मेरे सामने ही गिने जाते हैं. गुरुवार और सोमवार को हर गोलक से 9 से 10 हजार रुपए और आम दिनों में डेढ़ से 2 हजार रुपए निकलते हैं.

उस ने आगे यह भी बताया कि एक दिन एक शख्स एक गोलक ले कर भाग गया, जिस के बाद 2 सौ रुपए रोजाना की दिहाड़ी पर मु  झे निगरानी के लिए रखा गया है.

इन मजारों के करीब ही गांव का श्मशान घाट है. वहां एक समाधि भी बनी है. गांव के लोगों ने बताया कि ठेकेदार की तरफ से इन कब्रों के करीब 5वीं कब्र बनाने का ढोंग रचा गया.

एक शख्स मोटरसाइकिल से उस जगह आया और कब्रों के पास 2-4 लंबीलंबी सांसें खींच कर बोला कि 5वीं मजार यहां है. योजना के तहत वहां पर कब्र बना दी गई.

कब्र के पास मौजूद मुजाविरों ने उस पर एक चादर डाल दी और चिराग व अगरबत्ती जला दी, फिर अचानक एक लड़की कब्र के पास आई और भूतप्रेत होने का नाटक करने लगी.

मजारों पर आए कुछ लोगों को शक हुआ और उन लोगों ने ढोंगी को पकड़ कर उस की पिटाई कर दी. ऐसा देख लड़की भी खेत की ओर भाग गई.

चारों कब्रों के पास हजारों कागज के पुरजे, जिन पर मन्नतें लिखी हैं, मजार पर बैठा शख्स एक पुरजा लिखने के 25 रुपए लेता है. इस शख्स की दिहाड़ी रोजाना 2 सौ रुपए है और मन्नतों के लालहरे कपड़े बंधे हुए हैं.

ठेकेदार ने अपनी चालाकी से मजारों से आमदनी में बहुत बढ़ोतरी कर ली है, जिस के चलते जमीन मालिक ने इस को दोबारा नीलामी पर देने की बात की और नहीं मानने पर पुलिस में शिकायत की, लेकिन कुछ नहीं हुआ.

जब जमीन के मालिक ने देखा कि हर महीने के 20 हजार रुपए गए और मजार के नाम पर जमीन भी गई, तो उस ने कब्रों को फर्जी कहना शुरू कर दिया, लेकिन अब न तो ठेकेदार सुनने को तैयार है और न ही इन मजारों पर आने वाली जनता.

मोहम्मद नासिर रामपुरी, जो इन फर्जी कब्रों के खिलाफ मुहिम छेड़े हुए हैं, ने शहर के एसडीएम को एक मांगपत्र दिया है कि फर्जी कब्रें बनाने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए.

6 महीने से यह खुला खेल चल रहा था और इस में लोगों को भटका कर जो रकम वसूल की गई है, वह भी उन से वापस ली जाए.

मेरठ पहुंचीं बिग बॉस फेम अर्चना गौतम, लोगों ने किया ग्रैंड वेलकम

बिग बॉस16 फेम कटेस्टेंट इन दिनों चर्चा में चल रहे है, कभी प्रियंका अपनी हार को लेकर सोश मीडिया पर छाई हुई तो, कभी शिव ठाकरे टॉप 2 में होने की वजह से चर्चा में रहे है. बिग बॉस 16 का विजेता बीते रविवार एमसी स्टैन रहे है. लेकिन उनके अलावा अचर्ना गौतम टॉप 5 में बनी रही थी और अब अर्चान अपने होमटाउन पहुंची है जहां उनका ग्रैंड वेलकम हुआ. जिसकी वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है.

आपको बता दें, कि अर्चना गौतम अपने होमटाउन, उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में पहुंची है, जहां उनका ग्रैंड वेलकम हुआ है.मेरठ में गैंड वेलकम का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में आप देख सकते है की अर्चना गौतम फैंस के बीच घिरी हुई है और पगड़ी पहनकर डांस कर रही है. वही उनके चहाने वाले इस मूमेंट को अपने फोन में कैद करते दिख रहे है. अर्चान गौतम और उनके फैंस की खुशी साफ झलक रही है  अब अर्चना गौतम के इस वीडियो को लोग जमकर वायरल कर रहे है साथ खूब सारा प्यार बरसा रहे है.

 

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अर्चना गौतम ‘बिग बॉस 16’ के घर में अपनी एक्टिविटी से लोगों का ध्यान खींचा था. शो के टॉप-5 कंटेस्टेंट एमसी स्टैन, शिव ठाकरे, प्रियंका चाहर चौधरी, शालीन भनोट और अर्चना गौतम थीं. भले ही अर्चना गौतम के हाथ ट्रॉफी नहीं लगी है लेकिन घर में उन्हें लोगों ने खूब पसंद किया था. ‘बिग बॉस 16’ के होस्ट सलमान खान ने फिनाले के मौके पर अर्चना गौतम के साथ जमकर मस्ती की थी. गौरतलब है कि 12 फरवरी को हुए शो के फिनाले में एमसी स्टैन ने ‘बिग बॉस 16’ की ट्रॉफी अपने नाम की और शिव ठाकरे रनर अप रहे.

राजनीति में अकेली ताकतवर नहीं मोदी सरकार

गुजरात व हिमाचल प्रदेश की विधानसभाओं केदिल्ली की म्यूनिसिपल कमेटी केउत्तर प्रदेशबिहार व ओडिशा के उपचुनावों से एक बात साफ है कि न तो भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ कोई बड़ा माहौल बना है और न ही भारतीय जनता पार्टी इस देश की अकेली राजनीतिक ताकत है. जो सोचते हैं कि मोदी है तो जहां है वे भी गलत हैं और जो सोचते हैं कि धर्म से ज्यादा महंगाईबेरोजगारीहिंदूमुसलिम खाई से जनता परेशान हैवे भी गलत हैं.

गुजरात में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सीटें बढ़ा लीं क्योंकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में वोट बंट गए. गुजरात की जनता का बड़ा हिस्सा अगर भाजपा से नाराज है तो भी उसे सुस्त कांग्रेस औैर बड़बोली आम आदमी पार्टी में पूरी तरह भरोसा नहीं हुआ. गुजरात में वोट बंटने का फायदा भारतीय जनता पार्टी को जम कर हुआ और उम्मीद करनी चाहिए कि नरेंद्र मोदी की दिल्ली की सरकार अब तोहफे की शक्ल में अरविंद केजरीवाल को दिल्ली राज्य सरकार और म्यूनिसिपल कमेटी चलाने में रोकटोक कम कर देगी. उपराज्यपाल के मारफत केंद्र सरकार लगातार अरविंद केजरीवाल को कीलें चुभाती रहती है.

कांग्रेस का कुछ होगायह नहीं कहा जा सकता. गुजरात में हार धक्का है पर हिमाचल प्रदेश की अच्छी जीत एक मैडल है. हांयह जरूर लग रहा है कि जो लोग भारत को धर्मजाति और बोली पर तोड़ने में लगे हैंवे अभी चुप नहीं हुए हैं और राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा’ में मिलते प्यार और साथ से उन्हें कोईर् फर्क नहीं पड़ता.

देशों को चलाने के लिए आज ऐसे लोग चाहिए जो हर जने को सही मौका दें और हर नागरिक को बराबर का सम?ों. जो सरकार हर काम में भेदभाव करे और हर फैसले में धर्म या जाति का पहलू छिपा होवह चुनाव भले जीत जाएअपने लोगों का भला नहीं कर सकती. धर्म पर टिकी सरकारें मंदिरोंचर्चों को बनवा सकती हैं पर नौकरियां नहीं दे सकतीं. आज भारत के लाखों युवा पढ़ने और नौकरी करने दूसरे देशों में जा रहे हैं और विश्वगुरु का दावा करने वाली सरकार के दौरान यह गिनती बढ़ती जा रही है. यहां विश्वगुरु नहींविश्वसेवक बनाए जा रहे हैं. भारतीय युवा दूसरे देशों में जा कर वे काम करते हैं जो यहां करने पर उन्हें धर्म और जाति से बाहर निकाल दिया जाए.

अफसोस यह है कि भाजपा सरकार का यह चुनावी मुद्दा था ही नहीं. सरकार तो मानअपमानधर्मजातिमंदिर की बात करती रही और कम से कम गुजरात में तो जीत गई.

देश में तरक्की हो रही है तो उन मेहनती लोगों की वजह से जो खेतों और कारखानों में काम कर रहे हैं और गंदी बस्तियों में जानवरों की तरह रह रहे हैं. देश में किसानों के मकान और जीवन स्तर हो या मजदूरों का उस की चिंता किसी को नहींक्योंकि ऐसी सरकारें चुनी जा रही हैं जो इन बातों को नजरअंदाज कर के धर्म का ढोल पीट कर वोट पा जाती हैं.

ये चुनाव आगे सरकारों को कोई सबक सिखाएंगेइस की कोई उम्मीद न करें. हर पार्टी अपनी सरकार वैसे ही चलाएगीजैसी उस से चलती है. मुश्किल है कि आम आदमी को सरकार पर कुछ ज्यादा भरोसा है कि वह अपने टूटफूट के फैसलों से सब ठीक कर देगी. उसे लगता है कि तोड़जोड़ कर बनाई गई महाराष्ट्रकर्नाटकगोवामध्य प्रदेश जैसी सरकारें भी ठीक हैं. चुनावों में तोड़फोड़ की कोई सजा पार्टी को नहीं मिलती. नतीजा साफ है. जनता को सुनहरे दिनों को भूल जाना चाहिए. यहां तो हमेशा धुंधला माहौल रहेगा.

अंधविश्वास की राजनीति आखिर कबतक

देसी चुनावों में जीत पा जाना कोई कमाल की बात नहीं है खासतौर पर जब यह पैसा देने को भी तैयार हो और भक्तों का चलाया जा रहा मीडिया लोगों को पाखंडी और अंधविश्वासी के साथ राज्य की भक्ति भी सिखा रहा. नेता की ताकत तो तब दिखती है जब दूसरे देश उस की सुनते हों, उसे नाराज करने की हिम्मत न करते हों.

नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री होने की वजह से बारीबारी से मिलने वाली जी-20, बड़े 20 देशों की संस्था के अध्यक्ष बने हैं पर उन के अध्यक्ष की कुर्सी लेने के कुछ दिन बाद ही चीन ने अरुणाचल प्रदेश में घुसपैठ शुरू कर दी यही नहीं, मुसलिम देशों के संगठन औगैंनाइजेशन औफ इस्लामिक कंट्रीज के महासचिव ने भारत के कश्मीर के उस हिस्से का दौरा कर लिया जो पाकिस्तान ने 1947 से जबरन दबोच रखा है.

अच्छा नेता वह होता है जिस का खौफ न हो तो कम से कम इज्जत हो कि उसे अपने देश में नीचा देखने की जरूरत न पड़े. पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर घूमने जाने से या अरुणाचल प्रदेश में घुस जाने से भारत टूटने नहीं वाला, न उसे…..है पर यह सवाल जरूर कर सकता है कि जब केंद्र में दिल्ली में बैठी सरकार इतनी मजबूत है तो ऐसा हो ही क्यों रहा है.

अपने देश में अपने बलबूते पर चुनाव जीतना किसी देश के नेता के लिए काफी नहीं है. हर देश का नेता चुनाव जीत कर या लड़ कर जीत कर ही नेता बनता है. बड़ा नेता वह होता है जिस की सब की इज्जत करें. जवाहरलाल नेहरू ने 1962 में धोखा खाया था. उन्हें लगा कि महात्मा गांधी के शिष्य होने की वजह से उन्हें दुनिया भर में इज्जत मिलेगी और चाहे चुनाव उन्होंने जीते हो, बेहद लोकप्रिय रहे हो. कानून मानने वाले रहे हों, माओ त्से तुंग के चीन ने. 1862 में हमला कर के मोहभंग कर दिया.

आज भारत ऐसे मोड़ पर बैठा है जहां अपनी गिनती की वजह से, सस्ती मजदूरी की वजह से, बड़ा देश होने की वजह से, सडक़ों, हवाई अड्डों, रेलों के जाल की वजह से वह दुनिया के किसी भी देश से बढ़ कर बन सकता है. पर हो क्या हो रहा है. एक चीन और इस्लामिक देश अपने तेवर दिखा रहे है और दूसरी तरफ भारतीय मजदूर कोठियों में नौकरियां करने के लिए खुद को गुलाम बना कर दुनिया भर में घटिया काम करने के लिए जा रहे हैं. हमारा हाल तो यह है कि हमारे पढ़ेलिखे ही पढऩे के लिए बाहर जा रहे हैं. देश में अमनचैन की बात की जाती है पर हर साल 2 लाख ङ्क्षहदुस्तानी अपनी नागरिकता छोड़ कर दूसरे देश की नागरिकता अपना लेते हैं.

देश को चलाने के बैलेट या बुलेट की नहीं, सही बैल्ट वाली नीतियों की जरूरत है जो हमारी खिसकती फटी पैंट को रोक सके. देश बाहरी खतरों से ज्यादा तो अदरुनी खतरों से परेशान है और इसीलिए बाहर वाले शेर हो रहे हैं.

कांग्रेसी एकजुटता के सुरीले सुर

यह दर्द था हिमाचल प्रदेश के एक आम आदमी और प्रतिभा सिंह खेमे के कार्यकर्ता का. पर सवाल उठता है कि आखिर जिन वीरभद्र सिंह के नाम पर कांग्रेस ने खूब चुनाव प्रसार किया, उन के परिवार में से किसी को मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया गया?

कांग्रेस के लिहाज से हिमाचल प्रदेश में सत्ता पर काबिज होना देश की राजनीति के लिए सुखद संकेत है. भले ही हम राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का फिलहाल कोई सीधा असर नहीं देख रहे हैं, पर उन की मेहनत अब कदम दर कदम रफ्तार पकड़ रही है. साथ ही, कांग्रेस अब एकजुट होती दिखाई दे रही है.

यही वजह है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू के हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सचिन पायलट, राजीव शुक्ला समेत पार्टी के कई दिग्गज नेता शामिल हुए.

इस एकता के कई सियासी माने हैं, जैसे कांग्रेस पहले की तुलना में भले ही कमजोर दिखती है, पर जनता ने गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को सिरे से खारिज कर के बता दिया है कि कांग्रेसी तिलों में अभी काफी तेल बाकी है.

इसी एकता का नतीजा है कि दिल्ली कांग्रेस इकाई के उपाध्यक्ष अली मेहंदी, जो हाल ही में 2 नवनिर्वाचित पार्षदों के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे, कुछ समय बाद उन्होंने कांग्रेस से माफी मांगते हुए वापस पार्टी में शामिल होने की जानकारी दी.

अली मेहंदी ने इस दौरान कहा, ‘‘मैं कांग्रेस में था, कांग्रेस में हूं और रहूंगा… मैं हमेशा राहुल गांधी का कार्यकर्ता बन कर रहूंगा.’’

दूसरी ओर अगर हिमाचल प्रदेश के कांग्रेसी घमासान पर नजर डालें, तो प्रदेश के 6 बार मुख्यमंत्री रहे दिवंगत वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह और उन के समर्थकों द्वारा मुख्यमंत्री पद के लिए होहल्ला मचाने के बावजूद अगर आलाकमान ने अपना कड़ा रुख बनाए रखा, तो इस की सब से बड़ी वजह यह रही कि कांग्रेस परिवारवाद के आरोप से उबरना चाहती है.

प्रतिभा सिंह के पति वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश में लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे. उन के बेटे भी विधायक हैं और खुद प्रतिभा सिंह सांसद हैं. ऐसे में अगर प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री या विक्रमादित्य को उपमुख्यमंत्री बनाया जाता तो एक बार फिर से कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगता. पर मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी

ने सख्ती दिखाई और प्रतिभा सिंह के बागी तेवरों के बावजूद उन की दाल नहीं गलने दी.

अगर उत्तर प्रदेश की बात करें, तो मैनपुरी लोकसभा सीट पर पिछले दिनों हुए उपचुनाव में पार्टी की उम्मीदवार डिंपल यादव ने अपने भारतीय जनता पार्टी के रघुराज सिंह शाक्य को 2 लाख, 88 हजार, 461 वोटों के फर्क से हरा दिया था. जब डिंपल यादव ने लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ली, तब उन्होंने सोनिया गांधी के पैर छू कर आशीर्वाद लिया.

इतना ही नहीं, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने उसी दौरान पत्रकारों से बात करते हुए इशारा किया कि साल 2024 के चुनाव के लिए विपक्ष एकजुट होगा. विपक्षी दल साल 2024 से पहले साथ आएंगे. नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, केसीआर सभी इस की कोशिश कर रहे हैं. विपक्ष की एकता और डिंपल यादव का सोनिया गांधी के पैर छूना भारतीय राजनीति के लिए नया संकेत है.

हाल के दिनों में कांग्रेस की बांछें खिलने की एक अहम वजह यह भी है कि इन दिनों पार्टी सोशल प्लेटफार्म पर बदलीबदली नजर आ रही है. राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के ट्वीट और हैशटैग चुटीले हो चले हैं और अकसर ट्रैंड भी करते हैं. इस का असर पार्टी और राहुल गांधी के फौलोअर्स की तादाद पर भी साफ देखा जा सकता है.

अगर ऐसा ही रहा, तो साल 2023 में होने वाले कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की एकजुटता को नया बल मिल सकता है और यह भारतीय जनता पार्टी के साथसाथ तमाम छोटे क्षेत्रीय दलों के लिए खतरे की घंटी है.

पर्यटकों के लिए मिलेगी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधायें -जयवीर सिंह

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कहा कि उ0प्र0 में पर्यटन की असीमित संभावनायें एवं निवेशकों के रूचि को देखते हुए बड़े पैमाने पर अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आगामी पांच वर्षों मंे 30 प्रतिशत घरेलू तथा 20 प्रतिशत विदेशी पर्यटकों के वृद्धि की संभावना है. जिससे 25 लाख लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा. उन्होंने कहा कि प्रक्रियाधीन पर्यटन नीति 2022 के तहत 10,000 करोड़ रूपये से अधिक निवेश का लक्ष्य रखा गया है. इस लक्ष्य को एक जिला एक पर्यटन केन्द्र के तहत प्राप्त किया जायेगा.

पर्यटन मंत्री आज होटल डी-पोलो क्लब स्पा रिजार्ट, धर्मशाला, हिमांचल प्रदेश में पर्यटन एवं अवस्थापना सुविधाओं के विकास विषय पर आयोजित 03 दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने इस राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन के लिए केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री जी किशन रेड्डी तथा केन्द्रीय पर्यटन विभाग के अधिकारियों को बधाई दी. इस राष्ट्रीय सम्मेलन मं् विभिन्न प्रदेशों के पर्यटन मंत्री, केन्द्रशासित प्रदेशों के एलजी, प्रशासक, वरिष्ठ अधिकारी, भारत सरकार, पर्यटन मंत्रालय के उच्चाधिकारी, राज्यों के पर्यटन विभागाध्यक्ष एवं सेवाक्षेत्र के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि उ0प्र0 देश का सबसे बड़ा राज्य है. यहां पर हर जनपद में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए धार्मिक, ऐतिहासिक, पुरातात्विक एवं पौराणिक स्थल मौजूद हैं. इन स्थानों पर पर्यटकों के पसंद के हिसाब से अवस्थापना सुविधाओं को विकसित किया जा रहा है.

श्री जयवीर सिंह ने कहा कि उ0प्र0 में सड़क, रेल, वायु तथा जल मार्ग के माध्यम से सभी धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थलों को जोड़ने के लिए अवस्थापना विकास के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में 940 करोड़ रूपये का प्राविधान किया गया है. पर्यटन के विकास की दृष्टि से प्रदेश को 12 सर्किट में बांटा गया है. सभी सर्किटों पर बुनियादी सुविधाओं के विकास पर कार्य तेजी से चल रहा है. बहुत से कार्य पूर्णता के अंतिम चरण में हैं.

पर्यटन मंत्री ने कहा कि ब्रज परिपथ में मथुरा, वृन्दावन, आगरा, रामायण परिपथ में लखनऊ, प्रयागराज के बीच के सभी स्थान एवं वन इको टूरिज्म, साहसिक पर्यटन स्थल, जल विहार, हेरिटेज आर्क के रूप में आगरा, लखनऊ एवं वाराणसी को जोड़कर बनाया जा रहा है. इसके अतिरिक्त महाभारत मेरठ, हस्तिनापुर, जैन परिपथ, सूफी परिपथ आदि शामिल हैं. इसके अलावा बौद्ध परिपथ के अंतर्गत लुम्बिनी, बोध गया, नालन्दा, राजगिरी, बैशाली, सारनाथ, श्रावस्ती, कुशीनगर, कौशाम्बी जैसे स्थलों को जोड़ा गया है.

श्री जयवीर सिंह ने कहा कि भारत की बौद्ध संस्कृति का प्रभाव दुनिया के अधिकांश देशों में है. इन देशो के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बौद्ध आस्था से जुड़े सभी स्थानों पर विश्वस्तरीय सुविधायें उपलब्ध कराई जा रही हैं. इसके अतिरिक्त हेरिटेज, टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए बुन्देलखण्ड के 31 किलों को चिन्हित किया गया है. पर्यटन की दृष्टि से इन्हें सजाने एवं संवारने के लिए सेन्टर फॉर इनवायरनमेंटल प्लानिंग एण्ड टेक्नोलॉजी (सीईपीटी) विश्वविद्यालय अहमदाबाद से सहयोग लिया जा रहा है.

पर्यटन मंत्री ने कहा कि पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित स्वदेश दर्शन स्कीम की नई गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश की वैभवशाली सांस्कृतिक विरासत को देखते हुए विन्ध्याचल, नैमिषारण्य, प्रयागराज, चित्रकूट, संगिसा, आगरा, कानपुर, झांसी, महोबा, गोरखपुर एवं कुशीनगर को अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किये जाने के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. इसके अतिरिक्त प्रदेश में इको टूरिज्म बोर्ड के गठन के साथ वेलनेस टूरिज्म के लिए तैयार किया जा रहा है. इसके साथ ही ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके अतिरिक्त उ0प्र0 पर्यटन एवं संस्कृति प्रोत्साहन परिषद का गठन किया गया है.

श्री जयवीर सिंह ने कहा कि उ0प्र0 में पर्यटन की अनंत संभावनायें हैं. इस क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने तथा रोजगार सृजित करने के उद्देश्य से विभिन्न संभावनाओं को तलाशा जा रहा है. इसके साथ ही अध्यात्मिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, ऐतिहासिक, पुरातात्विक महत्व के स्थलों पर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधायें विकसित की जा रही हैं. भगवान श्रीराम की अयोध्या नगरी, कृष्ण की मथुरा एवं काशी कॉरीडोर को अत्याधुनिक बनाया जा रहा है. श्री जयवीर सिंह ने कहा कि पर्यटन सेक्टर का अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है. प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने उ0प्र0 की अर्थव्यवस्था को एक अरब डॉलर बनाने का लक्ष्य रखा है. जिसमंे पर्यटन का अहम योगदान होगा. उन्होंने कहा कि अगले वर्ष जी-20 सम्मेलन में पर्यटन विभाग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेगा.

इस अवसर पर केन्द्रीय पर्यटन सचिव श्री अरविन्द सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत किया, इसके पश्चात केन्द्रीय पर्यटन रक्षा मंत्री श्री अजय भट्ट, एफएआईटीएच फेडरेशन के चेयरमैन श्री नकुल आनन्द, अध्यक्ष भारतीय पर्यटन विकास निगम श्री संबित पात्रा ने सम्बोधित किया. इसके अलावा असम के पर्यटन मंत्री, प्रमुख सचिव पर्यटन गुजरात तथा पर्यटन सचिव दादरा एवं नागर हवेली, दमन द्वीव ने भी अपने विचार रखे. उ0प्र0 के प्रमुख सचिव पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम एवं अन्य अधिकारी इस सम्मेलन में मौजूद थे.

नर्सिंग और पैरामेडिकल ट्रेनिंग के लिए “मिशन निरामयाः”

लखनऊ , मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों की कार्यप्रणाली की समीक्षा करते हुए शैक्षिक गुणवत्ता सुधार के सम्बंध में विविध दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ स्वास्थ्य एवं चिकित्सा व्यवस्था की रीढ़ हैं. कोरोना काल में हम सभी ने इनके व्यापक महत्व को देखा-समझा है। इस क्षेत्र में बेहतर कॅरियर की अपार संभावनाएं हैं.भविष्य की जरूरतों के दृष्टिगत नर्सिंग एवं पैरामेडिकल प्रशिक्षण में व्यापक परिवर्तन की आवश्यकता है. ऐसे में इस महत्वपूर्ण कार्य को अभियान के रूप में लेते हुए “मिशन निरामयाः’ के शुभारंभ किया गया है.

नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थानों को मान्यता दिए जाने से पहले निर्धारित मानकों का कड़ाई से अनुपालन किया जाना सुनिश्चित करें. मान्यता तभी दी जाए, जब शिक्षक पर्याप्त हों, संस्थान में मानक के अनुरूप इंफ्रास्ट्रक्चर हो. अधोमानक संस्थानों को कतई मान्यता न दी जाए. प्रदेश के सभी नर्सिंग/पैरामेडिकल संस्थानों में सेवारत शिक्षकों का आधार सत्यापन करते हुए इनका विवरण पोर्टल भी उपलब्ध कराया जाए.

संस्थानों में दाखिला परीक्षा की शुचिता पर विशेष ध्यान दें। ऐसी व्यवस्था हो कि परीक्षाओं में कक्ष निरीक्षक दूसरे संस्थान से हों. परीक्षाओं की सीसीटीवी से निगरानी भी की जानी चाहिए. इस दिशा में बेहतर कार्ययोजना के साथ काम किया जाए.

प्रदेश के कई संस्थान अच्छा कार्य कर रहे हैं, इनमें निजी क्षेत्र के संस्थान भी शामिल हैं। इन बेस्ट प्रैक्टिसेज को अन्य संस्थानों में भी लागू किया जाना चाहिए,इसके लिए मेंटॉर-मेंटी मॉडल को अपनाया जाना चाहिए,

बेहतर प्रशिक्षण के साथ-साथ हमें बेहतर सेवायोजन के लिए भी सुनियोजित प्रयास करना होगा, इसके लिए निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठित हॉस्पिटल से संवाद कर नीति तय की जाए. नर्सिंग का प्रशिक्षण ले रहे युवाओं के लिए प्रैक्टिकल नॉलेज बहुत आवश्यक है.

नर्सिंग और पैरामेडिकल सेक्टर में कॅरियर की बेहतर संभावनाओं के बारे में अधिकाधिक युवाओं को जागरूक किया जाने की जरूरत है. इसके लिए माध्यमिक विद्यालयों का सहयोग लिया जाना बेहतर होगा. चिकित्सा शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा विभाग इस संबंध में परस्पर समन्वय के साथ कार्य करें.

उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की भाव और भावना एक: सीएम योगी

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के लिए गुरुवार का दिन ऐतिहासिक रहा. दोनों राज्यों के बीच तीन दशक से चले आ रहे एक विवाद का पटाक्षेप करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अलकनंदा अतिथि गृह की चाबी सौंपी तो उत्तर प्रदेशवासियों के लिए हरिद्वार में नवनिर्मित भव्य भागीरथी भवन का लोकार्पण किया.

माँ गंगा तट के पर आयोजित संपन्न कार्यक्रम को मुख्यमंत्री योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप बताया. उन्होंने कहा कि माँ गंगा भारत के जीवनधारा की आत्मा हैं. गंगा तब बनती है जब अलकनंदा और भागीरथी एक साथ मिलती हैं.

प्रधानमंत्री जी ने हमें विवादों को संवाद से सुलझाना सिखाया है और इसी भावना के साथ दोनों राज्यों के बीच विवादों का समाधान होना संभव हुआ.

पूज्य संतों, धर्माचार्यों, अनेक पूर्व मुख्यमंत्री गणों, उत्तराखंड सरकार के मंत्रियों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री योगी ने दोनों राज्यों के समग्र विकास के लिए साथ-साथ मिलकर काम करने की जरूरत बताई.

उत्तराखंड को अपनी माँ और मातृभूमि कहते हुए सीएम योगी ने कहा कि उत्तराखंड में स्प्रिचुअल टूरिज्म और इको टूरिज्म की अपार सम्भावनाएं हैं. उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता सहित पूरे भारत से कौन ऐसा है जो उत्तराखंड के चार धाम का पुण्य लाभ नहीं लेना चाहता, ऐसा कोई नहीं जो हर की पैड़ी पर स्नान नहीं करना चाहता. यहां हर मौसम में पर्यटन के अवसर हैं.

चारधाम यात्रा के दौरान केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री की ओर लोग आने को उत्सुक हैं तो दूसरे सीजन में कुमाऊं, नैनीताल, झूंसी मठ से जुड़े अनेक हिल स्टेशन भी लोगों को लालायित करता है. यही नहीं, हाल के वर्षों में यहां फारेस्ट कवर भी बढ़ा है, जो इको टूरिज्म की संभावनाओं को बल देने वाला गया. सीएम योगी ने डबल इंजन की सरकार में देवभूमि उत्तराखंड में केदारनाथ, बद्रीनाथ, ऋषिकेश, आदि आध्यत्मिक स्थलों के पर्यटन विकास के लिए जारी प्रयासों की सराहना की. इन पावन स्थलों को आस्था के साथ-साथ राष्ट्रीय एकात्मता को तेज और ओज देने के केंद्र की संज्ञा देते हुए सीएम योगी ने विश्वास जताया कि यहां विकास की यह यात्रा सभी के सुख-समृद्धि का कारक बनेगी.

काशी में 50 लोग पूजन नहीं कर पाते थे, आज 50 हजार लोग होते हैं मौजूद उत्तर प्रदेश में अयोध्या दीपोत्सव, काशी देव दीपावली, बरसाना रंगोत्सव, कृष्ण जन्मोत्सव के भव्य आयोजनों की चर्चा करते हुए सीएम ने अयोध्या, काशी, शुक तीर्थ, नैमिष धाम, राजापुर, आदि पावन, आध्यत्मिक ऊर्जा के केंद्रों के समग्र विकास के कार्यक्रमों की भी जानकारी दी.

प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में काशी में श्रीकाशीविश्वनाथ धाम कॉरिडोर निर्माण के बाद बदली परिस्थितियों की चर्चा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि जहां 50 लोग एक साथ पूजा-पाठ नहीं कर सकते थे आज 50 हजार लोग एक साथ उपस्थित रहते हैं. मुख्य पर्वों पर तो 05 लाख लोग दर्शन कर रहे हैं.

वेदालाइफ-निरामयम् में लिया आड़ू और खुमैनी का स्वाद

पौड़ी-गढ़वाल में पतंजलि योगपीठ द्वारा नवविकसित योग, आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा की इंटीग्रेटेड थेरेपी के अत्याधुनिक केंद्र “वेदालाइफ-निरामयम्” भ्रमण के अनुभवों को भी साझा किया.

सीएम ने बताया कि वहां उन्होंने आड़ू और खुमैनी जैसे फलों का आनंद लिया. उन्होंने कहा कि एक सूखी पहाड़ी पर, जहां मोटे पत्थर हुआ करते थे, वहां 40 हजार से अधिक वृक्षों का एक मनोरम जंगल बसा दिया गया है. यह पूरा क्षेत्र किसी ऋषि की साधना स्थली लगती है. कल देश के मैदानी क्षेत्रों में जब 45℃ तापमान था तब हम लोग वहां 15℃ का आनंद ले रहे थे. सीएम योगी ने कहा कि यह केंद्र हेल्थ टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ ही व्यापक पैमाने पर रोजगार सृजन का कारक भी बनेगा.

महिला सुरक्षा को लेकर योगी सरकार अपना रही जीरो टॉलरेंस की नीति

ललितपुर मामले में योगी सरकार ने एसपी और डीएम को सख्‍त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. जिसके चलते बुधवार को एसपी ने आरोपी थानाध्‍यक्ष को सस्‍पेंड कर दिया है. इसके साथ ही पूरा थाना लाइन हाजिर कर दिया गया है. एसओ समेत चार युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है. आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं. महिलाओं की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध योगी सरकार ने इस मामले में दोषियों को सख्‍त से सख्‍त सजा देने के आदेश दिए हैं.

योगी सरकार महिला सुरक्षा को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है. महिला के खिलाफ होने वाले अपराध के मामले में सख्त कार्रवाई कर रही है. इसके साथ ही महिलाओं और बेटियों को अपनी शिकायतों के लेकर जिला या राज्य मुख्यालय स्तर पर उनको चक्कर काटने न काटने पड़े इसकी तैयारी कर ली गई है.

अब गांव, ब्लॉक और तहसील स्तर पर ही उनकी समस्याओं का समाधान मिलेगा. ब्लॉक, तहसील और थाना दिवसों में प्राथमिकता के आधार पर शिकायतों का समाधान होगा और गुणवत्ता के आधार पर शिकायतकर्ता की संतुष्टि ही आधार मानी जाएगी. महिला बीट पुलिस अधिकारी उनकी समस्‍याओं का निवारण करेंगी.

प्रदेश में सभी ग्राम पंचायतों में  महिला बीट पुलिस अधिकारियों को नियुक्‍त किया गया है. अब थाना दिवस में ये महिला बीट पुलिस अधिकारी महिलाओं से जुड़ी शिकायतों का निवारण करेंगी.

छह मई से शुरू होगा मिशन शक्त‍ि का चौथा चरण

महिला सुरक्षा, सम्‍मान और स्‍वावलंबन के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार के वृहद मिशन शक्ति अभियान के चौथे चरण की शुरूआत छह मई से होने जा रही है. मिशन शक्ति एक नए कलेवर में नजर आएगा.

प्रदेश में महिलाओं और बेटियों के उत्‍थान के और उनके सुरक्षा, सम्‍मान व स्‍वावलंबन के लिए शुरू किए गए इस म‍हाभियान से ग्रामीण व शहरी क्षेत्र की परिवेश से जुड़ी महिलाओं व बेटियों को संबल मिला है. ऐसे में मिशन शक्ति के बेहतर परिणामों के चलते योगी सरकार 2.0 में अभियान को गति देने की कवायद शुरू हो गई है.

महिला कल्याण विभाग के निदेशक मनोज राय ने बताया कि प्रदेश में योगी सरकार के पिछले कार्यकाल में मिशन शक्ति अभियान में सभी जिलों में वृहद जागरूकता अभियान चलाने संग स्‍वर्णिम योजनाओं से बेटियों और महिलाओं को जोड़ा गया था. इस बार भी प्रदेश के अलग अलग विभाग मिशन शक्ति के तहत विशेष कार्यक्रमों को आयोजित कराएंगे.

महिला कल्‍याण विभाग की ओर से अभियान के तहत महिलाओं और बच्‍चों के प्रति हिंसा से जुड़े विभिन्‍न कानूनों व प्रावधानों के बारे में लोगों जागरूक करने का कार्य सभी जिलों में किया जाएगा. जिसमें महिलाओं और बच्‍चों के साथ होने वाले उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, नशे में मारपीट, तस्करी, बाल विवाह,भेदभाव, बालश्रम अन्‍य शोषणों के विरूद्ध विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.

भारत की प्राचीन नगरी अयोध्या वायु सेवा से जोड़ा जा रहा है: मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की उपस्थिति में आज यहां उनके सरकारी आवास पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम इण्टरनेशनल एयरपोर्ट, अयोध्या के प्रथम चरण के विकास हेतु राज्य सरकार द्वारा क्रय की गयी 317.855 एकड़ भूमि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को हस्तांतरित की गयी. इसके लिए प्रदेश के नागरिक उड्डयन विभाग एवं भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के मध्य लीज एग्रीमेण्ट का निष्पादन किया गया. मुख्यमंत्री जी की उपस्थिति में अपर मुख्य सचिव नागरिक उड्डयन एवं भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष के मध्य लीज एग्रीमेण्ट दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया गया.

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की पावन स्मृतियों को समर्पित होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण की प्रक्रिया की आज शुरुआत हुई है. इस शुरुआत के अवसर पर प्रदेश सरकार के नागरिक उड्डयन विभाग व भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के मध्य भूमि लीज एग्रीमेंट की कार्यवाही सम्पन्न होना अत्यन्त अभिनन्दनीय पहल है. उन्होंने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को राज्य सरकार के साथ समयबद्ध ढंग से इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए हृदय से धन्यवाद दिया.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज बासन्तिक नवरात्रि की पावन तिथि है. नवरात्रि की पावन तिथि भारत की सनातन परम्परा में ऊर्जा के संचार की तिथि के रूप में मानी जाती है. ऊर्जा एक सकारात्मक विकास का प्रतीक भी है. विकास का यह प्रतीक अयोध्या जैसी पावन नगरी के साथ जुड़ा हो, तो देश व दुनिया को प्रफुल्लित करता है. उन्होंने कहा कि आज हमारे लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण दिन है. जब भारत की एक प्रमुख प्राचीन नगरी अयोध्या, जिसे भारत के आस्थावान नागरिक एक पवित्र नगरी के रूप में देखते हैं, उसे वायु सेवा से जोड़ा जा रहा है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या में वर्ष 2023 में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का भव्य मन्दिर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका होगा. रामलला अपने स्वयं के मन्दिर में विराजमान होंगे. रामलला के भव्य मन्दिर निर्माण के साथ ही हमें इस एयरपोर्ट को क्रियाशील करने की तैयारी भी करनी चाहिए.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश में विगत 05 वर्ष के अन्दर उत्तर प्रदेश ने बेहतरीन वायुसेवा की कनेक्टिविटी के लिए अच्छी प्रगति की है. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन व प्रेरणा से ही यह सम्भव हो पाया है. प्रधानमंत्री जी ने वायुसेवा को विकास के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण माना है. प्रधानमंत्री जी का कहना है कि वायुसेवा केवल एक विशेष तबके तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि हवाई चप्पल पहनने वाला कॉमन मैन भी हवाई जहाज की यात्रा कर सके, ऐसी वायुसेवा उपलब्ध करानी होगी.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 तक प्रदेश में सिर्फ 02 एयरपोर्ट पूरी तरह क्रियाशील थे. पहला देश की राजधानी लखनऊ का तथा दूसरा प्राचीनतम नगरी काशी का. गोरखपुर व आगरा में मात्र एक वायुसेवा थी, जो कभी-कभी चल पाती थी. उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 09 एयरपोर्ट पूरी तरह से क्रियाशील हैं. वर्ष 2017 तक राज्य वायुसेवा के माध्यम से सिर्फ 25 गंतव्य स्थानों से जुड़ा था, उसमें भी निरन्तरता का अभाव था. आज 75 से अधिक गंतव्य स्थानों के लिए प्रदेश से हवाई सेवाएं उपलब्ध हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में 10 नये एयरपोर्ट के निर्माण की कार्यवाही चल रही है. प्रदेश में वर्तमान में 03 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हैं. एशिया के सबसे बड़े जेवर एयरपोर्ट का निर्माण कार्य राज्य सरकार द्वारा युद्धस्तर पर कराया जा रहा है. अयोध्या में आज से अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने की कार्यवाही प्रारम्भ हो रही है. जब यह दोनों अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हो जाएंगे तो किसी भी राज्य की तुलना में प्रदेश के पास सर्वाधिक एयरपोर्ट होंगे. तब उत्तर प्रदेश 05 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला राज्य होगा, जो अपनी बेहतरीन वायु कनेक्टिविटी के माध्यम से प्रत्येक नागरिक को बेहतरीन वायुसेवा की सुविधा उपलब्ध करवाने के बड़े कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में सफल होगा.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के पहले फेज के कार्य के लिए भूमि की जितनी आवश्यकता थी, अयोध्या के जिला प्रशासन ने इस कार्य को समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाया है. इससे सम्बन्धित पूरी धनराशि राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत करके पहले ही जिला प्रशासन को उपलब्ध करवायी जा चुकी है. इस अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए जितनी भूमि की आवश्यकता है, उसमें से मात्र 86 एकड़ भूमि ही बाकी है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जिला प्रशासन तीव्र गति से शेष 86 एकड़ भूमि उपलब्ध कराने का कार्य करेगा. इस एयरपोर्ट के तीनों फेजों के निर्माण के लिए जितनी भूमि की आवश्यकता पड़ेगी, उतनी भूमि प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध करवायी जाएगी. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि समयबद्ध ढंग से इस एयरपोर्ट के विकास को आगे बढ़ाकर अयोध्या नगरी को दुनिया की सुन्दरतम नगरी के रूप में स्थापित करने के साथ ही हम बेहतरीन कनेक्टिविटी को उपलब्ध कराने में सफल होंगे.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार इस एयरपोर्ट के निर्माण के लिए सकारात्मक सहयोग देने के लिए पूरी तरह तैयार है. वायुसेवा की बेहतरीन कनेक्टिविटी विकास के अनेक द्वार खोलती है. उन्होंने कहा कि जनपद गोरखपुर के वायुसेवा से जुड़ते ही वहां विकास की गतिविधियां तेज हुई हैं. वर्ष 2017 तक गोरखपुर मात्र एक वायुसेवा से जुड़ा था. आज यह 12 से 13 वायुसेवा से जुड़ा हुआ है. जैसे हवाई जहाज की यात्रा एक नई उड़ान होती है, वैसे ही विकास की नई उड़ान के साथ गोरखपुर तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न शहरों-वाराणसी, लखनऊ, कानपुर, बरेली, प्रयागराज, गाजियाबाद (हिण्डन) इत्यादि में हवाई सेवाएं उपलब्ध हैं. जनप्रतिनिधियों सहित समाज के विभिन्न वर्गाें के नागरिकों की हमेशा मांग रहती है कि उनके क्षेत्र को वायुसेवा से जोड़ा जाए. जहां वायुसेवा के लिए बड़े एयरपोर्ट बनाना कठिन होता है, वहां पर लोग हेलीकॉप्टर सेवा से जुड़ने की मांग करते हैं, जिससे वे भी विकास की प्रक्रिया का हिस्सा बन सकें.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह एक सकारात्मक एप्रोच है. उस सकारात्मक एप्रोच को तेजी से आगे बढ़ाना चाहिए. प्रदेश सरकार की सकारात्मक सोच ने प्रत्येक क्षेत्र में प्रधानमंत्री जी के विजन को जमीनी धरातल पर उतारने का कार्य किया है. उसी का परिणाम है कि प्रदेश अगले वर्ष तक 05 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट देश को देने की स्थिति में होगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में युद्धस्तर पर निर्मित हो रहे 10 नये एयरपोर्ट जब क्रियाशील होंगे, तब प्रदेश 19 एयरपोर्ट के साथ देश में वायुसेवा के साथ जुड़ने वाला सबसे बड़ा राज्य होगा.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार बेहतरीन कनेक्टिविटी के माध्यम से नागरिकों के जीवन को और भी सरल करने और विकास की सभी सम्भावनाओं को आगे बढ़ाने का कार्य करेगी, जो अपेक्षाएं आजादी के बाद से उत्तर प्रदेश वासियों ने की थीं. उन्होंने कहा कि वायुसेवा लोगों के जीवन को आसान बनाने, अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार प्रदान करने और विकास की सभी सम्भावनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने का माध्यम है. नागरिकों की यात्रा को और सहज, सरल, सुलभ बनाने का भी वायु सेवा बेहतर माध्यम है. राज्य सरकार इस दिशा में भरपूर सहयोग करेगी.

इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने धन्यवाद ज्ञापित किया. अपर मुख्य सचिव नागरिक उड्डयन श्री एसपी गोयल ने स्वागत सम्बोधन किया. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री संजीव कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किये.

ज्ञातव्य है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट, अयोध्या के विकास हेतु 821 एकड़ भूमि चिन्हित की गयी है. प्रथम चरण के विकास हेतु 317.8 एकड़ भूमि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को लीज पर दी जा रही है. राज्य सरकार द्वारा इसके विकास हेतु 1008.77 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गयी है. इस एयरपोर्ट का विकास तीन चरणों में होगा. प्रथम चरण में वायुयानों हेतु 2200 मीटर ग 45 मीटर रनवे सहित अन्य सुविधाओं का निर्माण होगा.

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एमएसएमई श्री नवनीत सहगल, मेम्बर प्लानिंग भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण श्री एके पाठक, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

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