IPL 2025 में जलवा बिखेरेंग बिहार और यूपी के जबाज खिलाड़ी, लगी महंगी बोली

Bihar and Uttar Pradesh Players in ipl-2025 : इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 18वें सीजन का मेगा औक्शन दुबई में काफी जोरो शोरो से चला, जहां एक से बढ़कर एक खिलाड़ी पर बड़ बड़ बोली लगी. दिल्ली के Rishabh Pant सबसे महंगे खिलाड़ी बिके. लेकिन बात करें होने वाले आईपीएल में 2025 में बिहार(Bihar) और यूपी (Uttar Pradesh) के खिलाड़ियों की तो उनपर भी भारी बोली लगी है. ये खिलाड़ी पहले कई मैच में अच्छा प्रदर्शन कर इस बार आईपीएल में अपन जगह बना चुके है. बिहार और उत्तर प्रदेश के खिलाडियों की लिस्ट तो लंबी है लेकिन उनके मैच के प्रदर्शन की जितनी तारीफ की जाएं उतनी कम है, क्योंकि कोई महान बल्लेबाज है तो कई गेंदबाज. लेकिन यूपी-बिहार के ये खिलाड़ी करोडों में बिके है जिनपर आखिर तक बोलिया लगती रही है. इनमें सबसे महंगे बिके है भुवनेश्वर कुमार (Bhuvneshwar kumar) जिनपर 10.75 करोड़ रुपये की कीमत लगी है.

– भुवनेश्वर कुमार (उत्तर प्रदेश)

उत्तर प्रदेश क आईपीएल 2025 में 25 खिलाडियों के नाम शामिल थे. जिनमें से 13 खिलाड़ी चुने गए है. अपने दमदार खेल प्रदर्शन के आधार पर आईपीएल की फ्रेंचाइजी ने पहले ही रिंकू, यश, ध्रुव , कुलदीप और मोहसिन जैसे खिलाडियों रिटेन कर लिया था. फ्रेंचाइजी में सबसे ज्यादा बड़ी बोली भुवनेश्वर कुमार पर ही लगाई गई है.

भुवनेश्वर कुमार उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले है. ये भारत के टेस्ट क्रिकेट, एक दिवसीय क्रिकेट और टी20 इंटरनेशनल तीनों में खेलने वाले खिलाड़ी हैं. IPL 2025 में आरसीबी ने 10.75 करोड़ रुपय में खरीदा है. भुवी को औक्शन से पहले सनराइजर्स हैदराबाद ने रिलीज कर दिया था. लेकिन उन्हे फिर भी तीन टीमों ने खरदीने में रूची दिखाई थी और लास्ट तक आरसीबी ने उन्हे अपने साथ जोड़ लिया.

बता दें कि इस खरीद के साथ भुवनेश्वर का सनराइजर्स हैदराबाद से 11 साल पुराना रिश्ता टूट गया है. भुवी पिछले सीजन (IPL 2024) सनराइजर्स हैदराबाद का हिस्सा थे, अब टीम से अलग होने के बाद भुवनेश्वर ने एक इमोशनल पोस्ट किया है और हैदराबाद को अलविदा कहा है.

इसके अलावा भुवी ने मुंबई और लखनऊ को पछाड़कर रौयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के हो गए है. वहीं, दूसरी ओर चेन्नई सुपर किंग्स के समीर को दिल्ली ने 95 लाख में खरीदा.

– ध्रुव जुरेल (उत्तर प्रदेश)

आईपीएल में उत्तर प्रदेश के ध्रुव जुरेल को भी राजस्थान रौयल्स ने 14 करोड़ रुपए में अपने नाम किया है. ध्रुव जुरेल का जन्म 21 जनवरी 2001 को हुआ. वे एक बेहतरीन भारतीय क्रिकेटर है. उन्होंने अपने टी-20 की शुरुआत साल 2021 में की थी. अपने टी-20 डेब्यू से पहले उन्होंने साल 2020 अंडर -19 क्रिकेट विश्व कप भारत के टीम के उप-कप्तान के रुप में किया था.

– समीर रिजवी (उत्तर प्रदेश)

उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले समीर रिजवी भी एक जाबज खिलाड़ी है. जिन्हे दिल्ली कैपिटल्स ने आईपीएल 2025 औक्शन में 95 लाख रुपये में खरीदा है. उन्हे औक्शन में 30 लाख रुपये के बेस प्राइस के साथ उतारे थे. उन्हे खरीदने के लिए सीएसके ने भी दिलचस्पी दिखाई खी.

– वैभव सूर्यवंशी (बिहार के खिलाड़ी)

वैभव सूर्यवंशी इस औक्शन में सबसे युवा खिलाड़ी है. उन्होंने सचिन से भी कम उम्र में रणजी में डेब्यू कर बिहार का नाम रौशन किया था. बिहार के समस्तीपुर जिला के वैभव सूर्यवंशी है. उनकी उम्र केवल अभी सिर्फ 13 साल की है. वे रणजी ट्रौफी, हेमन ट्रौफी और कूच बिहार ट्रौफी जैसे टूर्नामेंट खेल चुके है. वे बाएं हाथ के बल्लेबाज है. वैभव जूनियर इंडियन क्रिकेट टीम का हिस्सा रह चुके है. वे इस साल ओस्ट्रेलिया के खिलाफ अंडर -19 सीरीज में भी टीम का हिस्सा थे. उन्होंने इस सीरीज में महज 58 गेंदों में ही शतक जड़ दिया था. वैभन को 1.10 करोड़ रुपये में राजिस्थान रोयल्स ने खरीदा है

– ईशान किशन (बिहार के खिलाड़ी)

भारतीय विकेटकीपर और बल्लेबाज ईशान किशन का नाम भी आईपीएल 2025 औक्शन में जोड़ा गया है. किशन आईपीएल में साल 2018 से ही मुंबई इंडियंस (MI) के लिए खेल चुके है, लेकिन आईपीएल 2025 मेगा औक्शन में उन्हें सनराइजर्स हैदराबाद ने 11.25 करोड़ रुपये में खरीदा है. मुंबई फ्रैंचाइजी से दूर होने पर ईशान किशन ने MI के साथ बिताए गए खास लम्हों का वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर शेयर किया है.

दीपक चाहर से लेकर मोहम्मद सिराज समेत कई क्रिकेटर इंडियन प्रीमियर लीग में अपनी-अपनी पुरानी टीमों से दूर जाने को लेकर इमोशनल हो चुके हैं. ईशान किशन साल 2019 और 2020 में दो बार मुंबई इंडियंस की चैंपियन बनने वाली टीम का हिस्सा रहे है.

– अकाश दीप (बिहार के खिलाड़ी )

बिहार के लाल आकाशदीप ने ऐसा धमाल मचाया कि पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींच लिया. बिहार के रोहतास जिले के छोटे से गांव बड्डी से ताल्लुक रखने वाले इस क्रिकेटर ने रातोंरात अपनी किस्मत बदल दी. पिछले साल रौयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) का हिस्सा रहे आकाशदीप को इस बार लखनऊ सुपर जायंट्स ने 8 करोड़ रुपये की भारी-भरकम कीमत पर खरीदा है. पंजाब किंग्स और लखनऊ सुपर जायंट्स के बीच हुई तीखी बोली में लखनऊ ने बाजी मारी और आकाश को अपनी टीम में शामिल कर लिया.

इन सभी खिलाड़ियों के अलावा आईपीएल में कुलदीप यादव को दिल्ली कैपिटल्स ने 13.25 करोड़ में अपने नाम किया, रिंकू सिंह को कोलकाता नाइट राइडर्स ने 13 करोड़ में खरीदा. यश दयाल को रौयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने 5 करोड़ और मोहसिन खान को लखनऊ सुपर जायंट्स ने 4 करोड़ रुपये में रिटेन किया था.

अखिलेश भइया की इमेज दूसरे नेताओं से क्‍यों है बढ़िया ?

कुर्ता पजामा के साथ सिर पर लाल टोपी अखिलेश यादव की पहचान बन चुकी है. यह राजनीतिज्ञ उत्तर प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री रह चुके हैं. इससे पूर्व वे लगातार तीन बार सांसद भी रह चुके हैं. समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के पुत्र अखिलेश ने 2012 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में अपनी पार्टी का नेतृत्व किया था. इन दिनों अखिलेश की छवि बीजेपी को यूपी में चुनौती देने वाले राजनेता के रूप में उभरी है. इतना ही नहीं, उनकी इमेज एक अच्‍छे फैमिली मैन की भी है. अकसर अपनी पत्‍नी डिंपल यादव और बच्‍चों के साथ नजर आते हैं. ऐसी ही कई खास बातें अखिलेश यादव को दूसरे राजनेताओं से डिफरैंट बनाती है.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Sarassalil (@sarassalil_magazine)


सामाजिक तौर पर देखा जाए, तो अखिलेश यादव महिलाओं की इज्जत करते नजर आते हैं, उनके भाषणों में कभी भी महिलाओं के चरित्र, शरीर को लेक‍र टिप्‍पणी नहीं होती है जब‍क‍ि इनके पिता समाजवादी सुप्रीमो महिला और रेप पर भी विवादित बाते कर चुके है. अखिलेश की यही खास बातें उन्हे सबसे अलग बनाती है. बात उनकी एजुकेशन की करें तो, उन्होंने विदेश जाकर पढाई की है. वे स्‍टडी के ल‍िए औस्ट्रेलिया गए. वहां उन्होंने सिडनी यूनिवर्सिटी से एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की. यही से उनके प्यार की भी शुरुआत हुई.

जी हां, जब अखिलेश यादव इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे तो एक कौमन फ्रेंड के जरिए उनकी मुलाकात डिंपल से हुई थी. इसके बाद दोनों दोस्त बन गए और धीरे-धीरे ये दोस्ती प्यार में बदल गई. अखिलेश पढ़ाई के लिए आस्ट्रेलिया चले गए लेकिन उनका प्यार परवान चढ़ने लग गया. जब वह वापस भारत लौटे तो उन्होंने अपनी दादी को डिंपल से शादी के लिए मना लिया.अपने प्यार को पाने के लिए उन्हें अपने पिता मुलायम सिंह यादव को मनाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी.

जब उनके पिता राजी हो गए तो 24 नवंबर 1999 को अखिलेश और डिंपल शादी के बंधन में बंध गए. दोनों की 2 बेटियां और एक बेटा है. एक अच्छे पति होने के साथ-साथ वे एक अच्छे पिता भी हैं हालांकि पब्लिक प्लेस में वे बेटे के साथ कम नजर आते हैं, रैलियों में वह अपनी पत्‍नी डिंपल के साथ कैंपेनिंग करते खूब नजर आते हैं. अखि‍लेश को अपने शहर के लोगों के साथ घूमते देखा जाता है, पार्टियों में कम ही नजर आते हैं. कई नेताओं के शादी के बाहर भी प्रेम संबंध देखे गए हैं लेकिन इस मामले में भी अ‍खिलेश यादव की छवि काफी साफसुथरी है. आज के महत्‍वकांक्षी युवा अपनी छवि को बेहतर बनाने के लिए अखिलेश से सीख ले सकते हैं

मायावती के भतीजे को मिली बसपा की कमान, पर क्या यह कांटों भरा ताज

बर्फ की सिल्ली जैसी ठंडी पड़ चुकी बहुजन समाज पार्टी में गरमाहट लाने के मायावती ने नई पीढ़ी को कमान सौंपी है. उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया है, जो उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़ कर दूसरे राज्यों में बहुजन समाज पार्टी का कामकाज देखेंगे, क्योंकि यहां मायावती ही काम संभाल रही हैं.

10 दिसंबर, 2023 को लखनऊ में हुई पार्टी की बैठक में मायावती ने देश के सभी प्रदेश अध्यक्षों, जोनल कोऔर्डिनेटरों और कोऔर्डिनेटरों से आकाश आनंद का सीधा परिचय कराया था और तभी उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देने का ऐलान भी किया था.

अब देखना यह होगा कि वंचित समाज की कभी मजबूत पक्षधर रही बहुजन समाज पार्टी का यह सियासी बदलाव राजनीतिक जगत पर क्या और कितना असर डाल पाएगा. मायावती के अलावा आज बसपा में कितने बड़े नेता बचे हैं, शायद ही अब किसी को याद होंगे. नीले रंग का हाथी सियासी खेल में थक कर चूर होता दिख रहा है, फिर आकाश आनंद नाम का महावत उसे फिर मतवाला बना पाएगा, यह भी देखने की बात होगी.

28 साल के आकाश आनंद के पिता का नाम आनंद कुमार है, जो बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. वे मायावती के छोटे भाई हैं. ट्विटर अकाउंट पर खुद को ‘बाबा साहेब के दृष्टिकोण का एक युवा समर्थक’ बताने वाले आकाश आनंद ने लंदन से मास्टर औफ बिजनैस एडमिनिस्ट्रेशन यानी एमबीए किया है. इन्हें साल 2017 में सहारनपुर रैली में मायावती के साथ पहली बार मंच पर देखा गया था और आज 6 साल बाद मायावती ने आकाश आनंद पर इतना ज्यादा भरोसा किया है कि उन्हें अपना सियासी वारिस बना दिया है.

अगर परिवार की बात करें तो आकाश आनंद की शादी मार्च, 2023 में बसपा सांसद रह चुके अशोक सिद्धार्थ की बेटी प्रज्ञा सिद्धार्थ से गुरुग्राम में हुई थी. आकाश के एक भाई और 2 बहन हैं.

ये होंगी चुनौतियां

आकाश आनंद को मायावती ने अपनी गद्दी तो सौंप दी है, पर कहीं यह कांटों भरा ताज बन कर न रह जाए, क्योंकि उन के सामने कई तरह की चुनौतियां भी मुंह बाए खड़ी हैं.

अगले साल ही लोकसभा के चुनाव होने हैं और बसपा की हालत कुछ खास अच्छी नहीं है. इस का कट्टर वोटबैंक छिटक चुका है और पिछली बार की 11 लोकसभा सीटों को कैसे आगे बढ़ाना है, यह किसी भी बसपाई को सूझ नहीं रहा है. आकाश आनंद को अपनी रणनीति इस तरह बनानी होगी, ताकि बसपा की सीटों में इजाफा हो सके या फिर वे पहले से तो कतई कम न हों.

आज भारतीय जनता पार्टी अपने पूरे दमखम के साथ बसपा जैसी पार्टी में सेंध लगा चुकी है. सही कहें, तो मायावती की पार्टी के प्रति अनदेखी से वोटर बड़े मायूस हुए थे और वे भाजपा की तरफ चले गए. आकाश आनंद को नए सिरे से पार्टी में जान फूंकनी होगी, ताकि यह न लगे कि बूआ की तरह भतीजे ने भी भगवाधारियों को चुनाव से पहले ही ‘वाक ओवर’ दे दिया है.

आकाश आनंद पढ़ेलिखे हैं. पिछले 6 साल से राजनीति में सक्रिय हैं. उन्हें मायावती से राजनीति करने के गुर भी मिल चुके हैं. ये सब बातें उन के लिए पौजिटिव हैं, पर बसपा से जो वोटबैंक दूर हो चुका है, उसे दोबारा हाथी की सवारी कराना सब से बड़ी चुनौती रहेगी. वे इस चक्रव्यूह को कैसे भेदते हैं, यह देखने वाली बात होगी. वैसे, आकाश आनंद अंबेडकरवादी चंद्रशेखर आजाद ‘रावण’ से बेहतर नेता साबित होंगे, यह तो दिख रहा है.

तेंदुए के दो मादा शावकों में एक को भवानी तो दूसरे को चंडी नाम दिया मुख्यमंत्री योगी ने

आदित्यनाथ ने कहा कि रामराज की भावना के अनुरूप मानव कल्याण के साथ प्रत्येक प्राणी की रक्षा व संरक्षण में सभी को अपना योगदान देना चाहिए. इसकी प्रेरणा हमें रामायण से भी मिलती है. रामायण की गाथा में अरण्य कांड जीव जंतुओं के संरक्षण, प्रकृति के प्रति दायित्वों, जीवों के प्रति व्यवहार की सीख देता है. अरण्य कांड में एक प्रकार से पूरी भारतीय ज्ञान संपदा समाहित है.

सीएम योगी बुधवार को शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान (गोरखपुर चिड़ियाघर) में तेंदुए के दो मादा शावकों को दूध पिलाकर उनका नामकरण (भवानी और चंडी) करने, व्हाइट टाइगर (सफेद बाघिन गीता) को क्रॉल से बाड़ा प्रवेश कराने, चिड़ियाघर के हाल में लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन करने के बाद यहां आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने रामचरित मानस की पंक्तियों ‘हित अनहित पसु पच्छिउ जाना, मानुष तनु गुन ग्यान निधाना’ का स्मरण करते हुए कहा कि कौन हितैषी है और कौन हानि पहुंचाने वाला पशुओं में इसका स्पंदन होता है.

इस उद्धरण को और स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम वन में माता सीता व अपने अनुज लक्ष्मण के साथ ही गए थे लेकिन वनवास काल में उनकी मदद वनवासियों, भालू, वानर, गिद्ध यहां तक कि पेड़, पौधों, व जंगल के नदी नालों ने की.

मुख्यमंत्री ने कहा कि मनुष्य भी तभी संरक्षित रहेगा जब वह प्रकृति के प्रति और जीव-जंतुओं के संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को लेकर सजग रहेगा. उन्होंने वन्यजीवों के संरक्षण हेतु सभी लोगों के योगदान की अपील की.

लखनऊ में शुरू होने जा रहा यूपी का पहला नाइट सफारी :

सीएम योगी ने वन्यजीव संरक्षण तथा ईको टूरिज्म को लेकर प्रदेश सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि लखनऊ में प्रदेश का पहला नाइट सफारी शुरू करने की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है. इससे ईको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा, वन्यजीवों के प्रति सम्मान की भावना जागृत होगी, मनोरंजन के साथ बच्चों का ज्ञानवर्धन भी होगा. उन्होंने कहा कि चित्रकूट के रानीपुर में टाइगर रिजर्व बनाए जाने की भी घोषणा हो चुकी है.

भगवान राम ने अपने वनवास काल का सर्वाधिक समय चित्रकूट में ही व्यतीत किया था. बिजनौर व रामनगर में भी ईको टूरिज्म से जुड़े प्रस्ताव मंजूर हो चुके हैं. सरकार वन्यजीवों के लिए महाराजगंज, मेरठ, चित्रकूट, पीलीभीत आदि जगहों पर रेस्क्यू सेंटर बना रही है. महाराजगंज के सोहगीबरवा क्षेत्र में गिद्ध संरक्षण केंद्र बनाया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्यजीवों से होने वाली हानि को सरकार ने आपदा की श्रेणी में रखा है.

नमामि गंगे परियोजना से हो रहा जलीय जीवों का संरक्षण :

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार जलीय जीवों के संरक्षण को लेकर भी संवेदनशील है. उन्होंने कहा कि नमामि गंगे परियोजना से इसमें काफी मदद मिल रही है. सीएम ने कहा कि कानपुर के सीसामऊ में पहले गंगा नदी में प्रतिदिन 14 करोड़ लीटर सीवर गिरता था, नमामि गंगे परियोजना के कार्यों से अब एक बूंद भी नहीं गिरता. अब सीवर गिरने वाला स्थान सेल्फी प्वाइंट बन चुका है. इसी तरह जाजमऊ में चमड़ा उद्योग का कचरा गिरने से जलीय जीव समाप्त प्राय हो गए थे. वहां अब जलीय जीवों को पुनर्जीवन मिला है और बड़ी संख्या में जलीय जीव नदी में दिखने लगे हैं.

गंगा नदी में पाई जाने वाली डॉल्फिन की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि डॉल्फिन संरक्षण के लिए सरकार ने भगवान श्रीराम के प्रिय मित्र निषादराज के क्षेत्र को चुना है. विगत वर्ष अपने काशी के एक दौरे का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि कि अब वहां भी गंगा नदी में डॉल्फिन दिखाई देने लगी हैं. उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार डॉल्फिन संरक्षण के लिए हर संभव कदम उठाएगी.

वन्यजीवों के इलाज के लिए बनेगा डॉक्टरों का अलग कैडर :

कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन्यजीवों के उपचार व संरक्षण के लिए पशु चिकित्सा अधिकारियों का अलग कैडर निर्धारित करने का निर्देश वन विभाग के जिम्मेदारों को दिया. उन्होंने कहा कि वन्यजीवों के इलाज के लिए अभी चिकित्सक पशुपालन विभाग से लाए जाते हैं. पर, अब वन्यजीवों के रेस्क्यू व उनके उपचार हेतु पशु चिकित्सा अधिकारियों का अलग कैडर तैयार करना होगा.

एक-एक पेड़ का होना चाहिए संरक्षण :

पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिकाधिक वृक्षारोपण की अपील करते हुए सीएम योगी ने कहा कि एक एक पेड़ की कीमत को समझते हुए उनका संरक्षण होना चाहिए. उन्होंने बताया कि विगत 5 वर्ष में उत्तर प्रदेश में100 करोड़ पेड़ लगाए गए. यह दुनिया में सर्वाधिक है. इस बार 35 करोड़ वृक्ष लगाए गए हैं, इसे और आगे बढ़ाने की आवश्यकता है पर्यावरण अनुकूल होगा तो स्वास्थ्य की रक्षा के साथ ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से भी बचा जा सकेगा. बुधवार को हो रही बारिश का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा ऐसी बारिश सावन में होती है. अक्टूबर माह में यदि इस तरह की बारिश हो रही है तो हमें इसके बारे में सोचना होगा. उन्होंने कहा कि प्रकृत से छेड़छाड़ होगी तो उसके दुष्परिणाम सामने आएंगे ही.

कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने गंगा डॉल्फिन संबधी पोस्टर रिलीज करने के साथ प्रदेश के जलीय जीवों पर डाक विभाग के स्पेशल कवर का भी अनावरण किया. साथ ही चिड़ियाघर के निदेशक डॉ एच राजमोहन, पशु चिकित्साधिकारी डॉ योगेश सिंह, उप क्षेत्रीय वनाधिकारी.रोहित सिंह को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. उन्होंने वन्यजीव सप्ताह के अंतर्गत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किया.

सोहगीबरवा में शुरू होगी जंगल सफारी : वन मंत्री

कार्यक्रम में वन, पर्यावरण, जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि महाराजगंज के सोगीबरवा में सरकार जल्द ही जंगल सफारी की सुविधा शुरू करेगी. जंगल सफारी से ईको टूरिज्म बढ़ेगा, लोगों को रोजगार मिलेगा. दूसरे प्रदेशों के लोग पर्यटन के साथ ही अब उत्तर प्रदेश में रोजगार के लिए भी आएंगे.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पर्यावरण प्रेम व वन्यजीवों से लगाव का उल्लेख करते हुए वन मंत्री ने कहा कि सीएम योगी ने अपने जन्मदिन पर सुबह उठते ही सबसे पहला काम पौधरोपण का किया था. उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों से अपील की कि वे अपने जन्मदिन पर पौधरोपण अवश्य करें.

कार्यक्रम के दौरान डॉल्फिन दिवस पर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जैव विविधिता के सलाहकार डॉ संदीप बेहरा ने आधारभूत व्याख्यान देते हुए डॉल्फिन संरक्षण में सबकी सहभागिता की अपील की. वन एवं पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने वन्य जीव सप्ताह के कार्यक्रमों के साथ प्रदेश सरकार द्वारा ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी. आभार ज्ञापन प्रधान वन संरक्षक वन्यजीव केपी दूबे ने किया.

इस अवसर पर वन, पर्यावरण, जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के राज्यमंत्री केपी मलिक, सांसद रविकिशन, महापौर सीताराम जायसवाल, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष एवं एमएलसी डॉ धमेंद्र सिंह, विधायक विपिन सिंह, प्रदीप शुक्ल, महेंद्रपाल सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागध्यक्ष श्रीमती ममता संजीव दूबे, गोरखपुर क्षेत्र के मुख्य वन संरक्षक भीमसेन प्रभागीय वनाधिकारी विकास यादव, प्राणी उद्यान के निदेशक डॉ एच. राजा मोहन, पशु चिकित्साधिकारी डॉ योगेश सिंह आदि मौजूद रहे.

योगी सरकार के राज में महिलाएं चलाएगी हाई टेक नर्सरी

बागवानी को बढ़ावा देने और ग्रामीण आजीविका में सुधार के दोहरे उद्देश्य को पूरा करने के लिए, उत्तर प्रदेश सरकार ने मनरेगा योजना के तहत इज़राइली तकनीक पर आधारित 150 हाई-टेक नर्सरी स्थापित करने का निर्णय लिया है.

इन हाईटेक नर्सरी का संचालन उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं करेंगी.

योजनान्तर्गत प्रत्येक जिले में बेर, अनार, कटहल, नींबू, आम, अमरूद, ड्रेगन-फ्रूट आदि फल तथा स्थानीय भौगोलिक आवश्यकताओं के अनुरूप अनेक सब्जियां उगाने के लिए दो-दो हाईटेक नर्सरी विकसित की जा रही हैं.

सरकार गुणवत्तापूर्ण फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के साथ-साथ हाई-टेक नर्सरी में गुणवत्ता वाले पौधे और बीज विकसित करना चाहती है. सरकार के इस कदम का एक और उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की बढ़ती संख्या के लिए पर्याप्त फसल उपलब्ध कराना भी है.

उल्लेखनीय है कि बस्ती और कन्नौज में क्रमशः फलों और सब्जियों के लिए इंडो-इजरायल सेंटर फॉर एक्सीलेंस की स्थापना की गई है, ताकि किसानों को गुणवत्तापूर्ण पौध मिल सके.

ये 150 हाईटेक नर्सरी राज्य के कृषि विज्ञान केंद्रों, कृषि विश्वविद्यालयों के परिसर, बागवानी विभाग के अनुसंधान केंद्र में स्थापित की जाएंगी ताकि किसानों को आसानी से प्रशिक्षित किया जा सके. उद्यान विभाग के अनुमान के अनुसार प्रत्येक हाई-टेक नर्सरी की औसत लागत लगभग एक करोड़ रुपये होगी.

इन नर्सरियों को उचित बाड़, सिंचाई सुविधा, हाई-टेक ग्रीन हाउस जैसी बुनियादी सुविधाओं से लैस किया जाएगा और सीएलएफ (क्लस्टर लेवल फेडरेशन) / राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्य समूहों के माध्यम से इनका रखरखाव किया जाएगा.

इन नर्सरी से उत्पादित पौधों को इच्छुक स्थानीय किसानों, क्षेत्रीय स्तर पर किसान उत्पादन संगठनों (एफपीओ), राज्य स्तर पर अन्य निजी नर्सरी, राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न राज्य सरकारों और अन्य के पौधरोपण के लिए बेचा जाएगा.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अगले 5 वर्षों में बागवानी फसलों की खेती के क्षेत्र को 11.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 16 प्रतिशत करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है ताकि खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को पर्याप्त फल और सब्जियां मिल सकें.

‘हर परिवार एक रोजगार’ के लक्ष्य को साधेगी यूपी सरकार

लखनऊ. “हर परिवार एक रोजगार ” प्रदेश की भाजपा सरकार का संकल्प है. विधानसभा चुनाव-2022 के पहले पार्टी की ओर से जारी लोक कल्याण संकल्पपत्र-2022 में भी इसका जिक्र है.

योगी-2.0 में इस लक्ष्य के प्रति सरकार मजबूती से कदम भी बढ़ा रही है. हर परिवार के एक युवा सदस्य को रोजगार मिले यह सुनिश्चित कराने के लिए सरकार परिवार कार्ड भी बनाने जा रही है.

बजट में भी एमएसएमई सेक्टर पर खास फोकस है. युवा स्थानीय स्तर पर लगने वाली इकाइयों के लिए दक्ष हों इसके लिए विश्वकर्मा श्रम सम्मान के बजट में करीब 6 गुना की वृद्धि की गई है. 2021-2022 में इस मद में 2040 लाख रुपये का प्रावधान था जबकि मौजूदा बजट में 11250 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है. कलस्टर में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना से इनकी संभावना बढ़ जाती है. चूंकि ऐसी जगहों पर बल्क में उत्पादन होता है.

लिहाजा खरीदने वाले आसानी के चलते खुद यहां आते हैं. सरकार ने लघु उद्योग क्लस्टर विकास योजना के मद में बजट बढ़ाकर 3200 लाख रुपए से 6500 लाख रुपये कर दिया है. जिला स्तर पर स्थापित इंडस्ट्रियल स्टेट में बेहतर बुनियादी सुविधाएं और परिवेश हों इसके लिए इस बजट में पिछले बजट की तुलना में करीब दोगुने 500 लाख का प्रावधान किया गया है.

औद्योगिक क्षेत्रों में महिलाओं एवं लड़कियों की सुरक्षा एवं सशक्तिकरण के लिए बजट में 1200 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है.यही नहीं बजट में छह जिलों में नए इंडस्ट्रियल स्टेट की स्थापना का भी बजट में प्रावधान है. इसके लिए बजट में 5000 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है. इंडस्ट्रियल स्टेट में अवस्थापना सुविधाओं के उच्चीकरण के लिए बजट को 560 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2000 लाख रुपए कर दिया गया है. अयोध्या में सीपेट केंद्र के लिए 3000 लाख और वाराणसी के सीपेट केंद्र में वोकेशनल ट्रेनिंग के लिए 1000 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है.

उल्लेखनीय है कि एमएसएमइ स्थानीय स्तर पर रोजगार और स्वरोजगार के लिहाज से असीम संभावनाओं का क्षेत्र है. वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान भी इस सेक्टर ने इसे साबित किया है. पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में एमएसएमई सेक्टर के निर्यात में 30 फीसद की वृद्धि इसका सबूत है. इस निर्यात में भी 70 फीसद से अधिक  योगदान ओडीओपी का है. योगी-1.0 में अकेले ओडीओपी से 25 लाख लोगों को रोजगार और स्वरोजगार मिला था. सरकार का लक्ष्य ओडीओपी के जरिए अगले पांच साल में निर्यात एवं रोजगार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है. इन्हीं संभावनाओं के मद्देनजर बजट 2022-2023 में सरकार ने एमएसएमई सेक्टर के लिए उदारता से बजट का प्राविधान भी किया है.

योगी सरकार 2.0 ने अपने पहले बजट में महिलाओं और बेटियों को दी प्राथमिकता

योगी आदित्‍यनाथ सरकार 2.0 का बजट विधानसभा में गुरूवार को पेश किया गया. वित्‍त मंत्री सुरेश खन्‍ना ने अब तक का सबसे बड़ा और पेपरलेस बजट पेश किया. यह बजट प्रदेश की महिलाओं, बेटियों और बच्‍चों के लिए बेहद खास है. प्रदेश की महिलाओं और बेटियों के उत्‍थान के लिए योगी सरकार ने साल 2017 से ही जमीनी स्‍तर पर योजनाओं को लागू कर सीधे तौर पर उनको लाभ पहुंचाने का काम किया. ऐसे में एक बार फिर से सरकार बनने के बाद योगी सरकार ने अपने पहले बजट में महिलाओं और बेटियों को प्राथमिकता दी है. बजट में इस बार महिलाओं व बेटियों की सुरक्षा, रोजगार, शिक्षा, स्‍वावलंबन पर जोर दिया है. जिसके तहत लखनऊ, गोरखपुर और बदायूं में 03 महिला पीएसी बटालियन का गठन किया जा रहा है. बजट में महिला सामर्थ्य योजना के लिए 72 करोड़ 50 लाख रूपये की धनराशि प्रस्तावित की गई है. इस योजना के तहत राज्य की महिलाओं को रोजगार के लिए प्रेरित किया जाएगा. इससे महिलाओ में उत्साह बढ़ेगा और वह सशक्त और आत्मनिर्भर रहेंगी.

बजट में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ

कार्यक्रम के तहत यूपीएसईई-2018 की 100 टॉपर छात्राओं को लैपटॉप और 100 टॉपर एससी व एसटी छात्राओं को लैपटॉप का वितरण किया जाएगा. प्रदेश में चल रहे वृहद मिशन शक्ति अभियान के लिए 20 करोड़ रूपये की धनराशि प्रस्तावित की गई है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत पात्र बालिकाओं को 06 विभिन्न श्रेणियों में 15000 रूपये की सहायता पीएफएमएस के जरिए से प्रदान की जा रही है. इस वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट में योजना हेतु 1200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है. पुष्टाहार कार्यक्रम के तहत समन्वित बाल विकास योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले पोषाहार के लिए 1675 करोड़ 29 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है.

योगी सरकार का बच्चों के मुद्दों पर विशेष ध्यान

उत्तर प्रदेश सरकार ने बच्चों के मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया है. इसके ही परिणाम है कि पिछले कुछ वर्षों में एक ओर शिशु मृत्यु दर में तेजी से गिरावट आई है वहीं दूसरी ओर दस्तक कार्यक्रम के परिणामस्वरूप एईएस व जेई से प्रभावित सभी क्षेत्रों में बच्चों की मृत्यु में बड़ी कमी दर्ज की गई है. योगी सरकार के इस पहले बजट में बाल कल्याण पर विशेष ध्‍यान दिया गया है. जिसके तहत कुपोषण पुनर्वास केन्द्रों को जिलों से ब्लॉक तक ले जाने के लिए बजटीय प्रावधान किया गया है. उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत पात्र बच्चों को 4000 रूपए प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जाएगी. उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के तहत पात्र लाभार्थियों को 2500 रूपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता स्‍वीकृत है. इसके साथ ही ऑपरेशन विद्यालय कायाकल्प कार्यक्रम के तहत सरकारी स्कूलों में बच्चों के नामांकन में वृद्धि की जाएगी.

बीसी सखियों को वर्दी के रूप में मिलेगी निफ्ट की डिजाइन की साड़ियां

महिलाओं को सशक्त बनाने और राज्य में हथकरघा बुनकरों के लिए रोजगार के व्यापक अवसर पैदा करने के दोहरे उद्देश्य को पूरा करते हुए, योगी सरकार बीसी-सखियों को निफ्ट रायबरेली द्वारा डिजाइन की गई एक लाख से अधिक साड़ियां देगी.

हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए यूपी सरकार बीसी सखी योजना के तहत काम करने वाली महिलाओं को वर्दी के रूप में दो हैंडलूम साड़ियां उपलब्ध कराएगी. इसके लिए सरकार हैंडलूम बुनकरों द्वारा बनाई गई साड़ियों को खरीदेगी.

काम में शामिल बुनकरों को डीबीटी के जरिए 750 रुपये प्रति साड़ी मजदूरी दी जाएगी.

यूपी हैंडलूम के एमडी केपी वर्मा ने बताया कि बीसी-सखी के रूप में काम करने वाली 58,000 महिलाओं में से प्रत्येक को सरकार द्वारा दो साड़ियां दी जाएंगी.

निफ्ट द्वारा भेजे गए डिजाइनों को मुख्यमंत्री ने पहले ही मंजूरी दे दी है और साड़ियों की बुनाई का काम प्रगति पर है. प्रत्येक साड़ी की कीमत 1934.15 रुपये और विभाग को 1.16 लाख साड़ी और ड्रेस सामग्री के लिए 22,43,61,400 रुपये की राशि जारी की गई है.

यूपी हथकरघा विभाग ने इस संबंध में पांच उत्पादक कंपनियों को साड़ियां बनाने का काम सौंपा है जिनमें से 3 वाराणसी जिले से और एक-एक मऊ और आजमगढ़ से हैं.

यूपी हथकरघा पहले ही लगभग 537 बुनकरों को 1.20 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुका है और 12,837 से अधिक साड़ियां तैयार हैं.

केपी वर्मा के अनुसार “कोविड-19 के कारण प्रतिकूल आर्थिक परिस्थितियों के कारण बुनकरों के लिए रोजगार का संकट उत्पन्न हो गया था. इस योजना के माध्यम से बुनकर को रोजगार प्रदान किया गया है. साथ ही इस योजना ने बिचौलियों की भूमिका को समाप्त कर दिया है और पैसा सीधे उनके बैंक खाते में स्थानांतरित किया जा रहा है. योजना के अंतर्गत आने वाले बुनकरों को अधिक से अधिक लाभ मिल रहा है और इसके परिणामस्वरूप अन्य हथकरघा बुनकर भी इस योजना की ओर आकर्षित हो रहे हैं और उत्पादक कंपनियों में अपना नामांकन करा रहे हैं.

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रत्येक मौजूदा ग्राम पंचायत के लिए 21 मई 2020 को 58,000 बीसी सखियों को शामिल करने की घोषणा की थी. बीसी सखियों गांव में लोगों की बैंकिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए वन-स्टॉप समाधान उपलब्ध कराती हैं, वह भी घर पर.

महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्यों को बीसी सखियों के रूप में शामिल करने से वित्तीय समावेशन, समय पर पूंजीकरण, एसएचजी लेनदेन के डिजिटलीकरण और समुदाय के समग्र विकास को सुनिश्चित करने में मदद मिलती है. यह महिलाओं की उद्यमशीलता क्षमताओं के निर्माण के उद्देश्य को और मजबूत करता है.

वन स्‍टॉप सेंटर और महिला शक्ति केन्‍द्र समन्‍वय स्‍थापित कर करेंगी काम

प्रदेश की महिलाओं और बेटियों को बेहतर सुविधाएं देने और उनकी समस्‍याओं का तेजी से निराकरण करने के लिए अब वन स्‍टॉप सेंटर और महिला शक्ति केन्‍द्र समन्‍वय के साथ काम करेंगे. ऐसे में योगी सरकार की ओर से प्रदेश की महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा, स्‍वावलंबन और सम्‍मान के लिए जो संकल्‍प लिया गया है वो सभी वादे समय सीमा से पहले पूरे हो सकेंगे.  वन स्टॉप सेन्टरों का महिलाओं से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के हब के रूप में विकास किया जाएगा. उनको सुरक्षा व सशक्तिकरण के लिए एक ही छत के नीचे समस्त सेवाएं मिलेंगी. महिलाओं और बेटियों को आर्थिक सहायता, रोजगार/स्वरोजगार, कौशल प्रशिक्षण से जुड़ी समस्त योजनाओं की जानकारी दी जाएगी. योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए सम्बन्धित विभाग और अधिकारी से समन्वय स्‍थापित कर काम करेंगे.

महिला कल्‍याण विभाग की ओर से 100 दिवसों की कार्ययोजना को तैयार किया गया है. जिसके तहत हर 15 दिवसों में ब्लॉक स्तर पर भव्य स्वावलंबन कैम्पों का आयोजन कर सरकार द्वारा संचालित योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, पति की मृत्युपरांत निराश्रित महिला पेंशन योजना आदि के फार्म भरवाएं और स्वीकृत कराए जाएंगे. इसके साथ ही मानसिक मंदित महिलाओं के लिए गृह की स्‍थापना की जाएगी. जिसके तहत स्वयंसेवी संस्थाओं के जरिए लखनऊ में 100-100 बेड की क्षमता के 02 गृहों का संचालन किया जाएगा. जिसकी कुल लागत 4.57 करोड़ है. बता दें कि सामान्य महिलाओं के लिए संचालित विभागीय संस्थाओं में 203 मानसिक मंदित महिलाओं को आश्रय दिया गया है.

महिलाओं को दिया जाएगा कौशल विकास प्रशिक्षण

विभाग की ओर से आने वाले 06 माह की कार्ययोजना को तैयार कर लिया गया है. महिला संरक्षण तथा बाल देखरेख संस्थाओं में निवासित बच्चों व महिलाओं का कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा. संस्थाओं में आवासित महिलाओं और 16 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को उनकी अभिरूचि के अनुरूप कौशल विकास प्रशिक्षण से जोड़ने हेतु उनकी अभिरूचि की मैपिंग व मैपिंग उपरांत प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके साथ ही संविदा तथा सेवा प्रदाता के जरिए से भरे जाने वाले पदों में से रिक्त पदों पर कार्मिकों का चयन किया जाएगा. जिसमें मिशन वात्सल्य के तहत कुल 136 रिक्त पद और वन स्टॉप सेंटर के तहत 26 जिलों में कुल 252 रिक्त पदों को भरा जाएगा.

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मददगार गुलाबी मीनाकारी

गुलाबी मीनाकारी अपनी खूबसूरत कारीगरी से जहां पूरी दुनिया में धूम मचा रही है. वही महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में भी मददगार साबित हो रही है. सरकार की “समर्थ “योजना के अंतर्गत महिलाओं को गुलाबी मीनाकारी का हुनर सिखाया जा रहे है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश यात्रा के दौरान अपने ख़ास मेहमानों को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बनी ग़ुलाबी मीनाकारी के उत्पादों को उपहार स्वरुप देते है. जिससे इस जीआई उत्पाद की मांग देश और विदेश में बढ़ती जा रही है. ग़ुलाबी मीनाकारी से दूर हो रहे शिल्पी अब प्रशिक्षण लेकर एक बार फिर इस प्राचीन कला से जुड़ रहे है.

जी.आई.उत्पाद और वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट में शामिल गुलाबी मीनाकारी की ख़ूबसूरती कायल पूरी दुनिया होती जा रही. सहायक निदेशक हस्तशिल्प अब्दुल्ला ने बताया कि  सरकार गुलाबी मीनाकारी का हुनर  सिखाने के लिए “समर्थ”नाम से  प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रही है. जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है. समर्थ नाम से चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम 65 दिनों का होता है. जिसमें सरकार प्रशिक्षुओं को 300 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से प्रोत्साहन राशि भी देती है. ये प्रशिक्षण कार्यक्रम वस्त्र मंत्रालय द्वारा कराया जा रहा है.

सहायक निदेशक ने बताया कि 2 अक्टूबर 2021 से प्रशिक्षण का कार्यक्रम चल रहा है. प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिलाएं शामिल हो रही है. अभी तक 60 महिलाएं  प्रशिक्षण ले चुकी है. जिसमें सीधे तौर पर करीब 70 प्रतिशत महिला काम करके आत्मनिर्भर बन रही है. जबकि बाकी पार्ट टाइम काम करके कमाई कर रही है. प्रशिक्षण कार्यक्रम की सफलता इसी बात से लगाई जा सकती है की इसमें वेटिंग लिस्ट चल रही है. प्रशिक्षण कार्यक्रम को पुख्ता बनाने के लिए के बायोमेट्रिक अटेंडेंस ,वीडियो ग्राफ़ी कराइ जाती है. जिसमे 80 प्रतिशत अटेंडेंस अनिवार्य है.  टीम प्रशिक्षुओं का असेसमेंट करने के बाद पास करती है तभी  प्रोत्साहन राशि और सर्टिफिकेट  दिया जाता है.

प्रशिक्षण दे रहे नेशनल अवार्डी कुंज बिहारी ने बताया  कि प्रधानमंत्री अपने विदेशी मेहमानों को ग़ुलाबी मीनाकारी का  नायब तोहफ़ा जरूर देते और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लोगों  को उपहार देने और लोगों से जी आई और ओडीओपी को उपहार स्वरूप देने की अपील करने से हस्त शिल्पियों के हुनर की मांग बढ़ी है. और गुलाबी मीनाकारी को  संजीवनी मिली है.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें