‘‘तुम क्या पहली औरत हो, जो मां बनी हो?’’

‘‘डिलीवरी के बाद तुम्हारे अंदर कितना बदलाव आ गया है, सिवा बच्चे के, तुम्हें तो और कुछ सूझता ही नहीं है.’’

‘‘लगता है, तुम्हारा बच्चा ही तुम्हारे लिए महत्त्वपूर्ण हो गया है, तभी तो मेरे पास तक आने में हिचकिचाने लगी हो.’’

इस तरह की न जाने कितनी बातें औरतें शिशु जन्म के बाद अपने पतियों से सुनती हैं, क्योंकि पति की यौन संबंध बनाने की मांग को ठुकराने की गलती उन से होती है. मगर प्रसव के बाद कुछ महीनों तक न तो औरत की यौन संबंध बनाने की इच्छा होती है, न ही डाक्टर ऐसा करने की सलाह देते हैं.

शारीरिक व मानसिक थकान

बच्चे के जन्म के बाद मानसिक व शारीरिक तौर पर एक औरत का थकना स्वाभाविक है. चूंकि प्रैग्नैंसी के 9 महीनों के दौरान उसे कई तरह के उतारचढ़ावों से गुजरना पड़ता है. बच्चे को जन्म देने के बाद भी उस के अंदर अनेक सवाल पल रहे होते हैं. कमजोरी और शिशु जन्म के साथ बढ़ती जिम्मेदारियां, रात भर जागना और दिन का शिशु के साथ उस की जरूरतें पूरी करतेकरते गुजर जाना आम बात होती है. औरत के अंदर उस समय चिड़चिड़ापन भर जाता है. नई स्थिति का सामना न कर पाने के कारण अकसर वह तनाव या डिप्रैशन का शिकार भी हो जाती है.

मां बनने के बाद औरत कई कारणों की वजह से सैक्स में अरुचि दिखाती है. सब से प्रमुख कारण होता है टांकों में सूजन होना. अगर ऐसा न भी हो तो भी गर्भाशय के आसपास सूजन या दर्द कुछ समय के लिए वह महसूस करती है. थकावट का दूसरा बड़ा कारण होता है 24 घंटे शिशु की देखभाल करना, जो शारीरिक व मानसिक तौर पर थकाने वाला होता है. इसलिए जब भी वह लेटती है, उस के मन में केवल नींद पूरी करने की ही इच्छा होती है. कई औरतों की तो सैक्स की इच्छा कुछ महीनों के लिए बिलकुल ही खत्म हो जाती है.

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