Oral Sex करते समय रखें इन खास बातों का ध्यान

सैक्स करना सभी को पसंद होता है और खासतौर पर जब बात Oral Sex की आती है तो यह एक ऐसा एक्सपीरियंस है जो सभी को मदहोश कर देता है. चाहे लड़का हो या लड़की सभी को सैक्स करने से पहले Oral Sex जरूर करना चाहिए, क्योंकि Oral Sex के दौरान हम काफीकुछ ऐसा एक्सपीरियंस करते हैं, जो हम सिर्फ सैक्स करने पर नहीं कर पाते.

कैसे करें ओरल सैक्स

बात करें अगर ओरल सैक्स की तो सब से पहले हमें अपने पार्टनर को कंफर्टेबल फील कराना चाहिए और डायरैक्ट सैक्स न करते हुए पहले गले लगाना, किस करना, पार्टनर के नाजुक अंगों से छेड़छाड़ करना चाहिए और एकदूसरे के शरीर को हर जगह टच करने से आप के पार्टनर को जो सैटिस्फैक्शन मिलेगी वह डायरैक्ट सैक्स करने से कभी नहीं मिल सकती.

आज हम आप को बताएंगे कि ओरल सैक्स करते समय आप को किन बातों का ध्यान रखना है जिस से कि आप और आप के पार्टनर की हाइजीन को कोई नुकसान न पहुंचे.

हाथों को रखें साफ

सब से पहले तो आप को अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धो लेना चाहिए, ताकि जब आप अपने पार्टनर के नाजुक अंगों और प्राइवेट पार्ट्स को टच करें तो कोई इंफैक्शन न फैले.

बैड पर जाने से पहले करें ब्रश

अपने पार्टनर के साथ बैड पर जाने से पहले आप को ब्रश करना चाहिए, ताकि आप के पार्टनर को आप के मुंह से बदबू न आए, क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो यह आप का और आप के पार्टनर का मूड खराब कर सकता है. ठीक उसी तरह सैक्स करने के बाद भी आप को पानी से कुल्ला और ब्रश करना चाहिए.

पसंदनापसंद जानें

आप को अपने पार्टनर की पसंदनापसंद को अच्छे से जान लेना चाहिए, क्योंकि अगर आप ओरल सैक्स करते समय कुछ ऐसा करेंगे जो आप के को पसंद न हो तो ऐसे में आप के पार्टनर का मूड खराब हो सकता है.

प्राइवेट पार्ट्स को रखें साफ

आप को अपने प्राइवेट पार्ट्स को अच्छे से साफ करना चाहिए, जिस से की आप के पार्टनर को इंफेक्शन होने का खतरा न रहे.

Winter में सैक्स को ऐसे बनाएं मजेदार

सर्दी का मौसम अपने साथसाथ एक अलग खुशी का माहौल ले कर आता है. इस सीजन में ऐंजौय करने के अलगअलग तरीके होते हैं. कुछ लोगों को ठंड के मौसम में रजाई के अंदर बैठ कर टीवी देखना अच्छा लगता है, तो कुछ को घर बैठ कर चटपटी चीजें खाना और कौफी पीना अच्छा लगता है. कुछ पति पत्‍नी को एकदूसरे की बाहों में समां जाना अच्‍छा लगता है.

क्या आप को पता है कि सर्दी का मौसम कपल्स के मन में एक अलग तरीके का प्यार जगा देता है और ऐसे में वे बारबार सैक्स करना क्यों पसंद करते हैं? जानें क्‍यों खास है प्‍यार का यह मौसम –

मौसम ही कुछ खास है

यह मौसम एक दूसरे को करीब लाता है.  सर्द रातों में आप एकदूजे के बाहों में गरमाहट की तलाश करते हैं. एक दूसरे के भीतर समां कर अपने जिस्‍म को गर्मी के सुपुर्द करना चाहते हैं. हर इंसान बस यही सोचता है कि ऐसे मौसम में उसे अपने लाइफ पार्टनर के साथ होना चाहिए. गरमियों में कपल्स ठीक से सैक्स तक नहीं कर पाते क्योंकि गरमी से लोग इतने परेशान हो चुके होते हैं कि वे कुछ भी ऐंजौय नहीं कर पाते पर इस सीजन आते ही इंसान के दिल में एक रोमांस की लहर दौड़ने लगती है.

फायदे भी कम नहीं

इस सीजन में सैक्स करने के कई फायदे हैं. सर्दी में जब आप दिल से खुश होते हैं तो आप अपने पार्टनर की तरफ ज्यादा आकर्षित रहते हैं और मौसम का लुत्फ उठाते हुए एकदूसरे को जीभर कर प्यार दे पाते हैं.  इस मौसम की छुट्टियों में जरूरी है कि आप अपने पार्टनर के साथ ज्यादा से ज्यादा क्वालिटी टाइम स्पैंड करें और एकदूसरे के और भी ज्यादा नजदीक आएं. ऐसे में आप की सैक्स लाइफ को एक जबरदस्त किक मिल सकती है.

यह खयाल जरूर रखें

इस मौसम में ठंड के कारण बारबार वौशरूम जाने की जरूरत महसूस होती है, जरूरी है कि आप इस बात का खास खयाल रखें कि आप को अपने प्राइवेट पार्ट्स को जितना हो सके उतना ड्राई रखना चाहिए. गीलेपन की वजह से फंगल इंफैक्शन और रैशेज का खतरा ज्यादा रहता है तो ऐसे में प्राइवेट पार्ट्स को हमेशा ड्राई रखना चाहिए.

शादी नहीं हुई है Safe Sex के लिए क्या उपाय करूं ?

अगर आप भी अपनी समस्या भेजना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें..

सवाल :

मेरी उम्र 26 साल है और मेरे घर वाले शादी का रिश्ता ढूंढ़ रहे हैं. मैं हमेशा से अपने पढ़ाई के लिए काफी गंभीर रही हूं। इसी वजह से मैं ने आजतक स्कूल या कालेज में कभी कोई बौयफ्रैंड नहीं बनाया. मेरी कई फ्रैंड्स हैं जिन की शादी हो चुकी है और कुछ के तो बौयफ्रैंड्स भी रह चुके हैं. मेरी फ्रैंड्स जब भी मुझ से मिलती हैं तो वे अपनी सैक्स लाइफ के बारे में बातें करती हैं पर मैं हमेशा खामोश रहती हूं. मेरा बहुत मन करता है सैक्स करने का लेकिन डर लगता है. मैं चाहती हूं कि जिस से भी मेरी शादी हो मैं सिर्फ उसी के साथ सैक्स करूं. मैं हमेशा सैक्स को ले कर काफी चिंतित रही हूं क्योंकि मुझे हमेशा से ऐसा लगता है कि सैक्स को हमेशा ऐसे करना चाहिए जिस से कि हम दोनों को कभी कोई परेशानी न हो. मुझे बताएं कि सेफ सैक्स के लिए किनकिन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है?

जवाब :

सैक्स एक ऐसा टौनिक है जो दोनों पार्टनर्स को एकदूसरे के करीब लाता है. शादी के बाद आप पहली बार सैक्स करेंगी इसलिए आप को बहुत सी बातों का खयाल रखना चाहिए. जैसाकि आप ने बताया कि आप का कोई बौयफ्रैंड नहीं रहा और आप ने आजतक कभी सैक्स का आनंद नहीं लिया है तो सैक्स को ले कर आप को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.

सैक्स को हमेशा पूरी फील के साथ ऐंजौय करना चाहिए। अगर आप सैक्स के दौरान खुद को स्ट्रैस में रखेंगी या फिर इस बारे में ज्यादा सोचेंगी तो औप सैक्स को कभी ऐंजौय नहीं कर पाएंगी. अपनी पूरी बौडी को फ्री छोड़ कर और दिमाग को बिलकुल स्ट्रैसफी रख कर ही सैक्स को अच्छे से फील किया जा सकता है.

आप को इस बात का खास खयाल रखना चाहिए कि सैक्स के दौरान आप या आप के पार्टनर को कुछ ऐसा नहीं करना है जिस से कि आप दोनों के प्राइवेट पार्ट्स को कोई नुकसान पहुंचे. अकसर ऐसा देखा गया है कि सैक्स के दौरान हम कुछ ऐसी चीजें करते हैं जिस से कि हमारे पार्टनर को आनंद मिलने की बजाय दर्द होने लगता है। तो खुद भी और अपने पार्टनर से भी कहें कि वह सैक्स के दौरान मजा दे नकि सजा।

अगर आप को कभी सैक्स के दौरान ऐसा लगे कि आप के पार्टनर कुछ ऐसा कर रहे हैं जिस में आप बिलकुल सहज नहीं हैं तो आप अपने पार्टनर को साफसाफ बोल कर मना कर सकती हैं.

सैक्स में हमेशा जरूरी है कि एकदूसरे की भावनाओं का खयाल रखना. आप को अपने पार्टनर से सैक्स संबंधित बात करने में शरमाना बिलकुल भी नहीं चाहिए। आप के पार्टनर को भी अच्छा लगेगा कि आप उन से अपनी फीलिंग्स शेयर कर पा रही हैं.

सैक्स करने से पहले आप को अपने पार्टनर के साथ रोमांस करना चाहिए ताकि आप दोनों एकदूसरे के साथ सहज हो पाएं. रोमांस करने से रिश्ता और भी ज्यादा गहरा बन जाता है. शुरुआत हमेशा धीरेधीरे होनी चाहिए जिस से कि दोनों सैक्स का भरपूर आनंद उठा पाएं.

अच्छा तो यही है कि संसर्ग से पहले फोरप्ले का आनंद उठाएं। चुंबन, एकदूसरे के अंगों को सहलाने के साथ पोजीशन बदलबदल कर सैक्स करने से आनंद को कई गुणा तक बढ़ाया जा सकता है।

याद रखें, सैक्स कुदरत का दिया एक अनमोल तोहफा है। इसलिए सैक्स को खूब ऐंजौय करें, मगर ऐहतियात के साथ.

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सेक्स के दौरान क्यों आता है खून? जानें कारण और इलाज

कई महिलाओं को संभोग के बाद रक्त स्त्राव होता है. वैसे तो यह एक सामान्य प्रक्रिया होती है, लेकिन कुछ मामलों में यह अन्य समस्याओं की ओर भी इशारा करती है. पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से योनि से खून आता है. लेकिन, यह महिलाओं की योनि में सेक्स के समय लगी किसी चोट, संक्रमण व सर्वाइकल कैंसर का भी संकेत करता है. अगर सेक्स के बाद योनि से लगातार खून निकल रहा हो तो इस स्थिति में आपको तुरंत किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए.

सेक्स करते समय खून क्यों आता है?

सेक्स के बाद योनि से खून आने की समस्या को चिकित्सा जगत में पोस्टकोइटल ब्लीडिंग (Postcoital bleeding) के नाम से जाना जाता है. यह समस्या किसी भी उम्र की महिला को हो सकती है. जो महिलाएं रजोनिवृत्ति की स्थिति में नहीं है, उनमें इस तरह की समस्या गर्भाशय ग्रीवा के कारण उत्पन्न होती है, जबकि रजोनिवृत्ति से गुजर रही महिलाओं में यह समस्या कई अन्य कारणों से भी होती हैं.

महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर एक चिंता का विषय है. खासकर रजोनिवृत्ति वाली महिलाओं को इसका खतरा अधिक होता है. सेक्स के बाद महिलाओं की योनि से इस कारण भी खून आता है.

इसके अलावा कुछ ऐसे कारण भी हैं, जिनकी वजह से सेक्स के बाद रक्त स्त्राव होता है.

संक्रमण होना कुछ संक्रमण में सूजन व ऊतक भी योनि से खून आने की वजह होते हैं. इसमें निम्न संक्रमण शामिल होते हैं –

श्रोणि में सूजन की बीमारी (Pelvic inflammatory disease)

  • एसटीडी- यौन संचारित रोग
  • गर्भावशय की ग्रीवा में सूजन (Cervicitis)
  • योनि में सूजन (Vaginitis; वैजिनाइटिस)

रजोनिवृत्ति में जेनिटोयुरनेरी सिंड्रोम – यह सिंड्रोम महिलाओं की योनि की सक्रियता को कम करने का इशारा करता है. यह रोग रजोनिवृत्ति के समय व अंडाशय निकालने के कारण होता है. महिलाओं की अधिक उम्र होने पर महवारी बंद हो जाती है और ऐसे उनके शरीर में एस्ट्रोजन के बनने का स्तर कम हो जाता है. एस्ट्रोजन महिलाओं के शरीर में प्रजनन के लिए जिम्मेदार होता है.

महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम होने से कई तरह के रोग उत्पन्न होने लगते हैं. इससे महिलाओं की योनि में कम ल्युब्रिकेशन बनता है. जिससे महिलाओं की योनि में सूखापन व जलन होने लगती है. एस्ट्रोजन का स्तर कम होने से योनि के लचिलेपन पर भी असर पड़ता है. योनि के ऊतक सिकुड़ जाते हैं. जिसकी वजह से सेक्स के समय दर्द, असहजता व खून आता है.

पोलिप्स (Polyps)

यह एक प्रकार का बैक्टीरिया होता है. इसके होने से कैंसर का खतरा नहीं रहता है. यह महिलाओं के गर्भाशय ग्रीवा व गर्भाशय की अंदरूनी परत में भी हो जाते हैं. यह गोल आकार के होते हैं. इनके सक्रिय होने पर यह ऊतकों में जलन व रक्त वाहिकाओं में ब्लीडिंग की वजह बनते हैं.

जोश में सेक्स करना

जोश के साथ सेक्स करना भी योनि से खून आने का कारण होता है, क्योंकि इस तरह के सेक्स में शारीरिक बल लगाया जाता है जिससे योनि में खरोंच आ जाती है. रजोनिवृत्ति, स्तनपान व योनि में रूखापन होने के कारण भी योनि से खून आता है.

कैंसर

योनि से लगातार खून आना या सेक्स के बाद खून आना सर्वाइकल व योनि के कैंसर का लक्षण होता है. इस तरह के लक्षण पाए जाने वाली कई महिलाओं की जांच में सर्वाइकल कैंसर पाया गया है. इसके अलावा कई मामलों में गर्भाशय के कैंसर को भी पाया गया.

योनि में सूखापन होना

योनि का सूखापन रक्त स्त्राव होने का आम कारण होता है. इसके अलावा भी योनि से खून बहने के निम्न अन्य कारण होते हैं –

  • स्तनपान कराना.
  • बच्चे के जन्म के बाद.
  • अंडाशय को निकालना
  • कई दवाएं, जैसे- सर्दी में ली जाने वाली दवाएं, अस्थमा की दवा, अवसाद को कम करने वाली दवाएं व एस्ट्रोजन को कम करने वाली दवाएं आदि.
  • किमोथेरेपी व रेडीएशन थेरेपी.
  • शारीरिक बल व जोश के साथ सेक्स करना.
  • किसी कैमिकल से योनि को साफ करना.

क्या सेक्स के बाद योनि से खून आना किसी समस्या की ओर संकेत करता है?

अगर आपको सेक्स के बाद खून आ रहा हो तो यह सामान्य स्तिथि होती है. लेकिन इस स्थिति के बारे में सही जानकारी के लिए आपको डॉक्टर से मिलना होगा. अगर आपको पीरियड्स के कुछ समय पहले या बाद के दौरान सेक्स करने के बाद खून आए तो आपको डॉक्टर से इस विषय पर अवश्य परार्मश कर लेना चाहिए. जब तक डॉक्टर की जांच की रिपोर्ट आपको न पता चले तब तक दोबारा सेक्स न करें. कई बार संक्रमण व किसी अन्य गंभीर समस्या के कारण भी संभोग के बाद योनि से खून आने लगता है.

सेक्स के बाद ब्लीडिंग होने पर डॉक्टर से कब मिलना है जरूरी

सेक्स के बाद खून आने के लक्षण इसके कारण के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं. अगर आपको सेक्स के बाद बेहद ही कम रक्त स्त्राव हो रहा हो, तो आपको इस स्थिति में घबराने की आवश्यकता नहीं है.

इन लक्षणों के दिखाई देने पर डॉक्टर से तुरंत मिलें.

  • योनि में खुजली और जलन,
  • मूत्रत्याग में जलन महसूस होना,
  • संभोग करते समय अधिक दर्द होना,
  • अधिक खून बहना,
  • पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द,
  • पीठ के निचले हिस्से में दर्द,
  • जी मिचलाना और उल्टी आना,
  • योनि से सफेद पानी आना इत्यादि.

संभोग के बाद खून बहने पर कौन से परीक्षण कराएं?

यौन संबंध के बाद खून बहना आमतौर पर योनि के रूखेपन के कारण होता है, लेकिन कई बार यह समस्या गंभीर भी हो सकती है. इसमें डॉक्टर सबसे पहले कैंसर की जांच करते हैं. जिसमें वह आपकी योनि व गर्भाशय ग्रीवा की जांच के लिए पैप स्मीयर (Pap Smear) टेस्ट करते हैं. कैंसर की पहचान होने पर कैंसर विशेषज्ञ के पास आपको भेज दिया जाता है.

यौन संबंध के बाद खून बहने के अतिरिक्त कारणों की जांच निम्न परीक्षण से की जाती है.

  • कोलपोस्कोपी (Coloscope) – इसमें महिलाओं की योनि व गर्भाशय ग्रीवा की जांच की जाती है.
  • ट्रांसवैजाइनल अल्ट्रासाउंड.
  • यूरीन टेस्ट (मूत्र का परीक्षण).
  • खून की जांच.
  • योनि से निकलने वाले सफेद पानी की जांच.

यौन संबंध बनाने के बाद खून आने का इलाज

यौन संबंध बनाने के बाद योनि से खून आने के कारणों के आधार पर इस समस्या का इलाज किया जाता है. जिनमें निम्न प्रमुख हैं –

ल्यूब्रिकेंट्स –

अगर आपकी योनि से खून आने की वजह रूखापन है तो आपको योनि में मॉइश्चराइजर लगना चाहिए. नियमित रूप से मॉइश्चराइजर को योनि की त्वचा पर लगाने से यह योनि की अंदरूनी त्वचा को मॉइश्चराइज करता है. इससे रूखापन खत्म होकर त्वचा में नमीं आने लगती है.

योनि के लिए आने वाले ल्यूब्रिकेंट्स के इस्तेमाल से संभोग के समय त्वचा के घर्षण से छिलने की समस्या कम हो जाती है. पानी युक्त ल्यूब्रिकेंट सेक्स के समय योनि से आने वाले खून को कम कर देता है. तेल युक्त ल्यूब्रिकेंट व कंडोम को साथ में इस्तेमाल करने से कंडोम के कटने या फटने का डर बना रहता है. इसलिए आप पानीयुक्त ल्यूब्रिकेंट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके साथ ही साथ यौन संबंध बनाते समय तेजी या जोश दिखाने की जरूरत नहीं हैं. अगर जोश में महिला को समस्या हो रही है तो आपको तुरंत रूक जाना होगा या इसको आराम से धीरे-धीरे करना होगा.

एस्ट्रोजन थेरेपी –

रजोनिवृत्ति या अंडाशय को बाहर निकलवाने से योनि में रूखापन आने की वजह में आप एस्ट्रोजन थेरेपी को अपना सकती हैं. योनि के लिए आने वाली एस्टोजन क्रीम व अन्य उपादों का इस्तेमाल कर सकती हैं. योनि से खून आने की स्थिति में आप एस्ट्रोजन अंगूठी (रिंग) का भी इस्तेमाल कर सकती हैं. इस लचीली अंगूठी को योनि में अंदर लगाई जाती है. यह सीमित मात्रा में एस्ट्रोजन को करीब 90 दिनों तक स्त्रावित करता है. ओरल हार्मोन थेरेपी में एस्ट्रोजन व प्रोजेस्टीन को बदल दिया जाता है.  इसके लावा भी महिलाओं के लिए कई अन्य विकल्प मौजूद है.

अन्य इलाज –

योनि में सूजन आना रूखेपन व संक्रमण की ओर संकेत करता है. इसके कारण अज्ञात हो सकते हैं. आपके डॉक्टर द्वारा दी जाने वाली एंटीबॉटिक के कारण भी ऐसा हो सकता है. श्रोणी में दर्द व यौन संचारित रोगों की दवा के साथ भी आपको एंटीबॉयोटिक की दवा दी जा सकती है. इसके अलावा गर्भाशय ग्रीवा में संक्रमण होने पर भी डॉक्टर आपको कुछ ऐसी दवाएं दे सकते हैं, जिससे आपको योनि में रूखापन हो जाता है.

डिलीवरी के बाद इस तरह बनाएं पति से संबंध

‘‘तुम क्या पहली औरत हो, जो मां बनी हो?’’

‘‘डिलीवरी के बाद तुम्हारे अंदर कितना बदलाव आ गया है, सिवा बच्चे के, तुम्हें तो और कुछ सूझता ही नहीं है.’’

‘‘लगता है, तुम्हारा बच्चा ही तुम्हारे लिए महत्त्वपूर्ण हो गया है, तभी तो मेरे पास तक आने में हिचकिचाने लगी हो.’’

इस तरह की न जाने कितनी बातें औरतें शिशु जन्म के बाद अपने पतियों से सुनती हैं, क्योंकि पति की यौन संबंध बनाने की मांग को ठुकराने की गलती उन से होती है. मगर प्रसव के बाद कुछ महीनों तक न तो औरत की यौन संबंध बनाने की इच्छा होती है, न ही डाक्टर ऐसा करने की सलाह देते हैं.

शारीरिक व मानसिक थकान

बच्चे के जन्म के बाद मानसिक व शारीरिक तौर पर एक औरत का थकना स्वाभाविक है. चूंकि प्रैग्नैंसी के 9 महीनों के दौरान उसे कई तरह के उतारचढ़ावों से गुजरना पड़ता है. बच्चे को जन्म देने के बाद भी उस के अंदर अनेक सवाल पल रहे होते हैं. कमजोरी और शिशु जन्म के साथ बढ़ती जिम्मेदारियां, रात भर जागना और दिन का शिशु के साथ उस की जरूरतें पूरी करतेकरते गुजर जाना आम बात होती है. औरत के अंदर उस समय चिड़चिड़ापन भर जाता है. नई स्थिति का सामना न कर पाने के कारण अकसर वह तनाव या डिप्रैशन का शिकार भी हो जाती है.

मां बनने के बाद औरत कई कारणों की वजह से सैक्स में अरुचि दिखाती है. सब से प्रमुख कारण होता है टांकों में सूजन होना. अगर ऐसा न भी हो तो भी गर्भाशय के आसपास सूजन या दर्द कुछ समय के लिए वह महसूस करती है. थकावट का दूसरा बड़ा कारण होता है 24 घंटे शिशु की देखभाल करना, जो शारीरिक व मानसिक तौर पर थकाने वाला होता है. इसलिए जब भी वह लेटती है, उस के मन में केवल नींद पूरी करने की ही इच्छा होती है. कई औरतों की तो सैक्स की इच्छा कुछ महीनों के लिए बिलकुल ही खत्म हो जाती है.

अपने शरीर के बदले हुए आकार को ले कर भी कुछ औरतों के मन में हीनता घिर जाती है, जिस से वे यौन संबंध बनाने से कतराने लगती हैं. उन्हें लगने लगता है कि वे पहले की तरह सैक्सी नहीं रही हैं. स्ट्रेच मार्क्स या बढ़ा हुआ वजन उन्हें अपने ही शरीर से प्यार करने से रोकता है. बेहतर होगा कि इस तरह की बातों को मन में लाने के बजाय जैसी हैं, उसी रूप में अपने को स्वीकारें. अगर वजन बढ़ गया है, तो ऐक्सरसाइज रूटीन अवश्य बनाएं.

दर्द होने का डर

अकसर पूछा जाता है कि अगर डिलीवरी नौर्मल हुई है, तो यौन संबंध कब से बनाने आरंभ किए जाएं? इस के लिए कोई निर्धारित नियम या अवधि नहीं है, फिर भी डिलीवरी के 11/2 महीने बाद सामान्य सैक्स लाइफ में लौटा जा सकता है. बच्चे के जन्म के बाद कई औरतें सहवास के दौरान होने वाले दर्द से घबरा कर भी इस से कतराती हैं.

औरत के अंदर दोबारा यौन संबंध कायम करने की इच्छा कब जाग्रत होगी, यह इस पर भी निर्भर करता है कि उस की डिलीवरी कैसे हुई है. जिन औरतों का प्रसव फोरसेप्स की सहायता से होता है, उन्हें सैक्स के दौरान निश्चिंत रहने में अकसर लंबा समय लगता है. ऐसा ही उन औरतों के साथ होता है, जिन के योनिमार्ग में चीरा लगता है. सीजेरियन के बाद टांके भरने में समय लगता है.

उस समय किसी भी तरह का दबाव दर्द का कारण बन सकता है. फोर्टिस ला फेम की गायनाकोलौजिस्ट डा. त्रिपत चौधरी कहती हैं, ‘‘प्रसव के बाद 2 से 6 हफ्तों तक सैक्स संबंध नहीं बनाने चाहिए, क्योंकि बच्चे के जन्म के बाद औरत न सिर्फ अनगिनत शारीरिक परिवर्तनों से गुजरती है, वरन मानसिक व भावनात्मक बदलाव भी उस के अंदर समयसमय पर होते रहते हैं. चाहे डिलीवरी नौर्मल हुई हो या सीजेरियन से, दोनों ही स्थितियों में कुछ महीनों तक यौन संबंध बनाने से बचना चाहिए.

‘‘डिलीवरी के बाद के जिन महीनों को पोस्टपार्टम पीरियड कहा जाता है, उस दौरान औरत के अंदर सैक्स संबंध बनाने की बात तक नहीं आती. प्रसव के बाद कुछ हफ्तों तक हर औरत को ब्लीडिंग होती है. ब्लीडिंग केवल रक्त के रूप में ही नहीं होती है, बल्कि कुछ अंश निकलने व डिस्चार्ज की तरह भी हो सकती है. वास्तव में यह पोस्टपार्टम ब्लीडिंग औरत के शरीर से प्रैग्नैंसी के दौरान बचे रह गए अतिरिक्त रक्त, म्यूकस व प्लासेंटा के टशू को बाहर निकालने का तरीका होती है. यह कुछ हफ्तों से ले कर महीनों तक हो सकती है.

‘‘डिलीवरी चाहे नौर्मल हुई हो या सीजेरियन से औरत के योनिमार्ग में सूजन आ जाती है और टांकों को भरने में समय लगता है. अगर इस दौरान यौन संबंध बनाए जाएं तो इन्फैक्शन होने की अधिक संभावना रहती है. औरत किसी भी तरह के इन्फैक्शन का शिकार न हो जाए, इस के लिए कम से कम 6 महीनों बाद यौन संबंध बनाने की सलाह दी जाती है. योनिमार्ग या पेट में सूजन, घाव, टांकों की वजह से सहवास करने से उसे दर्द भी होता है.’’

क्या करें

अगर बच्चा सीजेरियन से होता है, तो कम से कम 6 हफ्तों बाद यौन संबंध बनाने चाहिए. लेकिन उस से पहले डाक्टर से जांच करवानी जरूरी होती है कि आप के टांके ठीक से भर रहे हैं कि नहीं और आप की औपरेशन के बाद होने वाली ब्लीडिंग रुकी कि नहीं. यह ब्लीडिंग यूट्रस के अंदर से होती है, जहां पर प्लासेंटा स्थित होता है. यह ब्लीडिंग हर गर्भवती महिला को होती है, चाहे उस की डिलीवरी नौर्मल हुई हो या सीजेरियन से.

अगर डाक्टर सैक्स संबंध बनाने की इजाजत दे देते हैं, तो इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि टांके अगर पूरी तरह भरे नहीं हैं तो किस पोजीशन में संबंध बनाना सही रहेगा. पति साइड पोजीशन रखते हुए संबंध बना सकता है, जिस से औरत के पेट पर दबाव नहीं पड़ेगा. अगर उस दौरान स्त्री को दर्द महसूस हो, तो उसे ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि कई बार थकान या अनिच्छा की वजह से योनि में तरलता नहीं आ पाती.

अगर औरत को दर्द का अनुभव होता हो तो पति पोजीशन बदल कर या ओरल सैक्स का सहारा ले सकता है. साथ ही, वैजाइनल ड्राईनैस से बचने के लिए ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल करना अनिवार्य होता है. चूंकि प्रैग्नैंसी के बाद वैजाइना बहुत नाजुक हो जाती है और उस में एक स्वाभाविक ड्राईनैस आ जाती है, इसलिए नौर्मल डिलीवरी के बाद भी सैक्स के दौरान औरत दर्द महसूस करती है.

पोस्टपार्टम पीरियड बहुत ही ड्राई पीरियड होता है, इसलिए बेहतर होगा कि उस के खत्म होने के बाद ही यौन संबंध बनाए जाएं. प्रसव के 1-11/2 महीने बाद यौन संबंध बनाने के बहुत फायदे भी होते हैं. सैक्स के दौरान स्रावित होने वाले हारमोंस की वजह से संकुचन होता है, जिस से यूट्रस को सामान्य अवस्था में आने में मदद मिलती है और साथी के साथ दोबारा से शारीरिक व भावनात्मक निकटता कायम करने में यौन संबंध महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

प्रसव के बाद कुछ महीनों तक पीरियड्स अनियमित रहते हैं, जिस की वजह से सुरक्षित चक्र के बारे में जान पाना असंभव हो जाता है. इस दौरान गर्भनिरोध करने के लिए कौपर टी का इस्तेमाल करना या ओरल पिल्स लेना सब से अच्छा रहता है. अगर प्रसव के बाद कई महीनों तक औरत के अंदर यौन संबंध बनाने की इच्छा जाग्रत न हो तो ऐसे में पति को बहुत धैर्य व समझदारी से उस से बरताव करना चाहिए.

पति का सहयोग

जैसे ही औरत शारीरिक व भावनात्मक रूप से सुदृढ़ हो जाती है, संबंध बनाए जा सकते हैं. इस दौरान पति के लिए इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है कि वह पत्नी पर किसी भी तरह का दबाव न डाले या जबरदस्ती सैक्स संबंध बनाने के लिए बाध्य न करे. हफ्ते में 1 बार अगर संबंध बनाए जाते हैं, तो दोनों ही इसे ऐंजौय कर पाते हैं और वह भी बिना किसी तनाव के. पति को चाहिए कि वह इस विषय में पत्नी से बात करे कि वह संबंध बनाने के लिए अभी तैयार है कि नहीं, क्योंकि प्रसव के बाद उस की कामेच्छा में भी कमी आ जाती है, जो कुछ समय बाद स्वत: सामान्य हो जाती है.

क्या आपको भी सेक्स के समय दर्द होता है?

अंजली के पति अजय को अधिकतर अपने व्यवसाय के सिलसिले में दौरे पर रहना पड़ता है. जब भी वे दौरे से लौटने वाले होते हैं, अंजली को खुशी के बजाय घबराहट होने लगती है, क्योंकि लंबे अंतराल के बाद सेक्स के समय उसे दर्द होता है. इस कारण वह इस से बचना चाहती है. इस मानसिक तनाव के कारण वह अपनी दिनचर्या में भी चिड़चिड़ी होती जा रही है. अजय भी परेशान है कि आखिर क्या वजह है अंजली के बहानों की. क्यों वह दूर होती जा रही है या मेरे शहर से बाहर रहने पर कोई और आ गया है उस के संपर्क में? यदि शारीरिक संबंधों के समय दर्द की शिकायत बनी रही तो दोनों ही इस सुख से वंचित रहेंगे.

दर्द का प्रमुख कारण स्त्री का उत्तेजित न होना हो सकता है, जब वह उत्तेजित हो जाती है तो रक्त का प्रवाह तेज होता है, सांसों की गति तीव्र हो जाती है और उस के अंग में गीलापन आ जाता है. मार्ग लचीला हो जाता है, संबंध आसानी से बन जाता है.

फोरप्ले जरूरी

बगैर फोरप्ले के संबंध बनाना आमतौर पर महिलाओं के लिए पीड़ादायक होता है. फोरप्ले से संबंध की अवधि व आनंद दोनों ही बढ़ जाते हैं. महिलाओं को संबंध के लिए शारीरिक रूप से तैयार होने में थोड़ा समय लगता है. उसे इसे सामान्य बात मानते हुए किसी दवा आदि लेने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. यह देखा गया है कि कुछ दवाएं महिलाओं के गीलेपन में रुकावट पैदा करती हैं. इसीलिए सेक्स को भी एक आम खेल की तरह ही लेना चाहिए. जिस तरह खिलाड़ी खेल शुरू करने से पहले अपने शरीर में चुस्ती व गरमी लाने के लिए अभ्यास करते हैं उसी तरह से वार्मअप अभ्यास करते हुए फोरप्ले की शुरुआत करनी चाहिए. पुरुषों की तुलना में महिलाओं पर इस का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. महिलाओं के शरीर में कुछ बिंदु ऐसे होते हैं जिन्हें हाथों या होंठों के स्पर्श से स्पंदित किया जा सकता है. हलके स्पर्श से सहला कर उन की भावनाओं को जाग्रत किया जा सकता है.

अगर पर्याप्त फोरप्ले के बावजूद गीलापन न हो, उस स्थिति में चिकनाई वाली क्रीम इस्तेमाल की जा सकती है, जो एक प्रकार की जैली होती है. इस को लगाने के बाद कंडोम का प्रयोग करना चाहिए. कुछ कंडोम ऐसे होते हैं, जिन के बाहरी हिस्से में चिकना पदार्थ लगा होता है. इस से पुरुष का अंग आसानी से प्रवेश हो जाता है.

चिकनाईयुक्त कंडोम

यहां यह सावधानी बरतने योग्य बात है कि यदि सामान्य कंडोम प्रयोग किया जा रहा हो तो उस स्थिति में तेल आधारित क्रीम का प्रयोग न करें, क्योंकि तेल कंडोम में इस्तेमाल की गई रबड़ को कमजोर बना देता है व संबंध के दौरान कंडोम के फट जाने की संभावना बनी रहती है. कई बार कंडोम का प्रयोग करने से योनि में दर्द होता है. जलन या खुजली होने लगती है. इस का प्रमुख कारण कंडोम में प्रयोग होने वाली रबड़ से एलर्जी होना हो सकता है. पुरुषों के ज्यादातर कंडोम रबड़ या लैटेक्स के बने होते हैं. आमतौर पर 1 से 2% महिलाओं को इस से एलर्जी होती है. वे इस के संपर्क में आने पर बेचैनी, दिल घबराना यहां तक कि सांस रुकने तक की तकलीफ महसूस करती हैं. अत: यदि पति द्वारा इस्तेमाल कंडोम से ये लक्षण दिखाई पड़ें तो बेहतर है उन्हें अपने कंडोम का ब्रांड बदलने को कहें. इस का कारण कंडोम के ऊपर शुक्राणुओं को समाप्त करने के लिए जो रसायन लगाया जाता है, वह भी एलर्जी का कारण हो सकता है. सामान्य कंडोम का प्रयोग कर के भी इस एलर्जी से नजात पाई जा सकती है. इस के बावजूद यदि समस्या बनी रहे तो पुरुष कंडोम की जगह पत्नी स्वयं महिलाओं के लिए बनाए गए कंडोम का प्रयोग करे.

महिलाओं के कंडोम रबड़ की जगह पोलीयूरेथेन के बने होते हैं. वैसे बाजार में पुरुषों के लिए पोलीयूरेथेन कंडोम भी उपलब्ध हैं. इन के साथ एक बड़ी समस्या यह है कि यह आम रबड़ के बने कंडोम की तुलना में कमजोर होते हैं, संबंध के दौरान इन के फटने की आशंका बनी रहती है. यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि संबंध के दौरान कंडोम के प्रयोग से अनेक लाभ होते हैं. इसके कारण अनचाहे गर्भ से छुटकारा मिलता ही है, रोगों के संक्रमण से भी नजात मिल जाती है.

सेक्स के दौरान हमेशा याद रखें ये 4 बातें

एक औसत दर्जे के सेक्स से समझौता करने की कोई वजह नहीं है, जब आप हर बार, हर स्थिति में सेक्स का लाजवाब अनुभव ले सकती हैं. चाहे आप पहली बार सेक्स कर रही हों या यह केवल एक रात के आनंद की बात हो. हमारे पास हर स्थिति को यादगार और शानदार बनाने के नियम हैं. जरूरत है तो बस इनका पालन करने की.

स्थिति: जब आप पहली बार सेक्स कर रही हों

क्या करें: यह जरूरी नहीं है कि सेक्स का पहला अनुभव सपनों जैसा और यादगार ही हो. बजाय इसके संभावना इस बात की ज्यादा है कि यह बेतुका, अजीब और अनिश्चित हो सकता है. आपकी उम्मीदों से कहीं बदतर साबित हो सकता है.

पहले सेक्स के अनुभव को आनंददायक बनाने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है-उस क्षण का भरपूर आनंद उठाएं-बिना किसी चिंता या भय के. ‘‘धीरे-धीरे आगे बढ़ें और सहज बनी रहें,’’ कहती हैं डा. अवनी तिवारी, सीनियर कंसल्टेंट और सेक्सोलॉजिस्ट, मेट्रो मल्टीस्पेशिऐलिटी हौस्पिटल नोएडा. ‘‘जल्दबाज़ी न करें और न ही ख़ुद पर दबाव डालें. अपनी व्यग्रता और चिंता को छिपाने के लिए ड्रिंक न करें. यदि आप पहले सेक्स की बेहतर यादें चाहती हैं तो होश में बनी रहें. सेक्स के बारे में जानकारी हासिल करें. एक अनाड़ी पार्टनर सेक्स का मूड खराब कर सकता है. तो देर न करें, सेक्स के बारे में जानकारी हासिल करना शुरू कर दें.’’

सलाह : आपके शरीर से वे उतने ही अपरिचित हैं, जितनी अनजान आप उनके शरीर से हैं. अत: उनसे पूछें कि वे क्या चाहते हैं और उन्हें बताएं कि आपको आनंद कैसे मिल सकता है. प्रत्येक एहसास और स्पर्श का आनंद उठाएं और उन्हें भी इसका आनंद लेने दें.

स्थिति: जब आप रोमांच के मूड में हों

क्या करें: सेक्स का पारंपरिक तरीका कंफर्ट फूड की तरह है. इससे आपकी भूख तो मिट सकती है, पर लालसा अतृप्त रह जाती है. ‘‘मेरे पति बिस्तर पर अच्छे हैं, लेकिन वे प्रयोग करने में आगे नहीं बढ़ना चाहते. वहीं मैं कई सारी चीजें आजमाना चाहती हूं – रोल प्ले से लेकर ब्लाइंड फ़ोल्ड्स तक,’’ कहती हैं श्रीमोई सेन. पिछली बार जब मैं कुछ नया करना चाह रही थी, तब उन्होंने कोई खास रुचि नहीं दिखाई. उसके बाद तो उनसे कुछ नया करने का आग्रह करना और भी मुश्किल हो गया.’’

विविधता और नए प्रयोग करना स्वस्थ्य और रोमांचक सेक्स जीवन की कुंजी है. हां, इसके लिए आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके पार्टनर को भी यह पसंद हो. वे जिसमें सहज महसूस नहीं करते, उनपर वह करने का दबाव डालना सही नहीं होगा.

‘‘यदि आप उनसे कुछ नया करवाना चाहती हैं तो आपको पहले यह जानना होगा की क्या वे रोमांच के लिए तैयार हैं?’’ कहते हैं डा. राजेश गोयल, कंसल्टेंट साइकियाट्रिस्ट, सर गंगाराम हौस्पिटल. ‘‘यदि वे आपके विचारों से सहमत नहीं हैं तो उन्हें बातचीत द्वारा तैयार करने की कोशिश करें. यदि उन्हें चौंकाना चाहेंगी तो हो सकता है चीजें आपकी योजनानुसार न हों. यह न केवल तनावपूर्ण हो सकता है, बल्कि इससे सेक्शुअल चोट का भी खतरा होता है.’’

जानकारी : वर्ष 2014 में जरनल औफ यूरोलौजी में छपे एक अध्ययन के अनुसार वुमन औन टौप पोजिशन पुरुषों के लिए खतरनाक हो सकती है. उन्हें पीनाइल फ्रैक्चर का खतरा रहता है.

स्थिति: जब आप अपने रिश्ते की गर्मजोशी फिर तलाश रही हों

क्या करें: समय के साथ सेक्स में नीरसता आना स्वाभाविक है. कपल्स का सेक्स जीवन एक ढर्रे पर चलने लगता है. उनके बीच की गर्मजोशी कम हो जाती है. सेक्स की बारंबारता और विविधता में भी कमी देखी जाती है. बच्चों की मौजूदगी, औफिस का तनाव और रोजमर्रा के जीवन की चुनौतियां आपकी सेक्स जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित कर देती हैं. फिर भी अच्छी बात यह है कि आप थोड़े-से दिमागी व्यायाम से अंतरंग पलों में दोबारा जान डाल सकती हैं.

‘आपका मस्तिष्क सेक्स के लिए इस्तेमाल होनेवाला सबसे शक्तिशाली अंग है.’ यकीन मानिए यह बात पूरी तरह सच है. मुंबई के सेक्सोलौजिस्ट डा. राज ब्रह्मभट्ट कहते हैं, ‘‘नई चीजें आजमाने से अंतरंग पलों के रोमांच को दोबारा पाया जा सकता है. नीरसता को दूर करने के लिए नए सेक्शुअल पोजिशन्स अपनाएं. रोल प्ले आजमाएं या बिस्तर पर कुछ उत्तेजक खेल खेलें. विकल्प अंतहीन हैं.’’

अपने दिमाग की सबसे तीव्र सेक्शुअल फंतासी को आजमाने का वक्त आ गया है. सप्ताहांत में शहर से दूर चले जाएं और एजेंडे पर सिर्फ और सिर्फ सेक्स ही हो. ऐसा सोचें कि आप पहली डेट पर हैं और एक-दूसरे के करीब आने के लिए बेताब हैं. आप स्ट्रिप पोकर जैसे गेम्स खेल सकते हैं और एक-दूसरे को सेक्स मैसेजेस भेज सकते हैं.

सलाह : ‘‘प्यार और सेक्स कभी मरते नहीं. वे तो रोजाना की चिंताओं के पीछे छुप भर जाते हैं. अपने मतभेदों को भुलाकर अपनी सारी ऊर्जा सेक्स में लगा दें,’’ कहते हैं डा. गोयल.

स्थिति: जब आप वन नाइट-स्टैंड आजमा रही हों

क्या करें: वन नाइट स्टैंड का विचार आते ही दिमाग में एक सेक्सी अजनबी से मिलने का दृश्य आ जाता है. फिर आप उसके साथ होटल के एक कमरे में जाकर जीवन के सबसे बेहतरीन सेक्स का आनंद उठाती हैं. इस बात से बेफिक्र होकर कि वह शादीशुदा है या आपमें सचमुच रुचि लेने लगा है-बस सेक्स का मजा लेने के लिए सेक्स करना अपने आप में अद्भुत होता है. फिर भी आगे-पीछे की सोचकर कभी-कभी मूड खराब भी हो सकता है.

‘‘एक कौन्फ्रेंस के दौरान मैंने अपने एक दूसरे शहर के कलीग के साथ वन नाइट स्टैंड किया था,’’ कहती हैं बृंदा सिंह. ‘‘जबकि वो सेक्स के दौरान काफी खुश था, पर मैंने अपना ज्यादातर समय इस चिंता में बिता दिया कि कहीं वो बाकी टीम को इस बारे में बता न दे. शुक्र है कि उसने ऐसा कुछ भी नहीं किया. पर मैंने महसूस किया कि वन नाइट स्टैंड केवल ऐसे व्यक्ति के साथ ही आजमाना चाहिए जिससे कभी दोबारा मिलने की संभावना न हो.’’ वहीं डा. तिवारी कहती हैं, ‘‘बिना किसी प्रतिबद्धता वाला सेक्स, वन नाइट स्टैंड और केवल सेक्स फ्रेंड जैसे मुद्दे बेहद पेचीदा होते हैं. आप दोनों के बीच चीजें बिल्कुल स्पष्ट होनी चाहिए. हालांकि कई लोगों को आगे विश्वास की कमी का सामना करना पड़ता है.’’

सलाह : गर्भनिरोधक का प्रयोग करना न भूलें, क्योंकि जाहिर है आप एक अनचाहा गर्भ नहीं चाहेंगी और न ही एसटीडी. खुद कंडोम रखें, पार्टनर के भरोसे न रहें.

बुराई: दूसरों की भूल से आप भी लें सबक

जयपुर, राजस्थान के मालवीय नगर में रहने वाली 20 साला निधि कोचिंग के लिए टोंक फाटक जाती थी और वहां से ही अपने बौयफ्रैंड के साथ नारायण सिंह सर्किल के पास बने सैंट्रल पार्क की झाडि़यों में जिस्मानी संबंध बना कर उस से बाजार में खूब खरीदारी कराती थी. यही हाल कुछ समय पहले तक उस की बड़ी बहन कीर्ति का था. उस के भी कई बौयफ्रैंड थे. एक बार जब वह एक बौयफ्रैंड के साथ एक पार्क में संबंध बना रही थी कि तभी वहां 5-6 कालेज के दादा किस्म के लड़के आ गए. उन लड़कों को देख कीर्ति का बौयफ्रैंड वहां से भाग गया, मगर उन लड़कों ने कीर्ति को दबोच लिया और 3-4 घंटे तक उस का बलात्कार किया. जब कीर्ति को होश आया, तो वह गिरतेपड़ते अपने घर पहुंची. उस के बाद उस ने अपने सभी बौयफ्रैंडों से दोस्ती खत्म कर ली और अपना ध्यान पढ़ाई पर लगा दिया. वह आज एक बड़ी सरकारी अफसर है.

कई साल पहले राजस्थान के धौलपुर जिले के बसेड़ी कसबे में जाटव जाति का एक गरीब परिवार का लड़का चंद्रपाल जब पटवारी की नौकरी पर लगा था, तब उस के मांबाप ने उसे समझाया था कि वह अपनी नौकरी ईमानदारी से करे. अपने मांबाप की इन बातों को सुन कर चंद्रपाल ने अपना काम ईमानदारी से करना शुरू कर दिया था.

पटवारी की नौकरी करते हुए वह कुछ सालों बाद भूअभिलेख निरीक्षक बन गया और उस के बाद नायब तहसीलदार और अब तहसीलदार बन कर ईमानदारी से अपना काम कर रहा है.

30 साला मनोज एक सरकारी दफ्तर में क्लर्क है. कमाऊ महकमे में होने के चलते वह हजार दो हजार रुपए रोजाना ऊपर की कमाई कर लेता है. वह जयपुर के प्रताप नगर हाउसिंग बोर्ड में अपनी 23 साला बीवी सुप्रिया के साथ रहता है.

जब मनोज की बीवी 3 बच्चों की मां बन गई, तो उस का झुकाव अपनी 20 साला कालेज में पढ़ने वाली साली नेहा की ओर हो गया. वह उसे अपने पास ही रखने लगा. उस ने अपनी साली को पैसे और महंगेमहंगे तोहफे दे कर पटा लिया था. बीवी के सो जाने पर वह अपनी साली के कमरे में चला जाता था.

एक रात को अचानक नींद खुल जाने से जब मनोज की बीवी सुप्रिया ने उसे अपने बैड पर नहीं देखा, तो वह अपनी छोटी बहन नेहा के कमरे में चली गई. वहां पर उन दोनों को साथ देख वह गुस्से में आगबबूला हो उठी.

कुछ दिनों तक तो वे दोनों एकदूसरे से दूर रहे, मगर फिर होटल में मिलने लगे. एक दिन जब वे होटल में पुलिस द्वारा पकड़े गए, तो उन के मांबाप को बहुत दुख हुआ.

वे दोनों जीजासाली सोच रहे थे कि अगर सुप्रिया उन के बीच रोड़ा नहीं बनती, तो उन्हें होटल में जाने की जरूरत ही नहीं पड़ती. लिहाजा, उन्होंने सुप्रिया की गला घोंट कर हत्या कर दी.

हत्या के बाद वे दोनों वहां से फरार हो गए. दूसरे दिन जब पड़ोस के लोगों को मालूम हुआ, तो उन्होंने पुलिस को बुला लिया.कई दिनों के बाद सुप्रिया की हत्या के जुर्म में मनोज और नेहा को गिरफ्तार कर लिया गया.

दूसरों की ऐसी भूल से सबक ले कर जो लोग इन्हें अपनी जिंदगी में शामिल नहीं करते हैं, वे सुख भरी जिंदगी बिताते हैं.

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