कम खर्च में बढ़िया स्टाइल

अमूमन लोगों की यह सोच रहती है कि फैशन और स्टाइल का मतलब होता है महंगे कपड़े, पर अगर थोड़ा सा दिमाग लगा कर खरीदारी की जाए तो सस्ते कपड़ों से भी स्टाइल बरकरार रखा जा सकता है.

छोटे शहरों और गांवदेहात के लड़के इस तरीके से अपनी पसंद के कपड़े खरीद सकते हैं और हफ्ते के तकरीबन सातों दिन अपनी अलग ड्रैस बना सकते हैं.

कमीज या टीशर्ट और जींस

इसे सब से कूल ड्रैस कहा जा सकता है और यह जोड़ा पड़ता भी काफी सस्ता है. वैसे भी आजकल कपड़ों के कारोबार में इतना ज्यादा कंपीटिशन है कि थोड़े से मुनाफे पर ऐसे कपड़े बाजार में खूब बिकते हैं जो बहुत सस्ते होते हैं और दुकानदार ताल ठोंक कर कह भी देते हैं कि फैशन के इस दौर में गारंटी की उम्मीद मत रखना.

जींस तो होती भी इतनी रफटफ है कि 3-4 दिन भी पहन लो कोई फर्क नहीं पड़ता. 2 जोड़ी जींस और कमीज या टीशर्ट पर ज्यादा पैसा भी खर्च नहीं करना पड़ता है. 300 रुपए से मिलनी शुरू हो जाती है. ऐसा ही हाल कुछ कमीज या टीशर्ट का भी होता है. 500-600 रुपए में आप के एक जोड़ी कपड़े तैयार.

अमूमन लोग गाढ़े नीले रंग की जींस पर सफेद टीशर्ट या कमीज पहनते हैं, जो हर कलेगोरे रंग के इनसान पर फबती है. जींस बहुत तरह के रंग और स्टाइल की मिलती हैं. ऐसे ही टीशर्ट और कमीज के रंग का भी खयाल रखा जाता है.

कुरता भी कमाल का

कुरता भी महंगा नहीं पड़ता है. यह पाजामे और जींस या पैंट पर भी खूब फबता है. बाजार में सूती,  रेशमी और तमाम तरह के दूसरे कपड़ों के कुरते मिल जाते हैं. इन की कीमत भी बहुत ज्यादा नहीं होती है. आजकल तो रंगबिरंगे शौर्ट कुरते भी चलन में हैं, जो जेब के हिसाब से मुफीद होते हैं.

अब चूंकि सर्दियां शुरू होने वाली हैं तो रेडीमेड गरम कपड़ों के बाजार सजने का समय आने वाला है. चूंकि अब दिल्ली जैसे बड़े शहरों में सर्दी ज्यादा दिन नहीं टिकती हैं, इसलिए ज्यादा महंगे गरम कपड़ों पर पैसा खर्च करना जरूरी नहीं है.

साप्ताहिक बाजारों में रंगबिरंगे सस्ते स्वैटर मिल जाते हैं जो महंगे माल से बहुत कम दाम पर मिल जाते हैं. अच्छे हाफ स्वैटर तो 300 रुपए तक में मिल जाते हैं. अगर कहीं सेल लगी हो तो बड़े ब्रांड के कपड़े भी कम दाम पर मिलने का चांस रहता है.

जब भी कभी कपड़ों की खरीदारी करने जाएं तो डिस्काउंट की बात जरूर करें. कपड़े की अच्छी तरह जांचपरख कर लें. रंग छोड़ने वाले कपड़े खरीदने से बचें.

40 की उम्र और फैशन, पसंदीदा कपडे़ बेधड़क खरीदें

कहते हैं कि फिल्मी सितारे खासकर मर्द 40 के पार सब से ज्यादा हैंडसम होते हैं. आज अमिताभ बच्चन 78 साल के हैं. अगर इस में से 38 साल घटा दें तो साल 1982 में वे 40 साल के थे. यह वह दौर था जब उन की ‘दोस्ताना’, ‘शान’, ‘कालिया’, ‘शक्ति’, ‘सिलसिला’ जैसी कई दूसरी फिल्मों ने धूम मचाई थी. उस समय अमिताभ बच्चन बहुत ज्यादा हैंडसम दिखते थे. उन पर हर तरह के कपड़े फबते थे.

पर आम जिंदगी में इस उम्र के मर्द खुद को अधेड़ हुआ मान लेते हैं. अपने फैशन से ज्यादा वे बच्चों के कपड़ों की खरीदारी पर ज्यादा ध्यान देते हैं, जबकि यह उन के मन की सोच होती है. अगर वे अपने फैशन और कपड़ों पर ध्यान दें तो किसी तरह से अमिताभ बच्चन से कम नहीं लगेंगे, बशर्ते वे कुछ बातों का ध्यान रखें, जैसे :

अपने शरीर के हिसाब से कपड़े चुनें. अगर आप रोजाना कसरत करते हैं और शरीर से चुस्तदुरुस्त हैं तो कोई भी ड्रैस आप पर जंचेगी. पर अगर आप कसरत नहीं कर पाते हैं तो अपने शरीर की बनावट को ध्यान में रख कर ही कपड़े खरीदें. कपड़े ऐसे हों जो आप के रंगरूप के मुताबिक जंचें.

बाजार से सिलेसिलाए कपड़े हर किसी को फिट नहीं आते हैं. उन में कद और कमर के हिसाब से कटाईछंटाई करानी पड़ती है. इस से बेहतर रहेगा कि इस उम्र वाले मर्द दर्जी से अपने सही नाप के कपड़े सिलवाएं. अब चूंकि सिलाई थोड़ी महंगी पड़ती है, लोग कपड़े सिलवाने से बचते हैं, पर यह पक्का है कि सही माप के कपड़े आप के अंदाज को चार चांद लगा देते हैं.

भड़कीले कपड़े पहनने से बचें. उम्र बढ़ना एक क्रिया है जिसे स्वीकार कर लेना ही समझदारी है. लेकिन सादा ड्रैस का मतलब यह भी नहीं है कि कुरतापाजामा पहन लिया. आप जींस, पैंट जैसी चीजें भी पहन सकते हैं, पर जल्दी बदलने वाले फैशन के कपड़े न खरीदें.

ड्रैस को खास बनाते हैं आप के जूते या सैंडल. जींस के साथ किसी भी तरह के जूते या सैंडल चल सकते हैं, पर अगर आप पैंट पहन रहे हैं तो जूते भी उसी के मुताबिक चुनें. साथ ही अपनी बैल्ट को अपने जूतों से मैच कराना न भूलें. अगर आप ब्लैक बैल्ट पहन रहे हैं, तो साथ में काले रंग के जूते ही पहनने चाहिए. भूरे रंग के जूते के साथ भूरे रंग की बैल्ट ही पहनें. ज्यादा सर्द मौसम न हो तो मैचिंग के सैंडल भी पहने जा सकते हैं.

बढ़ती उम्र का यह मतलब नहीं है कि आप अपने कपड़ों की खरीदारी करना ही बंद कर दें. अब शहर और कसबों में फैशन का एक सा होना आप की खरीदारी को आसान कर देता है. दुकान में जाएं और अपनी मनपसंद ड्रैस को पैक कराएं.

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