खेल पत्रकारिता का गिरता स्तर, जिम्मेदार कौन

दो रोज पहले ब्रिटिश अखबार द सन ने एक रिपोर्ट छापी. रिपोर्ट थी इंग्लैंड के स्टार औलराउंडर बेन स्टोक्स के परिवार से जुड़ी. इस रिपोर्ट के छपने के बाद बेन स्टोक्स मीडिया पर बस भड़के ही नहीं बल्कि स्टोक्स ने इसे निजता पर हमला तक करार दिया. इससे पहले भारतीय कप्तान विराट कोहली और अनुष्का शर्मा को लेकर भी मीडिया ने ऐसी खबरें छापी थी जिसके बाद कोहली मीडिया पर खूब भड़के थे.

खेल पत्रकारिता का मतलब खिलाड़ियों की निजी लाइफ पर इंटरफेयर करना नहीं बल्कि खिलाड़ियों के प्रदर्शन को लेकर लिखना होता है. ये महज क्रिकेट को लेकर लागू नहीं होता बल्कि हर खेल में ऐसा ही देखने को मिलता है. भारतीय टेनिस सनसनी सानिया मिर्जा को लेकर भी कुछ ऐसा ही किया जाता है.

इंग्लैंड के औलराउंडर बेन स्टोक्स ने सोशल मीडिया में भावुक पोस्ट किया है. इस पोस्ट में उन्होंने ब्रिटिश अखबार की उस रिपोर्ट पर हमला बोला है, जिसमें दावा किया गया था कि 30 वर्ष पहले उनकी मां के पूर्व पति ने स्टोक्स के सौतेले भाई और बहन की हत्या कर दी थी.

स्टोक्स ने लिखा, अपने रिपोर्टर को मेरे घर, न्यूजीलैंड में भेजकर उसे कुरेदने का काम किया गया है. मेरे नाम का इस्तेमाल करने से मेरी निजता और साथ ही मेरे माता-पिता की निजता पर हमला किया गया जो काफी गलत है. मैं किसी को यह हक नहीं देता हूं कि मेरी प्रोफाइल से मेरे माता-पिता, पत्नी और मेरे बच्चों के अलावा मेरे पारिवारिक सदस्यों की निजता पर हमला किया जाए. उन्होंने साथ ही लिखा कि यह पत्रकारिता का सबसे खराब रूप है जो सिर्फ बेचने पर आधारित है, किसी की जिंदगी से नहीं. यह काफी गलत है.

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अखबार ने अपनी रिपोर्ट में हत्यारे की 49 वर्षीय बेटी जैकी डन के हवाले से लिखा- अप्रैल 1988 में स्टोक्स के जन्म से पहले उनकी आठ वर्षीय सौतेली बहन ट्रेसी और चार वर्षीय सौतेले भाई एंड्रयू की दुर्दांत तरीके से हत्या कर दी गई थी. इस वारदात को अंजाम दिया था रिचर्ड डन ने जोकि बेन स्टोक्स की मां के पूर्व पति है.

रिपोर्ट के मुताबिक, दोस्तों ने कहा कि देब को काफी दुख हुआ जब उन्हें पता लगा कि एक बेरोजगार व्यक्ति डन ने उनके बच्चों की हत्या कर दी. इतना ही नहीं, डन अपनी उसी राइफल के साथ अपने घर गया जिससे उसने बच्चों की हत्या क्राइस्टचर्च के एक फ्लैट में की थी. पिछले महीने ही स्टोक्स ने एशेज सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच में अपनी टीम को अप्रत्याशित जीत दिलाई थी.

कोहली और अनुष्का पर उछाला कीचड़…

साल 2014 की बात है जब कोहली और अनुष्का के बारे में मीडिया पर अनायास ही बातें उछाली जा रही थी. ये खबरें पढ़ने और लिखने में तो रोचक लगती हैं लेकिन इससे खिलाड़ी को कितना नुकसान होता है इसका आंकलन आप कोहली के इस बयान से लगा सकते हैं. अनुष्का की ‘लिप सर्जरी’ पर चल रहे जोक्स विराट को बिल्कुल पसंद नहीं आ रहे हैं, इसीलिए जब उनसे इस बारे में बात की गई, तो वह नाराज हो गए.

विराट से जब इस बारे में सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ‘यह उनका निजी मामला है और किसी को भी आजादी नहीं कि पब्लिक प्लैटफौर्म पर इसकी चर्चा करे. ‘विराट इसलिए भी भड़के हुए हैं, क्योंकि उनके और अनुष्का के न्यूजीलैंड में साथ घूमने की तस्वीरें मीडिया में ही लीक हुई थीं. स्टार क्रिकेटर ने अपील की है कि अनुष्का को अकेला छोड़ दिया जाए और अनुष्का से उनके बारे में बात ना की जाए. वह अभी अपना ध्यान सिर्फ क्रिकेट पर फोकस करना चाहते हैं.

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इसके अलावा एक बात और यहां कहना चाहूंगा. जब भी हम किसी टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन कर लेते हैं तो मीडिया के प्राइम टाइम में जमकर बड़ाई की जाती है. वहीं अगर एक भी टूर्नामेंट में खराब प्रदर्शन हुआ तो खेल पत्रकार पता नहीं किन-किन शब्दों से खिलाड़ियों का स्वागत करते हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए. अपने देश के खिलाड़ियों के अलावा भी अगर कोई खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करता है तो इसकी तारीफ होनी चाहिए. पिछले दिनों एशेज सीरीज में औस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ ने बेहतरीन बल्लेबाजी की. इतना ही नहीं महज तीन पारियों में ही विराट कोहली ने टेस्ट का नंबर वन खिलाड़ी का खिताब भी छीन लिया. वर्तमान में स्मिथ टेस्ट के नंबर वन खिलाड़ी बन गए हैं. इससे पहले विराट कोहली नंबर वन थे. मीडिया में इस खिलाड़ी को लेकर कोई खास चर्चा नहीं की गई. जबकि खबरें ये चलीं कि कैसे कोहली नंबर वन बन सकते हैं. इसकी जगह पर स्मिथ के बारे में खबरें चलनी चाहिए थीं, स्मिथ बैन के बाद पहली बार एशेज सीरीज खेलने उतरे थे और उस खिलाड़ी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया.

पिछले दिनों भारत बनाम वेस्टइंडीज टेस्ट सीरीज खेली गई. इस सीरीज में हनुमा विहारी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया. हनुमा विहारी अच्छे खिलाड़ी हैं. घरेलू क्रिकेट में उनके नाम अच्छे रिकौर्ड दर्ज हैं लेकिन ऐसा नहीं कि महज एक ही मैच बाद उनको हीरो बना दिया गया. ऐसा ही तब हुआ था जब के. एल राहुल को तुलना राहुल द्रविड़ से की जाने लगी. के. एल राहुल भी तीसरे नंबर पर बैटिंग के लिए टीम में शामिल किए गए थे. लेकिन उनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा और अब तो उनको टीम से ही बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. ऋषभ पंत के साथ भी ऐसा ही हुआ. मीडिया ने पंत को धोनी की संज्ञा दे दी. महज 2 मैच में ही. अब उनके हाल भी ऐसे ही है. कोच रवि शास्त्री ने कड़ी फटकार लगाई हैं.

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