बर्फ की सिल्ली जैसी ठंडी पड़ चुकी बहुजन समाज पार्टी में गरमाहट लाने के मायावती ने नई पीढ़ी को कमान सौंपी है. उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया है, जो उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़ कर दूसरे राज्यों में बहुजन समाज पार्टी का कामकाज देखेंगे, क्योंकि यहां मायावती ही काम संभाल रही हैं.

10 दिसंबर, 2023 को लखनऊ में हुई पार्टी की बैठक में मायावती ने देश के सभी प्रदेश अध्यक्षों, जोनल कोऔर्डिनेटरों और कोऔर्डिनेटरों से आकाश आनंद का सीधा परिचय कराया था और तभी उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देने का ऐलान भी किया था.

अब देखना यह होगा कि वंचित समाज की कभी मजबूत पक्षधर रही बहुजन समाज पार्टी का यह सियासी बदलाव राजनीतिक जगत पर क्या और कितना असर डाल पाएगा. मायावती के अलावा आज बसपा में कितने बड़े नेता बचे हैं, शायद ही अब किसी को याद होंगे. नीले रंग का हाथी सियासी खेल में थक कर चूर होता दिख रहा है, फिर आकाश आनंद नाम का महावत उसे फिर मतवाला बना पाएगा, यह भी देखने की बात होगी.

28 साल के आकाश आनंद के पिता का नाम आनंद कुमार है, जो बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. वे मायावती के छोटे भाई हैं. ट्विटर अकाउंट पर खुद को 'बाबा साहेब के दृष्टिकोण का एक युवा समर्थक' बताने वाले आकाश आनंद ने लंदन से मास्टर औफ बिजनैस एडमिनिस्ट्रेशन यानी एमबीए किया है. इन्हें साल 2017 में सहारनपुर रैली में मायावती के साथ पहली बार मंच पर देखा गया था और आज 6 साल बाद मायावती ने आकाश आनंद पर इतना ज्यादा भरोसा किया है कि उन्हें अपना सियासी वारिस बना दिया है.

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