टॉप 10 रोमांटिक कहानी लव स्टोरी Romantic kahani love story in Hindi

Top 10 Romantic kahani love story in Hindi आज हम कुछ ऐसी ही कहानियों की बात करें जिसमें केवल रोमांटिक कहानियोॆ की दास्तान होगी. जो कहानी प्यार के एंगल से शुरु हुई हो और प्यार के एंगल पर ही खत्म हो. रोमांटिक कहानियों में सिर्फ दो प्रेमियों के प्यार की कहानियां दी जाएंगी. जिसमें प्रेमियों के बीच प्यार कैसे होता है ये जानने को आपको मिलेगा. Romantic kahani love story in Hindi

1. आखिर कितना घूरोगे : बौस को हड़काने वाली दब्बू लड़की

काली, कजरारी, बड़ीबड़ी मृगनयनी आंखें भला किस को खूबसूरत नहीं लगतीं? मगर उन से भी ज्यादा खूबसूरत होते हैं उन आंखों में बसे सपने कुछ बनने के, कुछ करने के. सपने लड़कालड़की देख कर नहीं आते. छोटाबड़ा शहर देख कर नहीं आते.

फिर भी अकसर छोटे शहर की लड़कियां उन सपनों को किसी बड़े संदूक में छिपा लेती हैं. उस संदूक का नाम होता है- कल. कारण वही पुराना. अभी हमारे देश के छोटे शहरों और कसबों में सोच बदली कहां है? घर की इज्जत है लड़की, जल्दी शादी कर उसे घर भेजना है, वहां की अमानत बना कर मायके में पाली जा रही है. इसीलिए लड़कियों के सपने उस कभी न खुलने वाले संदूक में उन के साथसाथ ससुराल और अर्थी तक की यात्रा करते हैं पर कुछ लड़कियां बचपन में ही खोल देती हैं उस संदूक को, उन के सपने छिटक जाते हैं.

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2. दलदल : सूर्या की ब्लाइंड डेटlove story in hindi

सूर्या ने परफ्यूम की बोतल को ही तकरीबन खाली कर दिया. अगर वह किसी लड़की से मिलने जा रहा हो, तब तो कहने ही क्या. उसे ब्लाइंड डेट का रिवाज बेहद भाता है. आजकल कितनी ही औनलाइन साइटें हैं, जो इस तरह की डेट सैट करने में काफी मदद कर देती हैं.

सूर्या आज पहली बार ब्लाइंड डेट पर नहीं जा रहा है. हां, लेकिन आज की डेट का नाम उसे बहुत लुभा रहा है… चेरी. होटल के बेसमैंट में रैस्टोरैंट था. एक कोने की टेबल पहले ही रिजर्व थी. एक लड़की वहां पहले से ही बैठी थी.

‘‘माफ कीजिए चेरी, मुझे देर हो गई क्या? या फिर आप को मुझ से भी ज्यादा जल्दी थी?’’ तिरछी मुसकान लिए सूर्या फ्लर्ट करने में माहिर था.

‘‘नहीं, मैं ही कुछ जल्दी आ गई. वह नया फ्लाईओवर खुल गया है न, सो आने में समय ही नहीं लगा,’’ चेरी भी बातचीत करने लगी.

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3. पहेली : कौन था नव्या का कातिल?

Romantic love story 

पेड़ों के नीचे एक लड़की का निर्वस्त्र शव बरामद हुआ था, जो खरोंचों से भरा था. आशंका थी कि बलात्कार के बाद उस की हत्या की होगी. मृतका के पास मिले कागजातों से पता चला कि वह शव असिस्टैंट बैंक मैनेजर नव्या का था. उस की कार भी वहां से कुछ दूर खड़ी मिली. पुलिस वाले मुस्तैदी से अपने काम में जुटे थे. तभी जीप रुकी और एसआई राघव उतरे.

‘‘लाश को सब से पहले किस ने देखा था?’’ राघव ने कांस्टेबल से पूछा.

‘‘इस आदिवासी लड़की ने सर.’’ कांस्टेबल एक दुबलीपतली लड़की की ओर इशारा कर के बोला, ‘‘ये खाना बनाने के लिए यहां से सूखी लकड़ियां ले जाती है.’’

‘‘हुम्म…’’ राघव ने उस लड़की पर नजर डालते हुए अगला सवाल किया, ‘‘और मृतका के घर वाले…’’

‘‘ये हैं सर,’’ कांस्टेबल की उंगली घटनास्थल से थोड़ा हट के खड़े कुछ लोगों की ओर घूम गई.

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4. यादों के सहारे : प्रकाश का प्यार love story

वह बीते हुए पलों की यादों को भूल जाना चाहता था. और दिनों के बजाय वह आज  ज्यादा गुमसुम था. वह सविता सिनेमा के सामने वाले मैदान में अकेला बैठा था. उस के दोस्त उसे अकेला छोड़ कर जा चुके थे. उस ने घंटों से कुछ खाया तक नहीं था, ताकि भूख से उस लड़की की यादों को भूल जाए. पर यादें जाती ही नहीं दिल से, क्या करे. कैसे भुलाए, उस की समझ में नहीं आया.

उस ने उठने की कोशिश की, तो कमजोरी से पैर लड़खड़ा रहे थे. अगलबगल वाले लोग आपस में बतिया रहे थे, ‘भले घर का लगता है. जरूर किसी से प्यार का चक्कर होगा. लड़की ने इसे धोखा दिया होगा या लड़की के मांबाप ने उस की शादी कहीं और कर दी होगी…

‘प्यार में अकसर ऐसा हो जाता है, बेचारा…’ फिर एक चुप्पी छा गई थी. लोग फिर आपसी बातों में मशगूल हो गए. वह वहां से उठ कर कहीं दूर जा चुका था.

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5. विसाल ए यार : इश्क की अंगड़ाईRomantic love story

दिल्ली के साउथ कैंपस के लोधी रोड पर बने दयाल सिंह कालेज में रोहित बीकौम का स्टूडैंट था और उसी की क्लास में आयशा नाम की एक खूबसूरत लड़की पढ़ती थी.

रोहित मिडिल क्लास फैमिली से था, जो एक सैकंड हैंड बाइक पर कालेज जाता था. परिवार में एक बहन और एक छोटा भाई था. दोनों ही अभी स्कूल में पढ़ते थे.

मां कम पढ़ीलिखी थीं, मगर उन का सपना बच्चों को अच्छी ऊंची तालीम दिलाना था. पिता दर्जी थे और वे दिनरात मेहनत करते थे, ताकि बच्चों को अच्छी परवरिश दे सकें.

इधर आयशा दिल्ली के नामचीन कपड़ा कारोबारी की बेटी थी. कभी वह क्रेटा गाड़ी से कालेज आ रही थी, तो कभी इनोवा से, कभी होंडा सिटी से तो कभी औडी कार से… मतलब, उस के घर में कई कारें थीं और परिवार के नाम पर केवल एक छोटा भाई और पिता.

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6. एक हंसमुख लड़की : क्या था कजरी के दुख का कारण Romantic Story in Hindi

उस की उम्र थी, यही कोई 18-19 बरस. बड़ीबड़ी आंखें, घने बाल, सफेद मोतियों की लड़ी से दांत. जब हंसती थी, तो लगता था मानो बिजली चमक गई हो. गलीमहल्ले के मनचलों पर तो उस की हंसी कहर बरसाती थी.

मुझे आज भी याद है, एक बार पड़ोस के चित्तू बाबू का लड़का काफी बीमार हो गया था. उस के परिवार के लोग बहुत परेशान थे, लेकिन कजरी बड़े इतमीनान से हंसते हुए कह रही थी, ‘‘ऐ बाबू, भैया ठीक हो जाएंगे, तुम फिक्र न करो,’’ और फिर ढेरों लतीफे सुनाने लगी. यहां तक कि बीमार लड़का भी कजरी के लतीफे सुनसुन कर हंसने लगा था.

मैं तकरीबन 10 साल बाद उस शहर, उस महल्ले में जा रहा था, जहां कजरी अपने बापू के साथ अकेली रहते हुए भी महल्लेभर के सुखदुख में शरीक होती थी.

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7. बेईमान बनाया प्रेम ने: क्या हुआ था पुष्पक के साथ Romantic love story

अगर पत्नी पसंद न हो तो आज के जमाने में उस से छुटकारा पाना आसान नहीं है. क्योंकि दुनिया इतनी तरक्की कर चुकी है कि आज पत्नी को आसानी से तलाक भी नहीं दिया जा सकता. अगर आप सोच रहे हैं कि हत्या कर के छुटाकारा पाया जा सकता है तो हत्या करना तो आसान है, लेकिन लाश को ठिकाने लगाना आसान नहीं है.

इस के बावजूद दुनिया में ऐसे मर्दों की कमी नहीं है, जो पत्नी को मार कर उस की लाश को आसानी से ठिकाने लगा देते हैं. ऐसे भी लोग हैं जो जरूरत पड़ने पर तलाक दे कर भी पत्नी से छुटकारा पा लेते हैं. लेकिन यह सब वही लोग करते हैं, जो हिम्मत वाले होते हैं. हिम्मत वाला तो पुष्पक भी था, लेकिन उस के लिए समस्या यह थी कि पारिवारिक और भावनात्मक लगाव की वजह से वह पत्नी को तलाक नहीं देना चाहता था.

पुष्पक सरकारी बैंक में कैशियर था. उस ने स्वाति के साथ वैवाहिक जीवन के 10 साल गुजारे थे. अगर मालिनी उस की धड़कनों में न समा गई होती तो शायद बाकी का जीवन भी वह स्वाति के ही साथ बिता देता.

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8. बंद किताब : अभिषेक की चाहत Romantic love stories

‘‘तुम…’’

‘‘मुझे अभिषेक कहते हैं.’’

‘‘कैसे आए?’’

‘‘मुझे एक बीमारी है.’’

‘‘कैसी बीमारी?’’

‘‘पहले भीतर आने को तो कहो.’’

‘‘आओ, अब बताओ कैसी बीमारी?’’

‘‘किसी को मुसीबत में देख कर मैं अपनेआप को रोक नहीं पाता.’’

‘‘मैं तो किसी मुसीबत में नहीं हूं.’’

‘‘क्या तुम्हारे पति बीमार नहीं हैं?’’

‘‘तुम्हें कैसे पता चला?’’

‘‘मैं अस्पताल में बतौर कंपाउंडर काम करता हूं.’’

‘‘मैं ने तो उन्हें प्राइवेट नर्सिंग होम में दिखाया था.’’

‘‘वह बात भी मैं जानता हूं.’’

‘‘कैसे?’’

‘‘तुम ने सर्जन राजेश से अपने पति को दिखाया था न?’’

‘‘हां.’’

‘‘उन्होंने तुम्हारी मदद करने के लिए मुझे फोन किया था.’’

‘‘तुम्हें क्यों?’’

‘‘उन्हें मेरी काबिलीयत और ईमानदारी पर भरोसा है. वे हर केस में मुझे ही बुलाते हैं.’’

‘‘खैर, तुम असली बात पर आओ.’’

‘‘मैं यह कहने आया था कि यही मौका है, जब तुम अपने पति से छुटकारा पा सकती हो.’’

‘‘क्या मतलब?’’

‘‘बनो मत. मैं ने जोकुछ कहा है, वह तुम्हारे ही मन की बात है. तुम्हारी उम्र इस समय 30 साल से ज्यादा नहीं है, जबकि तुम्हारे पति 60 से ऊपर के हैं. औरत को सिर्फ दौलत ही नहीं चाहिए, उस की कुछ जिस्मानी जरूरतें भी होती हैं, जो तुम्हारे बूढ़े प्रोफैसर कभी पूरी नहीं कर सके.

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9. हम बेवफा न थे : अख्तर के दिल की आवाजRomantic story

‘‘अरे, आप लोग यहां क्या कर रहे हैं? सब लोग वहां आप दोनों के इंतजार में खड़े हैं,’’ हमशां ने अपने भैया और होने वाली भाभी को एक कोने में खड़े देख कर पूछा.

‘‘बस कुछ नहीं, ऐसे ही…’’ हमशां की होने वाली भाभी बोलीं.

‘‘पर भैया, आप तो ऐसे छिपने वाले नहीं थे…’’ हमशां ने हंसते हुए पूछा.

‘काश हमशां, तुम जान पातीं कि मैं आज कितना उदास हूं, मगर मैं चाह कर भी तुम्हें नहीं बता सकता,’ इतना सोच कर हमशां का भाई अख्तर लोगों के स्वागत के लिए दरवाजे पर आ कर खड़ा हो गया.

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10. अनोखा इश्क : मंगेतर की सहेली से आशिकी Romantic love story in hindi

पारस और दिव्या की सगाई के 10 दिन बाद पारस ने दिव्या से मिलने के लिए कहा. दिव्या परिवार की इजाजत ले कर उस से मिलने गई, मगर आस्था भी उस के साथ गई, क्योंकि दिव्या की मां उसे अकेले नहीं जाने देना चाहती थीं.

पारस आस्था को देखता ही रह गया. दिव्या का गोरा रंग और आस्था का सांवला रंग, दिव्या का भराभरा बदन और आस्था नौर्मल सी, मगर तीखे नैननक्श, पारस तो मानो आस्था में ही खो गया. दिव्या ने पारस को 2-3 बार पुकारा, तब जा कर जैसे उसे होश आया हो.

आस्था बोली, “हैलो जीजू…”

“आस्था, प्लीज, मुझे पारस कहो,” पारस ने साफसाफ कह दिया.

“ओके पारस…”

इस तरह अकसर पारस दिव्या को मिलने के लिए किसी रैस्टोरैंट या पार्क में बुलाता तो आस्था भी साथ होती. वह दिव्या की बैस्ट फ्रैंड जो थी.

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Top 15 Prem Kahani in hindi, प्रेम कहानियां हिंदी में

Top 15 Prem Kahani in hindi of 2023, आज हम आपके लिए लेकर कुछ दिलचस्प प्रेम कहानियां (Hindi Prem Kahani) जिन्हे पढ़कर आप इन कहानियों से जुड़ पाएंगे, साथ ही नई – नई जानकारियां हासिल कर पाएंगे, इन हिन्दी प्रेम कहानियों में प्यार भरी स्टोरी को पढ़कर आप इनका आनंद ले पाएंगे. साथ ही दो लोगों में प्रेम कैसे होता है ये जान पाएंगे. तो पढ़े, Top Prem Kahani in Hindi.

1. जूलियट की अनोखी मुहब्बत

जय अपने घूमनेफिरने के शौक को पूरा करने के लिए गाइड बन गया था. उस ने इतिहास औनर्स से ग्रेजुएशन की थी. उस के पास अपने पुरखों की खूब सारी दौलत थी.

जय के पिता एक किसान थे. पूरे इलाके में सब से ज्यादा जमीन उन्हीं के पास थी. उन्होंने खेती की देखभाल के लिए नौकर रखे हुए थे. जय 3 बहनों में अकेला भाई था. तीनों बहनों की नामी खानदान में शादी हुई थी. जय की मां एक घरेलू औरत थी.

भारत के बहुत से ऐतिहासिक पर्यटक  स्थलों के मुलाजिम, वहां के दुकानदार और तमाम लोग जय को पहचानते थे. इस बार जय गाइड के रूप में बोधगया  गया हुआ था. विदेशी पर्यटकों में उस की मुलाकात जूलियट और उस की मां से हुई.

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2. फौजी का प्यार: क्या हो पाया सफलPrem Kahani

हमारी यह कहानी एक फौजी के प्यार पर बुनी गई है, जिस का नाम रमन था. वह बिलासपुर गांव का रहने वाला था. उस के सपने बहुत बड़े थे. वह अपनी जिंदगी में बहुतकुछ करना चाहता था. एक दिन रमन सो रहा था. उस ने एक सपना देखा कि वह अपने देश के लिए शहीद हो गया. तभी से उस ने फौजी बनने की ठान ली. जब उस ने यह बात अपने मांबाप को बताई, तो वे चिंतित हो गए. उन्हें लगा कि अगर उन का बेटा फौजी बन कर उन से दूर चला गया, तो वे अकेले कैसे रहेंगे?लेकिन रमन का यही कहना था कि उसे अपने देश के लिए फौजी बनना ही है, क्योंकि वह अपने देश से बहुत प्यार करता है.

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3. अनकहा प्यार: एक दूजे के लिएPrem kahani

मुक्ता और महत्त्व की मुलाकात औफिस जाने के दौरान एक बस में हुई थी, फिर उन का मेलजोल बढ़ने लगा. एक दिन तेज बारिश के समय महत्त्व ने मुक्ता को औफिस न जाने को कहा और अपनी बाइक पर उसे घुमाने ले गया. आगे क्या हुआ? कालेकाले बादलों ने आसमान में डेरा डाल दिया. मुक्ता तेजी से लौन की तरफ दौड़ी सूखे हुए कपड़ों को हटाने के लिए. बूंदों ने झमाझम बरसना शुरू कर दिया.

कपड़े उतारतेउतारते मुक्ता काफी भीग चुकी थी. अंदर आते ही उस ने छींकना शुरू कर दिया.

मां बड़बड़ाते हुए बोलीं, ‘‘मुक्ता, मैं ने तुझ से कितनी बार कहा है कि भीगा मत कर, लेकिन तू मानती ही नहीं.’’ मुक्ता ने शांत भाव से कहा, ‘‘मां, आप सो रही थीं, इसलिए मैं खुद ही चली गई. मां, अगर आप जातीं, तो आप भी तो भीग जातीं न.’’ मां दुलारते हुए बोलीं, ‘‘मेरी बेटी मां को इतना प्यार करती है…’’

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4. दूसरी शादी: कैसे एक हुई विनोद बाबू और मंजुला की राहेंprem kahani

साधारण कदकाठी के विनोद बाबू पहले जैसेतैसे रहते थे, लेकिन दूसरी शादी के बाद वे सलीके से कपड़े वगैरह पहनने लगे थे. वे चेहरे की बेतरतीब बढ़ी हुई दाढ़ीमूंछ को क्लीन शेव में बदल चुके थे. उन की आंखों पर खूबसूरत फ्रेम का चश्मा भी चढ़ गया था. इतना ही नहीं, सिर के खिचड़ी बालों को भी वे समयसमय पर डाई करवाना नहीं भूलते थे.

वैसे तो विनोद बाबू की उम्र 48 के करीब पहुंच गई थी, लेकिन जब से उन की मंजुला से दूसरी शादी हुई थी, तब से वे सजसंवर कर रहने लगे थे. इस का सुखद नतीजा यह हुआ है कि वे अब 38 साल के आसपास दिखने लगे थे.

इसी साल नवरात्र के बाद अक्तूबर के दूसरे हफ्ते में विनोद बाबू मंजुला से कोर्ट मैरिज कर चुके थे. तब से उन की जिंदगी में अलग ही बदलाव दिखने लगा था. पहले वे छुट्टी के बाद भी किसी बहाने देर तक अपने स्कूल में जमे रहने की कोशिश करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं था.

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5. अधूरी प्रेम कहानी : रजिया किस बात का जिक्र करने पर असहज हो जाती थीprem kahani

रजिया और आफताब का खातापीता और सुखी परिवार था. आज उन की शादी की 25वीं सालगिरह थी. आफताब और रजिया ने केक काटने के बाद सब से पहले अशोक बाबूजी को खिलाया. अशोक बाबूजी भी इसी परिवार का हिस्सा थे. रजिया और आफताब की 20 साल की बेटी आसमां आज भी अशोक बाबूजी से 5 साल की बच्ची की तरह लाड़ दिखाती है. आफताब के एक स्कूटर हादसे पर अशोक बाबूजी ने किसी फरिश्ते की तरह इस परिवार की मदद की थी. उस हादसे में अपनी टांग गंवाने के बाद आफताब की निर्भरता अशोक बाबूजी पर और ज्यादा बढ़ गई थी. इधर आसमां की शादी की बात चल रही थी. वह बहुत खूबसूरत और पढ़ीलिखी थी. उस के लिए एक से बढ़ कर एक परिवारों के रिश्ते आ रहे थे. आफताब की खाला की सख्त हिदायत थी कि उन के समाज में ज्यादा दूर के लोगों से रिश्ते नहीं किए जाते और उन्हें अपनी बेटी का निकाह अपने ही किसी एक परिचित परिवार में करना चाहिए.

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6. मुहब्बत पर फतवा: रजिया की कहानी prem kahani

रजिया को छोड़ कर उस के वालिद ने दुनिया को अलविदा कह दिया. उस समय रजिया की उम्र तकरीबन 2 साल की रही होगी. रजिया को पालने, बेहतर तालीम दिलाने का जिम्मा उस की मां नुसरत बानो पर आ पड़ा.

खानदान में सिर्फ रजिया के चाचा, चाची और एक लड़का नफीस था. माली हालत बेहतर थी. घर में 2 बच्चों की परवरिश बेहतर ढंग से हो सके, इस का माकूल इंतजाम था. अपने शौहर की बात को गांठ बांध कर नुसरत बानो ने दूसरे निकाह का ख्वाब पाला ही नहीं. वे रजिया को खूब पढ़ालिखा कर डाक्टर बनाने का सपना देखने लगीं.

‘‘देखो बेटी, तुम्हारी प्राइमरी की पढ़ाई यहां हो चुकी है. तुम्हें आगे पढ़ना है, तो शहर जा कर पढ़ाई करनी पड़ेगी. शहर भी पास में ही है. तुम्हारे रहनेपढ़ाने का इंतजाम हम करा देंगे, पर मन लगा कर पढ़ना होगा… समझी?’’ यह बात रजिया के चाचा रहमत ने कही थी.

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7. प्यार असफल है तुम नहींprem kahani

एक हार्ट केयर हौस्पिटल के शुभारंभ का आमंत्रण कार्ड कोरियर से आया था. मानसी ने पढ़ कर उसे काव्य के हाथ में दे दिया. काव्य ने उसे पढना शुरू किया और अतीत में खोता चला गया…

उस ने रक्षित का दरवाजा खटखटाया. वह उस का बचपन का दोस्त था. बाद में दोनों कालेज अलगअलग होने के कारण बहुत ही मुश्किल से मिलते थे. काव्य इंजीनियरिंग कर रहा था और रक्षित डाक्टरी की पढ़ाई. आज काव्य अपने मामा के यहां शादी में अहमदाबाद आया हुआ था, तो सोचा कि अपने खास दोस्त रक्षित से मिल लूं, क्योंकि शादी का फंक्शन शाम को होना था. अभी दोपहर के 3-4 घंटे दोस्त के साथ गुजार लूं. जीभर कर मस्ती करेंगे और ढेर सारी बातें करेंगे. वह रक्षित को सरप्राइज देना चाहता था.

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8. प्यार चढ़ा परवान : हवस के मारे प्रमिला और शंकरprem kahani

प्रमिला और शंकर के बीच अवैध संबंध हैं, यह बात रामनगर थाने के लगभग सभी कर्मचारियों को पता था. मगर इन सब से बेखबर प्रमिला और शंकर एकदूसरे के प्यार में इस कदर खो गए थे कि अपने बारे में होने वाली चर्चाओं की तरफ जरा भी ध्यान नहीं जा रहा था.

शंकर थाने के इंचार्ज थे तो प्रमिला एक महिला कौंस्टेबल थी. थाने के सर्वेसर्वा अर्थात इंचार्ज होने के कारण शंकर पर किसी इंस्पैक्टर, हवलदार या स्टाफ की उन के सामने चूं तक करने की हिम्मत नहीं होती थी.

थाने की सब से खूबसूरत महिला कौंस्टेबल प्रमिला थाने में शेरनी बनी हुई थी, क्योंकि थाने का प्रभारी उस पर लट्टू था और वह उसे अपनी उंगलियों पर नचाती थी.

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9. वहां आकाश और है: आकाश और मानसी के बीच कौन-सा रिश्ता थाprem kahani

अचानक शुरू हुई रिमझिम ने मौसम खुशगवार कर दिया था. मानसी ने एक नजर खिड़की के बाहर डाली. पेड़पौधों पर झरझर गिरता पानी उन का रूप संवार रहा था. इस मदमाते मौसम में मानसी का मन हुआ कि इस रिमझिम में वह भी अपना तनमन भिगो ले.

मगर उस की दिनचर्या ने उसे रोकना चाहा. मानो कह रही हो हमें छोड़ कर कहां चली. पहले हम से तो रूबरू हो लो.

रोज वही ढाक के तीन पात. मैं ऊब गई हूं इन सब से. सुबहशाम बंधन ही बंधन. कभी तन के, कभी मन के. जाओ मैं अभी नहीं मिलूंगी तुम से. मन ही मन निश्चय कर मानसी ने कामकाज छोड़ कर बारिश में भीगने का मन बना लिया.

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10. सच्चा प्यार : जब दो दिल मिलेprem kahani

अनुपम और शिखा दोनों इंगलिश मीडियम के सैंट जेवियर्स स्कूल में पढ़ते थे. दोनों ही उच्चमध्यवर्गीय परिवार से थे. शिखा मातापिता की इकलौती संतान थी जबकि अनुपम की एक छोटी बहन थी. धनसंपत्ति के मामले में शिखा का परिवार अनुपम के परिवार की तुलना में काफी बेहतर था. शिखा के पिता पुलिस इंस्पैक्टर थे. उन की ऊपरी आमदनी काफी थी. शहर में उन का रुतबा था. अनुपम और शिखा दोनों पहली कक्षा से ही साथ पढ़ते आए थे, इसलिए वे अच्छे दोस्त बन गए थे. दोनों के परिवारों में भी अच्छी दोस्ती थी.

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11. प्यासी नदी : क्या थी नौकरानी की कहानीprem kahani

मेरे पतिदेव को चलतेफिरते मुझे छेड़ते हुए शरारत करने की आदत है. वे कभी गाल छू लेते हैं, तो कभी कमर पर चुटकी ले लेते हैं. यह भी नहीं देखते कि आसपास कोई है या नहीं. बस, मेरे प्रति अपना ढेर सारे प्यार को सरेआम जता देते हैं.  मेरे मना करने पर या ‘शर्म करो’ कहने पर कहते हैं, ‘अरे यार, अपनी खुद की बाकायदा बीवी को छेड़ रहा हूं, कोई राह चलती लड़की को नहीं और प्यार जता रहा हूं, सता नहीं रहा… समझी जानू…’

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12.  प्यार का धागा : कैसे धारावी की डौल बन गई डौलीprem kahani

सांझ ढलते ही थिरकने लगते थे उस के कदम. मचने लगता था शोर, ‘डौली… डौली… डौली…’

उस के एकएक ठुमके पर बरसने लगते थे नोट. फिर गड़ जाती थीं सब की ललचाई नजरें उस के मचलते अंगों पर. लोग उसे चारों ओर घेर कर अपने अंदर का उबाल जाहिर करते थे.

…और 7 साल बाद वह फिर दिख गई. मेरी उम्मीद के बिलकुल उलट. सोचा था कि जब अगली बार मुलाकात होगी, तो वह जरूर मराठी धोती पहने होगी और बालों का जूड़ा बांध कर उन में लगा दिए होंगे चमेली के फूल या पहले की तरह जींसटीशर्ट में, मेरी राह ताकती, उतनी ही हसीन… उतनी ही कमसिन…

लेकिन आज नजारा बदला हुआ था. यह क्या… मेरे बचपन की डौल यहां आ कर डौली बन गई थी.

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13. विश्वास: क्या बीमार नीता को मिला उस का हमदमprem kahani

उस रात नीता बहुत खुश थी. जब वह घर लौटी तो पुरानी यादों में ऐसी खोई कि उस की आंखों की नींद न जाने कहां गायब हो गई. उसे समीर ही समीर दिखाई दे रहा था. जब वह पहली बार समीर से मिली थी, तब उसे देखते ही उस का दिल धड़क उठा था.

समीर एम. टैक. फाइनल ईयर का छात्र था और नीता फाइन आर्ट्स की. दोनों एक अनजाने आकर्षण से एकदूसरे की ओर खिंचे चले जा रहे थे. दोनों रोज मिलते. प्रेम के सागर में डूबे दोनों को एकदूसरे के बिना जीवन निरर्थक लगने लगा था. समीर नीता के सौंदर्य और उस के मधुर स्वभाव पर मुग्ध था और नीता… नीता तो समीर की दीवानी थी. जब कभी अपने सपनों के शहजादे की कल्पना करती तो उस की आंखों में समीर का ही चेहरा आता.

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14. बेवफा सनम: जब कुंआरी लड़की पर फिसला शादीशुदा अनिलprem kahani

कई तरह के पकवान बनाने मे माहिर नीलिमा एक बहुत अच्छी डांसर भी थी. वे दोनों एकदूसरे पर जान छिड़कते थे. दोनों की शादीशुदा जिंदगी पिछले 10 साल से बेहद सुकून और प्यार से चल रही थी.इधर, अनीता ने हाल ही में एमए और कंप्यूटर कोर्स किया था. वह किसी नौकरी की तलाश में थी. वह एक मिडिल क्लास परिवार से थी. पिछले कई दिनों से वह स्कूटी चलाने की प्रैक्टिस कर रही थी.

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15. कैलेंडर गर्ल : कैसी हकीकत से रूबरू हुई मोहनाprem kahani

‘‘श्री…मुझे माफ कर दो…’’ श्रीधर के गले लग कर आंखों से आंसुओं की बहती धारा के साथ सिसकियां लेते हुए मोहना बोल रही थी.

मोहना अभी मौरीशस से आई थी. एक महीना पहले वह पूना से ‘स्कायलार्क कलेंडर गर्ल प्रतियोगिता’ में शामिल होने के लिए गई थी. वहां जाने से पहले एक दिन वह श्री को मिली थी.

वही यादें उस की आंखों के सामने चलचित्र की भांति घूम रही थीं.

‘‘श्री, आई एम सो ऐक्साइटेड. इमैजिन, जस्ट इमैजिन, अगर मैं स्कायलार्क कलेंडर के 12 महीने के एक पेज पर रहूंगी दैन आई विल बी सो पौपुलर. फिर क्या, मौडलिंग के औफर्स, लैक्मे और विल्स फैशन वीक में भी शिरकत करूंगी…’’ बस, मोहना सपनों में खोई हुई बातें करती जा रही थी.

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